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मोदी बोले, जन आरोग्य योजना में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त होगा इलाज
रांची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि योजना मुसिबत के समय आप के काम आएगी। किसी भी राज्य में आप इलाज करवा सकते हैं।यह योजना परिवार के मुखिया से शुरू होगी। पहले नियम ऐसे बनाए गरीब आदमी इलाज के बिना ही मर जाते थे। इस योजना से उनको इलाज मुफ्त मिलेगा। इससे पहले मोदी ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ किया गया।
मोदी ने कहा कि गरीबों के इलाज के लिए सबसे बडी योजना शुरू की गई है। इस योजना को अपनी-अपनी बातों से बता रहे हैं। देश में 50 करोड लोगों को पांच लाख का इलाज देने वाली दुनिया की सबसे बडी कैसलेस योजना है। ऐसी योजना किसी भी देश में नहीं चल रही है। उन्होंने कहा कि यूरोपियन संगठन है, उसकी जनसंख्या के बराबर इतने लोगों को लाभ मिलेगा।
मोदी ने कहा कि देश की आजादी के बाद से गरीबी हटाने की बात कहते थे। लेकिन गरीबी को सशक्तीकरण करने का प्रयास किया। मोदी ने कहा कि मैंने गरीबी को जीया, गरीबी को नजदीकी से देखा है। गरीबी समस्याओं को लडने का हौसला देती है। गरीबी आप नया करने का मौका देती हैै।
मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से दो महापुरुषों का नाता जुड़ा है। अप्रैल में जब योजना के पहले चरण शुरु हुआ था तो उस दिन बाबा साहेब अंबेडकर का जन्मदिन था। अब इसी कड़ी में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिवस से दो दिन पहले शुरु हुई है।
मोदी ने कहा कि ईएचसीपी नेटवर्क सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में लाभान्वितों को नगदरहित और पेपररहित सुविधा उपलब्ध कराएगा। इस सेवा में प्री और पोस्ट हॉस्पिटेलाइजेशन, रोग निदान और दवाइयों सहित 1,350 प्रक्रियाएं शामिल होगी। आयुष्मान भारत योजना के दो भाग हैं-जिसके तहत 150,000 स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र का निर्माण होगा जो व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराएगा और दूसरा पीएमजेएवाई है, जो गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराएगा।
मोदी ने कहा कि पीएमजीएवाई में मुख्यत: गरीबों, वंचित ग्रामीण परिवार और नवीनतम सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना(एसईसीसी) के आधार पर शहरी श्रमिक परिवारों के पहचान की गई व्यावसायिक श्रेणी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीआई) के सक्रिय परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।परियोजना का ‘पॉयलट लॉन्च’ 22 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पहले ही शुरू हो चुका है। अब तक 30 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है और इस परियोजना पर कार्य करना शुरू कर दिया है।
केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि इस योजना में किसी भी तरह के पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। यह पूरी तरह से आईटी पर आधारित कार्यक्रम है। इसमें लाभार्थियों को गोल्ड कार्ड मिलेगा। इससे वो किसी भी अस्पताल में मुफ्त में इलाज करा सकेंगे। देश के अंतिम व्यक्ति को इसका लाभ पहुंचें ऐसा प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य है।
इन परिवारों के लोग द्वितीयक और तृतीयक श्रेणी के तहत पैनल के अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से भर्ती हो सकते हैं। यह योजना लाभार्थियों को नकदी रहित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी। पात्र लोग सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियां आयेगी। सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गांवों में ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों में 2.33 परिवार हैं। यदि एक परिवार में सदस्यों की औसतन संख्या 5 मानी जाए तो इस हिसाब से योजना का लाभ करीब 50 करोड़ लोगों को मिलेगा।
मोदी ने कहा कि गरीबों के इलाज के लिए सबसे बडी योजना शुरू की गई है। इस योजना को अपनी-अपनी बातों से बता रहे हैं। देश में 50 करोड लोगों को पांच लाख का इलाज देने वाली दुनिया की सबसे बडी कैसलेस योजना है। ऐसी योजना किसी भी देश में नहीं चल रही है। उन्होंने कहा कि यूरोपियन संगठन है, उसकी जनसंख्या के बराबर इतने लोगों को लाभ मिलेगा।
मोदी ने कहा कि देश की आजादी के बाद से गरीबी हटाने की बात कहते थे। लेकिन गरीबी को सशक्तीकरण करने का प्रयास किया। मोदी ने कहा कि मैंने गरीबी को जीया, गरीबी को नजदीकी से देखा है। गरीबी समस्याओं को लडने का हौसला देती है। गरीबी आप नया करने का मौका देती हैै।
मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से दो महापुरुषों का नाता जुड़ा है। अप्रैल में जब योजना के पहले चरण शुरु हुआ था तो उस दिन बाबा साहेब अंबेडकर का जन्मदिन था। अब इसी कड़ी में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिवस से दो दिन पहले शुरु हुई है।
मोदी ने कहा कि ईएचसीपी नेटवर्क सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में लाभान्वितों को नगदरहित और पेपररहित सुविधा उपलब्ध कराएगा। इस सेवा में प्री और पोस्ट हॉस्पिटेलाइजेशन, रोग निदान और दवाइयों सहित 1,350 प्रक्रियाएं शामिल होगी। आयुष्मान भारत योजना के दो भाग हैं-जिसके तहत 150,000 स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र का निर्माण होगा जो व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराएगा और दूसरा पीएमजेएवाई है, जो गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराएगा।
मोदी ने कहा कि पीएमजीएवाई में मुख्यत: गरीबों, वंचित ग्रामीण परिवार और नवीनतम सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना(एसईसीसी) के आधार पर शहरी श्रमिक परिवारों के पहचान की गई व्यावसायिक श्रेणी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीआई) के सक्रिय परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।परियोजना का ‘पॉयलट लॉन्च’ 22 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पहले ही शुरू हो चुका है। अब तक 30 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है और इस परियोजना पर कार्य करना शुरू कर दिया है।
केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि इस योजना में किसी भी तरह के पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। यह पूरी तरह से आईटी पर आधारित कार्यक्रम है। इसमें लाभार्थियों को गोल्ड कार्ड मिलेगा। इससे वो किसी भी अस्पताल में मुफ्त में इलाज करा सकेंगे। देश के अंतिम व्यक्ति को इसका लाभ पहुंचें ऐसा प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य है।
इन परिवारों के लोग द्वितीयक और तृतीयक श्रेणी के तहत पैनल के अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से भर्ती हो सकते हैं। यह योजना लाभार्थियों को नकदी रहित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी। पात्र लोग सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियां आयेगी। सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गांवों में ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों में 2.33 परिवार हैं। यदि एक परिवार में सदस्यों की औसतन संख्या 5 मानी जाए तो इस हिसाब से योजना का लाभ करीब 50 करोड़ लोगों को मिलेगा।
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