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निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की धीमी चाल पर मंत्री ने जताई नाराजगी
चूरू। मुख्यमंत्री के बजट घोषणा में स्वीकृत चूरू जिला मुख्यालय पर 63 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज को लेकर उन अभ्यर्थियों को तगडा़ झटका लगा है , जो इसी सत्र में प्रवेश पाने के इच्छुक थे। चूरू में कार्य की धीमी गति के चलते इस सत्र में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायेगी।
पंचायतराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने आज मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के दौरान कार्य की कछुआ चाल को लेकर कडी़ नाराजगी जताई। मंत्री राठौड़ ने अफसोस जताते हुए कहा कि राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेज शुरू होने की घोषणा चिकित्सा मंत्री रहते हुए मेरे खुद के द्वारा की गई थी, लेकिन मुझे स्वीकारोक्ति में कोई गुरेज नहीं कि मैं यह काम नहीं कर पाया। निरीक्षण के दौरान मंत्री राठौड़ ने निर्माता कंपनी के प्रतिनिधियों को फटकार लगाते हुए चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव से बात कर निर्माता कम्पनी के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही।
मंत्री राठौड ने निर्माता कम्पनी को निर्देश देते हुए चेतावनी दी कि लैबर संख्या बढाकर कार्य को गति प्रदान करें अन्यथा कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही शुरू की जायेगी। उन्होने कहा कि 31 अगस्त तक अगर एलओपी का काम नहीं होगा तो निर्माता कम्पनी को विदा कर किसी दुसरे को ठेका दिया जायेगा। अपनी नाराजगी जताते हुए मंत्री राठौड़ ने कहा कि निर्माता कम्पनी द्वारा जून 2017 में मेडिकल कार्य पूरा कर हैण्डओवर करने की समयावधि दी थी, लेकिन कार्य में देरी के चलते 31 अगस्त तक कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए था, लेकिन आज के निरीक्षण के पश्चात मुझे नहीं लगता कि कार्य अभी 6 महीने तक भी पूरा नहीं होगा। मैंने चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव से बात की है तथा निर्माता कम्पनी के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही के लिए कहा है। हमारा पूरा प्रयास था कि मेडिकल काउन्सिल का निरीक्षण होकर इसी सत्र में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश शुरू हो जाये लेकिन मेडिकल कॉलेज इस वर्ष शुरू नहीं कर पायेंगे। मंत्री ने कहा कि मेरे चिकित्सा मन्त्री रहते चूरू मेडिकल कॉलेज का कार्य 1 नम्बर पर था लेकिन अब पांचवे नम्बर पर आ गये है
पंचायतराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने आज मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के दौरान कार्य की कछुआ चाल को लेकर कडी़ नाराजगी जताई। मंत्री राठौड़ ने अफसोस जताते हुए कहा कि राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेज शुरू होने की घोषणा चिकित्सा मंत्री रहते हुए मेरे खुद के द्वारा की गई थी, लेकिन मुझे स्वीकारोक्ति में कोई गुरेज नहीं कि मैं यह काम नहीं कर पाया। निरीक्षण के दौरान मंत्री राठौड़ ने निर्माता कंपनी के प्रतिनिधियों को फटकार लगाते हुए चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव से बात कर निर्माता कम्पनी के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही।
मंत्री राठौड ने निर्माता कम्पनी को निर्देश देते हुए चेतावनी दी कि लैबर संख्या बढाकर कार्य को गति प्रदान करें अन्यथा कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही शुरू की जायेगी। उन्होने कहा कि 31 अगस्त तक अगर एलओपी का काम नहीं होगा तो निर्माता कम्पनी को विदा कर किसी दुसरे को ठेका दिया जायेगा। अपनी नाराजगी जताते हुए मंत्री राठौड़ ने कहा कि निर्माता कम्पनी द्वारा जून 2017 में मेडिकल कार्य पूरा कर हैण्डओवर करने की समयावधि दी थी, लेकिन कार्य में देरी के चलते 31 अगस्त तक कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए था, लेकिन आज के निरीक्षण के पश्चात मुझे नहीं लगता कि कार्य अभी 6 महीने तक भी पूरा नहीं होगा। मैंने चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव से बात की है तथा निर्माता कम्पनी के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही के लिए कहा है। हमारा पूरा प्रयास था कि मेडिकल काउन्सिल का निरीक्षण होकर इसी सत्र में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश शुरू हो जाये लेकिन मेडिकल कॉलेज इस वर्ष शुरू नहीं कर पायेंगे। मंत्री ने कहा कि मेरे चिकित्सा मन्त्री रहते चूरू मेडिकल कॉलेज का कार्य 1 नम्बर पर था लेकिन अब पांचवे नम्बर पर आ गये है
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चूरु
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