Advertisement
मुंडवा (नागौर) में सीमेंट प्लांट के लिए समयावधि विस्तार की विचाराधीन है कार्यवाही : शेखावत
उद्योग मंत्री ने बताया कि हस्तगत प्रकरण में संभागीय आयुक्त अजमेर ने अपने
पत्र 10 मई, 2017 से जिला कलेक्टर नागौर के पत्र 9 मई, 2017 के आधार पर
मैसर्स अबूंजा सीमेंट लिमिटेड को ग्राम मारवाड, मूडंवा, नागौर मंा सीमेंट
प्लांट की स्थापना के लिए समयावधि विस्तार करने की अनुशंसा की।
शेखावत ने बताया कि कंपनी के द्वारा समयावधि विस्तार के निवेदन के संबंध में मुख्य सचिव के स्तर पर 5 जनवरी, 2018 एवं 11 जनवरी, 2018 को बैठक हुई, जिसमें अन्य विभागों एवं कंपनी का पक्ष सुना गया। कंपनी द्वारा मांगे गए समयावधि विस्तार में प्लांट निश्चित रूप से पूर्ण करने के लिए विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए, जो कम्पनी द्वारा प्रस्तुत कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इनका परीक्षण किया जा रहा है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि कंपनी द्वारा समयावधि बढ़ाने के लिए प्रस्तुत प्रार्थना-पत्र 12 दिसंबर, 2016 के संबंध में प्रकरण विचाराधीन-प्रकियाधीन है। उन्होंने जानकारी दी कि सरकारी भूमि के लिए अवाप्ति की आवश्यकता नहीं होती है।
शेखावत ने बताया कि कंपनी के लिए अधिग्रहित-आवंटित भूमि के संबंध में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति पर आदेश क्रमांक F. No. Z-11011/6/2013-IA-II (I) दिनांक 24 जुलाई, 2013 से रोक लगाई गई थी। उन्होंने बताया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पर्यावरण स्वीकृति पर आदेश क्रमांक F. No. Z-11011/6/2013-IA-II (I) 6 दिसम्बर, 2016 से रोक हटा ली गई है। उन्होंने आदेश की प्रति सदन के पटल पर रखी।
उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पत्र क्रमांक प.4(54)उद्योग/1/1986 दिनांक 29 जनवरी, 2015 के द्वारा कंपनी को 31 दिसम्बर, 2016 तक प्लांट लगाने की अनुमति दी गई थी। कंपबनी द्वारा समयावधि विस्तार के लिए प्रस्तुत प्रार्थना-पत्र के क्रम में कार्यवाही विचाराधीन, प्रक्रियाधीन है।
शेखावत ने बताया कि कंपनी के द्वारा समयावधि विस्तार के निवेदन के संबंध में मुख्य सचिव के स्तर पर 5 जनवरी, 2018 एवं 11 जनवरी, 2018 को बैठक हुई, जिसमें अन्य विभागों एवं कंपनी का पक्ष सुना गया। कंपनी द्वारा मांगे गए समयावधि विस्तार में प्लांट निश्चित रूप से पूर्ण करने के लिए विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए, जो कम्पनी द्वारा प्रस्तुत कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इनका परीक्षण किया जा रहा है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि कंपनी द्वारा समयावधि बढ़ाने के लिए प्रस्तुत प्रार्थना-पत्र 12 दिसंबर, 2016 के संबंध में प्रकरण विचाराधीन-प्रकियाधीन है। उन्होंने जानकारी दी कि सरकारी भूमि के लिए अवाप्ति की आवश्यकता नहीं होती है।
शेखावत ने बताया कि कंपनी के लिए अधिग्रहित-आवंटित भूमि के संबंध में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति पर आदेश क्रमांक F. No. Z-11011/6/2013-IA-II (I) दिनांक 24 जुलाई, 2013 से रोक लगाई गई थी। उन्होंने बताया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पर्यावरण स्वीकृति पर आदेश क्रमांक F. No. Z-11011/6/2013-IA-II (I) 6 दिसम्बर, 2016 से रोक हटा ली गई है। उन्होंने आदेश की प्रति सदन के पटल पर रखी।
उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पत्र क्रमांक प.4(54)उद्योग/1/1986 दिनांक 29 जनवरी, 2015 के द्वारा कंपनी को 31 दिसम्बर, 2016 तक प्लांट लगाने की अनुमति दी गई थी। कंपबनी द्वारा समयावधि विस्तार के लिए प्रस्तुत प्रार्थना-पत्र के क्रम में कार्यवाही विचाराधीन, प्रक्रियाधीन है।
ये भी पढ़ें - जेल जाने से बचाती हैं यह माता! चढ़ाते हैं हथकड़ी
Advertisement
Advertisement
नागौर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement