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किसानों को फसलों का वाजिब दाम दिलाना सरकार की चुनौती, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा ने आईएएनएस से कहा, शांताकुमार समिति की
रिपोर्ट बताती है कि देशभर में सिर्फ छह फीसदी किसानों को उनकी उपज की
सरकारी खरीद का लाभ मिलता है। बकौल शर्मा गेहूं और धान के सिवा अन्य फसलों
की सरकारी खरीद बहुत कम होती है। उन्होंने बताया, देशभर में गेहूं और धान
की सरकारी खरीद तकरीबन 30 फीसदी होती है।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल धान और गेहू का उत्पादन क्रमश: 11.64 करोड़ टन और 10.21 करोड़ टन था। जबकि एफसीआई के आंकड़ों के अनुसार, सरकार की तरफ से धान की खरीददारी 4.43 करोड़ टन और गेहूं की खरीददारी 3.41 करोड़ टन हुई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या किसानों को फसलों का वाजिब दाम दिलाना सरकार के लिए चुनौती बन गई? उन्होंने कहा, बेशक यह एक चुनौती है, क्योंकि जब तक किसानों को फसलों का वाजिब दाम नहीं मिलेगा तब तक उनकी आमदनी नहीं बढ़ेगी।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल धान और गेहू का उत्पादन क्रमश: 11.64 करोड़ टन और 10.21 करोड़ टन था। जबकि एफसीआई के आंकड़ों के अनुसार, सरकार की तरफ से धान की खरीददारी 4.43 करोड़ टन और गेहूं की खरीददारी 3.41 करोड़ टन हुई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या किसानों को फसलों का वाजिब दाम दिलाना सरकार के लिए चुनौती बन गई? उन्होंने कहा, बेशक यह एक चुनौती है, क्योंकि जब तक किसानों को फसलों का वाजिब दाम नहीं मिलेगा तब तक उनकी आमदनी नहीं बढ़ेगी।
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