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मोहन भागवत ने CAA के विरोधियों का नाम लिए बिना ये कहा
गोरखपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां रविवार को झंडारोहण किया। इस दौरान उन्होंने सीएए के विरोधियों को नाम लिए बिना इशारों में कहा कि लोकतंत्र में राजा के पास अधिकार हैं, लेकिन अधिकारों के साथ ही अपने कर्तव्य और अनुशासन का भी सभी पालन करें। भागवत ने यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि "देश को स्वतंत्र कराने वाले क्रांतिकारियों के सपनों के अनुरूप भारत बनाने के लिए राजा के पास अधिकार हैं, लेकिन अधिकारों के साथ सभी अपने कर्तव्य और अनुशासन का भी पालन करें, तभी ऐसे भारत का निर्माण होगा, जो दुनिया और मानवता की भलाई को समर्पित हो।"
उन्होंने कहा कि समर्थ, वैभवशाली और परोपकारी भारत के निर्माण को ध्यान में रखकर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। कर्तव्य बुद्धि से किया गया कार्य ही इस लक्ष्य को प्राप्त कराएगा। देश और विश्व उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।"
भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनों के लिए जीता है, और समाज में सबसे नीचे पायदान पर खड़े लोग ही उसके अपने हैं। उन्होंने कहा, "रावण भी ज्ञानवान था, लेकिन उसके सोचने की दिशा गलत थी और एक राष्ट्र का विनाश हो गया। इसलिए विद्या का उपयोग ज्ञान-ध्यान में करें। बल का उपयोग दुर्बलों की रक्षा और धन का उपयोग गरीबों की सेवा में करें।
उन्होंने कहा कि समर्थ, वैभवशाली और परोपकारी भारत के निर्माण को ध्यान में रखकर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। कर्तव्य बुद्धि से किया गया कार्य ही इस लक्ष्य को प्राप्त कराएगा। देश और विश्व उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।"
भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनों के लिए जीता है, और समाज में सबसे नीचे पायदान पर खड़े लोग ही उसके अपने हैं। उन्होंने कहा, "रावण भी ज्ञानवान था, लेकिन उसके सोचने की दिशा गलत थी और एक राष्ट्र का विनाश हो गया। इसलिए विद्या का उपयोग ज्ञान-ध्यान में करें। बल का उपयोग दुर्बलों की रक्षा और धन का उपयोग गरीबों की सेवा में करें।
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