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मध्य प्रदेश : 13 साल में 26 दुष्कर्मियों को सुनाई जा चुकी है फांसी की सजा, लेकिन...

एक अन्य दिल दहला देने वाला मामला रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज का है, जहां
जितेंद्र उइके खेल रही तीन साल की मासूम को टॉफी देने का लालच देकर अपने
साथ ले गया। मासूम से दुष्कर्म करने के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और
शव को जंगल में फेंक दिया। इस मामले में गौहरगंज की अपर सत्र न्यायाधीश
सुरेखा मिश्रा ने 29 अक्टूबर, 2018 को फांसी की सजा सुनाई।
जितेंद्र इन दिनों भोपाल जेल में है और मामला उच्च न्यायालय में है। जेल सूत्रों का कहना है कि जिन आरोपियों पर दुष्कर्म और दुष्कर्म के बाद हत्या करने के आरोप हैं और उन्हें निचली अदालत फांसी की सजा सुना चुकी है, उनसे जेल में मुलाकात करने कम लोग आते हैं। कई दोषी तो ऐसे हैं, जिनके परिजन ही लम्बे अरसे से मुलाकात करने नहीं आए। लेकिन सवाल उठता है कि इन दोषियों को सजा न दिए जाने से उन परिजनों पर क्या बीतती होगी, जिन्होंने अपने दिल के टुकड़ों को खोया है।
जितेंद्र इन दिनों भोपाल जेल में है और मामला उच्च न्यायालय में है। जेल सूत्रों का कहना है कि जिन आरोपियों पर दुष्कर्म और दुष्कर्म के बाद हत्या करने के आरोप हैं और उन्हें निचली अदालत फांसी की सजा सुना चुकी है, उनसे जेल में मुलाकात करने कम लोग आते हैं। कई दोषी तो ऐसे हैं, जिनके परिजन ही लम्बे अरसे से मुलाकात करने नहीं आए। लेकिन सवाल उठता है कि इन दोषियों को सजा न दिए जाने से उन परिजनों पर क्या बीतती होगी, जिन्होंने अपने दिल के टुकड़ों को खोया है।
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