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जम्मू-कश्मीर फर्जी बंदूक लाइसेंस मामले में रियासी जिले में कई लोग नामजद
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में सोमवार को पुलिस ने अन्य अपराधियों के साथ मिलकर आतंकवादियों के एक ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के खिलाफ फर्जी बंदूक लाइसेंस रखने का मामला दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि रियासी जिले में कुख्यात अपराधी और हिस्ट्रीशीटर पिछले कई वर्षों से आत्मरक्षा के बहाने नकली बंदूक लाइसेंस रखते थे और इस सिलसिले में अब एक ओजीडब्ल्यू पर मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि फील्ड रिपोर्ट उनके लिए किसी ऐसे खतरे का समर्थन नहीं करती हैं, जिसके लिए उन्हें आत्म-सुरक्षा की आवश्यकता थी, बल्कि वे अवैध रूप से हथियार और गोला-बारूद रखने से समाज में शांति के लिए खतरा थे।
सूत्रों ने कहा, पुलिस के संज्ञान में आया कि ये अपराधी इन हथियारों का उपयोग क्षेत्र के शांतिप्रिय और निर्दोष लोगों को परेशान करने के लिए कर रहे हैं और आम लोगों के मन में एक भय मनोविकृति पैदा कर चुके हैं। उन्होंने भय और धमकियों के माध्यम से बड़ी संपत्ति अर्जित की थी।
रियासी जिले में पुलिस ने इन अपराधियों की पहचान की है, ताजा फील्ड रिपोर्ट तैयार की है और उचित आपराधिक कार्रवाई के लिए सिफारिशों के साथ संबंधित जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क किया है।
सूत्रों ने कहा, महोरे के मोहम्मद अमीन का बेटा मोहम्मद असगर, जो आतंकवादियों के लिए एक ओजीडब्ल्यू के तौर पर काम करता है, ने भी वर्ष 1984 में जिला उधमपुर से एक नकली बंदूक लाइसेंस प्राप्त किया था।
पुलिस ने अवैध बंदूक और गोला-बारूद जब्त करने के बाद उसके खिलाफ महोरे थाने में मामला दर्ज किया है। सूत्रों ने कहा, अन्य अपराधियों की पहचान की गई है, जिनमें मोहम्मद इस्माइल, रतन लाल, गुलशन कुमार उर्फ शिव ज्योति, जमान शाह और रमन कुमार शामिल हैं, जो सभी रियासी के रहने वाले हैं।
सूत्रों ने आगे कहा, दो अन्य हिस्ट्रीशीटर सचिन सिंह और मान सिंह के लाइसेंस को भी रद्द करने की सिफारिश की गई है। बता दें कि सीबीआई पहले से ही जम्मू-कश्मीर में एक बड़े बंदूक लाइसेंस रैकेट की जांच कर रही है और पिछले सप्ताह एजेंसी द्वारा दो आईएएस अधिकारियों के आवासों सहित 22 स्थानों पर छापे मारे गए थे।
--आईएएनएस
सूत्रों ने कहा कि फील्ड रिपोर्ट उनके लिए किसी ऐसे खतरे का समर्थन नहीं करती हैं, जिसके लिए उन्हें आत्म-सुरक्षा की आवश्यकता थी, बल्कि वे अवैध रूप से हथियार और गोला-बारूद रखने से समाज में शांति के लिए खतरा थे।
सूत्रों ने कहा, पुलिस के संज्ञान में आया कि ये अपराधी इन हथियारों का उपयोग क्षेत्र के शांतिप्रिय और निर्दोष लोगों को परेशान करने के लिए कर रहे हैं और आम लोगों के मन में एक भय मनोविकृति पैदा कर चुके हैं। उन्होंने भय और धमकियों के माध्यम से बड़ी संपत्ति अर्जित की थी।
रियासी जिले में पुलिस ने इन अपराधियों की पहचान की है, ताजा फील्ड रिपोर्ट तैयार की है और उचित आपराधिक कार्रवाई के लिए सिफारिशों के साथ संबंधित जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क किया है।
सूत्रों ने कहा, महोरे के मोहम्मद अमीन का बेटा मोहम्मद असगर, जो आतंकवादियों के लिए एक ओजीडब्ल्यू के तौर पर काम करता है, ने भी वर्ष 1984 में जिला उधमपुर से एक नकली बंदूक लाइसेंस प्राप्त किया था।
पुलिस ने अवैध बंदूक और गोला-बारूद जब्त करने के बाद उसके खिलाफ महोरे थाने में मामला दर्ज किया है। सूत्रों ने कहा, अन्य अपराधियों की पहचान की गई है, जिनमें मोहम्मद इस्माइल, रतन लाल, गुलशन कुमार उर्फ शिव ज्योति, जमान शाह और रमन कुमार शामिल हैं, जो सभी रियासी के रहने वाले हैं।
सूत्रों ने आगे कहा, दो अन्य हिस्ट्रीशीटर सचिन सिंह और मान सिंह के लाइसेंस को भी रद्द करने की सिफारिश की गई है। बता दें कि सीबीआई पहले से ही जम्मू-कश्मीर में एक बड़े बंदूक लाइसेंस रैकेट की जांच कर रही है और पिछले सप्ताह एजेंसी द्वारा दो आईएएस अधिकारियों के आवासों सहित 22 स्थानों पर छापे मारे गए थे।
--आईएएनएस
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