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मायावती ने साधा निशाना, अब भाजपा बांट रही है देवी-देवताओं को
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा पहले जातियों को बांट रही थी, अब देवी-देवताओं को बांटने में लगी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान 'हनुमान जी दलित हैं' पर कटाक्ष करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेतागण इतना गिर गए हैं कि वोट और चुनावी स्वार्थ की राजनीति में अब वे हिंदू देवी-देवताओं और आस्थाओं को भी नहीं बख्श रहे हैं।"
मायावती ने परिनिर्वाण दिवस पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "बाबा साहेब ने भारत के संविधान में 'एक वोट एक मूल्य' की अवधारणा देकर समतामूलक समाज की कल्पना की थी, लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा सरकार इस संविधान को विफल कर देना चाहती है। देश के किसान भाजपा सरकार की नीतियों से परेशान हैं। यहां तक कि फसल बीमा योजना का असली लाभ गरीब किसानों को नहीं, बल्कि कुछ अमीरों को हुआ है।"
बसपा प्रमुख ने कहा कि महिलाएं सुरक्षा व सम्मान के लिए बेचैन हैं। करोड़ों बेरोजगार रोजगार न मिलने से आहत हैं, लेकिन भाजपा व आरएसएस एंड कंपनी के लोग अपनी डफली बजा रहे हैं कि 'मंदिर जरूर बनाएंगे' यानी सरकार जनहित, जनकल्याण व देश निर्माण आदि की सारी संवैधानिक कर्तव्यों व जिम्मेदारियों से मुक्त होकर मंदिर निर्माण की बात कम से कम अगले चुनाव तक जरूर करते रहने में लगी पर कटिबद्ध लग रही है।
मायावती ने परिनिर्वाण दिवस पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "बाबा साहेब ने भारत के संविधान में 'एक वोट एक मूल्य' की अवधारणा देकर समतामूलक समाज की कल्पना की थी, लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा सरकार इस संविधान को विफल कर देना चाहती है। देश के किसान भाजपा सरकार की नीतियों से परेशान हैं। यहां तक कि फसल बीमा योजना का असली लाभ गरीब किसानों को नहीं, बल्कि कुछ अमीरों को हुआ है।"
बसपा प्रमुख ने कहा कि महिलाएं सुरक्षा व सम्मान के लिए बेचैन हैं। करोड़ों बेरोजगार रोजगार न मिलने से आहत हैं, लेकिन भाजपा व आरएसएस एंड कंपनी के लोग अपनी डफली बजा रहे हैं कि 'मंदिर जरूर बनाएंगे' यानी सरकार जनहित, जनकल्याण व देश निर्माण आदि की सारी संवैधानिक कर्तव्यों व जिम्मेदारियों से मुक्त होकर मंदिर निर्माण की बात कम से कम अगले चुनाव तक जरूर करते रहने में लगी पर कटिबद्ध लग रही है।
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