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मोदी जी कुछ मदद करो, पति ने बिना तलाक दिए ही घर से निकाला, कर ली दूसरी शादी
चूरू। मोदी
जी आप तो प्रधानमंत्री हो, मेरी मदद करो, मेरे पति ने तलाक दिए ही बिना ही
मुझे मेरे बेटे के साथ घर से निकाल दिया अब उसने दूसरी शादी कर ली। मुझे
कहीं न्याय नहीं मिल रहा, मेरी मदद करो। यह मार्मिक पत्र चूरू की खतीजा ने
पीएम मोदी को लिखा है।
मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक प्रथा पर जहां बहस हो रही है और सुप्रीम कोर्ट की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच इस पर सुनवाई कर रहा है वहीं चूरू जिले में बीदासर कस्बे की रहने वाली खतीजा सिलावट बिना तलाक के ही तीन तलाक और चार शादी के रिवाज जैसी सामाजिक बुराई का दंश झेल रही है।
खतीजा, अपने आठ साल के बेटे के साथ आज मजबूरियों की जिन्दगी जी रही है, पीडि़त खतीजा के पति आबिद ने उसे बिना तलाक दिये ही उसकी अनुमति के बिना दूसरी शादी कर ली है। जहां पति आबिद ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा है वहीं पीडि़त खतीजा अपने पिता मोहम्मद अयूब के घर रहकर जिन्दगी काट रही है। थक हार कर अब पीडि़त खतीजा ने देश के प्रधानमंत्री में उम्मीद की किरण देखते हुए न्याय दिलाने की गुहार करते हुए एक पत्र भेजा है।
पत्र में खतीजा ने देश के प्रधानमंत्री से कहा है कि आपने मुस्लिम महिलाओं के दर्द को समझा है, इसलिए जल्द से जल्द तीन तलाक और चार शादी के रिवाज को बंद करवायें, ताकि मर्दों द्वारा महिलाओं पर किया जा रहा अत्याचार बंद हो सके।
चूरू जिले के बीदासर के वार्ड न 10 में रहने वाले मोहम्मद अयूब बल्खी ने अपनी लाडली बेटी खतीजा की शादी 5 मई 2006 को बीदासर में ही रहने वाले आबिद सिलावट के साथ की थी। शादी के बाद दोनों के सम्बंध से एक लडक़ा अरमान भी जन्मा। लेकिन 8 वर्ष पूर्व पति आबिद ने पत्नी खतीजा को उसके बच्चे अरमान सहित घर से निकाल दिया और फिर कभी उसे बतौर पत्नी रखने के लिए राजी नहीं हुआ। खतीजा के पिता अयूब बल्खी बताते हैं कि मैंने मेरे सगे सम्बंधियों और जवाई के पैर तक पकड़े और मेरी बेटी को ससुराल में रखने के लिए निवेदन किया, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ और फिर आबिद विदेश चला गया।
मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक प्रथा पर जहां बहस हो रही है और सुप्रीम कोर्ट की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच इस पर सुनवाई कर रहा है वहीं चूरू जिले में बीदासर कस्बे की रहने वाली खतीजा सिलावट बिना तलाक के ही तीन तलाक और चार शादी के रिवाज जैसी सामाजिक बुराई का दंश झेल रही है।
खतीजा, अपने आठ साल के बेटे के साथ आज मजबूरियों की जिन्दगी जी रही है, पीडि़त खतीजा के पति आबिद ने उसे बिना तलाक दिये ही उसकी अनुमति के बिना दूसरी शादी कर ली है। जहां पति आबिद ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा है वहीं पीडि़त खतीजा अपने पिता मोहम्मद अयूब के घर रहकर जिन्दगी काट रही है। थक हार कर अब पीडि़त खतीजा ने देश के प्रधानमंत्री में उम्मीद की किरण देखते हुए न्याय दिलाने की गुहार करते हुए एक पत्र भेजा है।
पत्र में खतीजा ने देश के प्रधानमंत्री से कहा है कि आपने मुस्लिम महिलाओं के दर्द को समझा है, इसलिए जल्द से जल्द तीन तलाक और चार शादी के रिवाज को बंद करवायें, ताकि मर्दों द्वारा महिलाओं पर किया जा रहा अत्याचार बंद हो सके।
चूरू जिले के बीदासर के वार्ड न 10 में रहने वाले मोहम्मद अयूब बल्खी ने अपनी लाडली बेटी खतीजा की शादी 5 मई 2006 को बीदासर में ही रहने वाले आबिद सिलावट के साथ की थी। शादी के बाद दोनों के सम्बंध से एक लडक़ा अरमान भी जन्मा। लेकिन 8 वर्ष पूर्व पति आबिद ने पत्नी खतीजा को उसके बच्चे अरमान सहित घर से निकाल दिया और फिर कभी उसे बतौर पत्नी रखने के लिए राजी नहीं हुआ। खतीजा के पिता अयूब बल्खी बताते हैं कि मैंने मेरे सगे सम्बंधियों और जवाई के पैर तक पकड़े और मेरी बेटी को ससुराल में रखने के लिए निवेदन किया, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ और फिर आबिद विदेश चला गया।
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चूरु
राजस्थान से
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