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स्क्रैप गोदाम से करोड़ों की हेराफेरी, एईएन सहित गिरोह के 6 बदमाश गिरफ्तार
जयपुर। सीआईयु और करणी विहार थाना पुलिस टीम ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए हीरापुरा पावर हाउस के स्क्रैप गोदाम से करोड़ों की हेराफेरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एईएन व गिरोह के सरगना सहित 6 लोगों को पुलि से दबोचा है। जिनसे लाखों रुपए की कीमत का स्क्रैप 2 ट्रक और 1 कार जब्त की गई है। जिनसे गहनता से पूछताछ की गई तो चैंकाने वाले खुलासे सामने आए।
पुलिस कमिश्नर आनन्द श्रीवास्तव ने बताया कि जयपुर शहर में विभिन्न सरकारी विभागों में स्क्रैप को नीलामी में छुड़ाकर कर्मचारियों से मिलीभगत कर सरकारी माल की हेराफेरी कर सरकार को राजस्व हानि पहुंचाने वाले गिरोह को तलाश करने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर एक पुलिस टीम का गठन किया गया और सदिंग्ध लोगों पर निगरानी रखी गई।
प्रसन्न कुमार खमेसरा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) ने बताया कि रामअवतार मीणा (65),सुरेन्द्र मीणा (36) ,दिनेश मीणा(32) निवासी खातीपुरा रोड थाना सोडाला,राजवीर सिंह(26) निवासी नागौर,अजीत सिंह (45)निवासी हरियाणा व अरूण कुमार(35) निवासी भरतपुर हाल मानसरोवर को गिरफ्तार किया गया है। हेराफेरी कर करोड़ों रुपए की संपत्ति का मालिक बना सरगना जांच पड़ताल में सामने आया कि इस गिरोह का सरगना रामअवतार मीणा है जो वर्ष 2002 में एनबीसी में कर्मचारी था।
कम्पनी द्वारा छंटनी कर निकाले जाने पर इसने स्क्रैप का काम शुरू किया। इस कार्य में सरगना के पुत्र भी शामिल हैं तथा सरगना इस प्रकार की हेराफेरी कर करोड़ों रुपए की संपत्ति का मालिक बन गया। इसके रईसी ठाट-बाट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके पास करीब 13 लग्जरी चौपहिया कारें हैं इसके अलावा बड़े वाहन 4 ट्रक व 2 पिकअप होना भी सामने आया है। आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड प्राप्त किया जा रहा है तथा इनसे गहनता से पूछताछ जारी है। इनसे पूर्व में इस प्रकार के ठेके लेकर हेराफेरी के कई मामलों का खुलासा होने की संभावना है।
वारदात का तरीका सरगना ने कम्पनी बनाकर सरकारी आॅक्शन में भाग लेना शुरू किया। इसके द्वारा मार्केट कीमत से महंगी दर पर बोली छुड़ाकर कर्मचारियों से मिलीभगत कर एक जैसी 2 गाड़ियां एक ही नम्बर की जिनमें एक गाड़ी को बिजली विभाग के गोदाम से स्क्रैप भरवाकर ड्राइवर इसे बिना वजन करवाए सरगना के गोदाम में ले जाता एवं उसी समय उसी नम्बर की दूसरी गाड़ी में 6-7 टन स्क्रैप डालकर पूर्व में ही नियत स्थान पर खड़ा कर दिया जाता था। इस दूसरी गाड़ी को वजन करवाने धर्मकांटे पर ले जाते तथा सरगना अपनी निजी कार में एईएन को बैठाकर धर्मकांटे पर पहुंच जाता तथा वहां से वजन की रसीद प्राप्त कर एईएन को रजिस्टर में इन्द्राज करने के लिए सुपुर्द कर दी जाती थी तथा एईएन को अपनी निजी कार से बिजली विभाग के गोदाम में छोड़कर आ जाता था।
पुलिस कमिश्नर आनन्द श्रीवास्तव ने बताया कि जयपुर शहर में विभिन्न सरकारी विभागों में स्क्रैप को नीलामी में छुड़ाकर कर्मचारियों से मिलीभगत कर सरकारी माल की हेराफेरी कर सरकार को राजस्व हानि पहुंचाने वाले गिरोह को तलाश करने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर एक पुलिस टीम का गठन किया गया और सदिंग्ध लोगों पर निगरानी रखी गई।
प्रसन्न कुमार खमेसरा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) ने बताया कि रामअवतार मीणा (65),सुरेन्द्र मीणा (36) ,दिनेश मीणा(32) निवासी खातीपुरा रोड थाना सोडाला,राजवीर सिंह(26) निवासी नागौर,अजीत सिंह (45)निवासी हरियाणा व अरूण कुमार(35) निवासी भरतपुर हाल मानसरोवर को गिरफ्तार किया गया है। हेराफेरी कर करोड़ों रुपए की संपत्ति का मालिक बना सरगना जांच पड़ताल में सामने आया कि इस गिरोह का सरगना रामअवतार मीणा है जो वर्ष 2002 में एनबीसी में कर्मचारी था।
कम्पनी द्वारा छंटनी कर निकाले जाने पर इसने स्क्रैप का काम शुरू किया। इस कार्य में सरगना के पुत्र भी शामिल हैं तथा सरगना इस प्रकार की हेराफेरी कर करोड़ों रुपए की संपत्ति का मालिक बन गया। इसके रईसी ठाट-बाट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके पास करीब 13 लग्जरी चौपहिया कारें हैं इसके अलावा बड़े वाहन 4 ट्रक व 2 पिकअप होना भी सामने आया है। आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड प्राप्त किया जा रहा है तथा इनसे गहनता से पूछताछ जारी है। इनसे पूर्व में इस प्रकार के ठेके लेकर हेराफेरी के कई मामलों का खुलासा होने की संभावना है।
वारदात का तरीका सरगना ने कम्पनी बनाकर सरकारी आॅक्शन में भाग लेना शुरू किया। इसके द्वारा मार्केट कीमत से महंगी दर पर बोली छुड़ाकर कर्मचारियों से मिलीभगत कर एक जैसी 2 गाड़ियां एक ही नम्बर की जिनमें एक गाड़ी को बिजली विभाग के गोदाम से स्क्रैप भरवाकर ड्राइवर इसे बिना वजन करवाए सरगना के गोदाम में ले जाता एवं उसी समय उसी नम्बर की दूसरी गाड़ी में 6-7 टन स्क्रैप डालकर पूर्व में ही नियत स्थान पर खड़ा कर दिया जाता था। इस दूसरी गाड़ी को वजन करवाने धर्मकांटे पर ले जाते तथा सरगना अपनी निजी कार में एईएन को बैठाकर धर्मकांटे पर पहुंच जाता तथा वहां से वजन की रसीद प्राप्त कर एईएन को रजिस्टर में इन्द्राज करने के लिए सुपुर्द कर दी जाती थी तथा एईएन को अपनी निजी कार से बिजली विभाग के गोदाम में छोड़कर आ जाता था।
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