Modi magic support to bjp -m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 28, 2024 5:31 pm
Location
Advertisement

अंतिम चरण में भाजपा को मोदी मैजिक और जातीय गणित का सहारा

khaskhabar.com : गुरुवार, 16 मई 2019 6:58 PM (IST)
अंतिम चरण में भाजपा को मोदी मैजिक और जातीय गणित का सहारा
धीरज उपाध्याय

लखनऊ । लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण को भेदने के लिए सभी पार्टियां अपने तरीके से प्रचार कर रही है। वहीं उत्तर प्रदेश में होने वाले अंतिम चरण के सातवें चरण में वाराणसी समेत पूर्वांचल की 13 सीटों पर मतदान होना उनमें औसतन 40 से 50 फीसदी तक पिछड़ी जातियां हैं। इसीलिए सभी दलों ने पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। अगर दो सुरक्षित सीटों को छोड़ दें तो शेष 11 सीटों में भाजपा ने पांच, सपा-बसपा गठबंधन ने आठ और कांग्रेस ने तीन प्रत्याशी पिछड़ी जाति से उतारे हैं।

इसी जातीय समीकरण को देखते हुए भाजपा ने अपने ब्रह्मास्त्र मोदी मैजिक के साथ जातीय गणित का भी सहारा लिया है। भाजपा ने पिछड़ी और अनुसूचित जाति के मतदाताओं को लुभाने के लिए कई टीमों का गठन किया है, खासकर निषाद, सोनकर, पासवान, पटेल, और कुर्मी जो अपनी बिरादरी में जाकर भाजपा का प्रचार कर वोट की अपील कर रहे है। इसके एलावा भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर केंद्र द्वारा चलायी गयी उज्जवला, सौभाग्य, प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री-किसान आय सहायता योजना जैसी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भाजपा के पक्ष में वोट की अपील कर रही है। पार्टी ने जिलेवार योजनाओं के लाभार्थियों की सूची बनाकर सम्पर्क अभियान भी चलाया है।

हालांकि इस चरण में आंकड़े भाजपा के साथ दिखते है, अगर 2104 के वोट प्रतिशत देखे तो इन 13 सीटों में सपा-बसपा गठबंधन के संयुक्त वोट मिलाकर भी केवल चार सीटों घोसी, बलिया, गाजीपुर और चंदौली में भाजपा से अधिक होते हैं। जबकि शेष 9 सीटों पर भाजपा आगे है। वहीं पूर्वांचल कि अधिकतर सीटों पर कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी उतारा है, जो किसी न किसी का वोट जरूर काटेंगे।

बीजेपी एक खास रणनीति के तहत इस चरण में अपनी 2014 वाली जीत दुहराना चाहती हैं, जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी पूरे पूर्वांचल में सभाएं कर रहे है। प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष के दौरे के कार्यक्रम ने पूरब में चुनावी सरगर्मी बढ़ा दी है। इस चरण भाजपा कांग्रेस से ज्यादा गठबंधन पर हमला बोल रही है। जिससे जातीय समीकरण उनके पक्ष मे जा सके। वहीं दूसरी ओर गठबंधन भी चक्रव्यूह के आखिरी द्वार को भेदने के लिए अखिलेश-मायावती की संयुक्त रैली कर रहा है। सभी दल इस अंतिम चरण में अपनी पूरी ताकत झोक रहे है। हालांकि इस चरण के मतदान 19 माई को होने है और उसके चार दिन बाद परिणाम 23 मई को आएगा तब पता चलेगा कि कौन किस पर भारी था।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar UP Facebook Page:
Advertisement
Advertisement