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लोकसभा चुनाव 2019 : सटोरियों की नजर में NDA बहुमत से दूर, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान फानी को लेकर की गई लोगों की निकासी और राहत कार्यों के लिए सोमवार को व्यक्तिगत तौर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की प्रशंसा की। कई मायनों में ऐसा लगता है कि भाजपा बीजू जनता दल (बीजद) के इस कद्दावर नेता से मेल-मिलाप बढ़ाने की कोशिश कर रही है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम ओडिशा में चुनाव प्रचार के दौरान 23 अप्रैल को पटनायक पर किए गए उनके हमले के ठीक विपरीत है।
उन्होंने कहा था कि पटनायक का जाना तय है और कुछ अधिकारी उन्हें नहीं बचा सकते। सोमवार को पांचवें चरण का मतदान समाप्त हो जाने के बाद आईएएनएस ने देश के शीर्ष सट्टा मार्केट से मिली जानकारी के आधार पर चुनाव बाद के परिदृश्य का एक सर्वे किया। आंकड़े बताते हैं कि राजग सरकार बनाने के लिए जरूरी सीट संख्या से पीछे रह जाएगा। इसका मतलब यह है कि सरकार बनाने के लिए उन क्षेत्रीय क्षत्रपों की मदद की जरूरत पड़ेगी, जो राजग में नहीं हैं।
सटोरियों के अनुसार, राजग (एनडीए) लगभग 240 सीटें (10 कम या ज्यादा) और संप्रग (यूपीए) 145 (10 कम या ज्यादा) सीटें हासिल कर सकता है। क्षेत्रीय क्षत्रपों में उत्तर प्रदेश का महागठबंधन, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति अच्छी स्थिति में हो सकते हैं।
दिल्ली के हापुड़, राजस्थान के फलौदी, मध्यप्रदेश के इंदौर, बंगाल के कोलकाता, उत्तर प्रदेश के आगरा, गुजरात के भावनगर, महाराष्ट्र के मुंबई और नागपुर में मौजूद सट्टा बाजार अभी भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग पर दांव लगा रहे हैं कि यह सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरेगा और संपग्र से काफी आगे होगा।
उन्होंने कहा था कि पटनायक का जाना तय है और कुछ अधिकारी उन्हें नहीं बचा सकते। सोमवार को पांचवें चरण का मतदान समाप्त हो जाने के बाद आईएएनएस ने देश के शीर्ष सट्टा मार्केट से मिली जानकारी के आधार पर चुनाव बाद के परिदृश्य का एक सर्वे किया। आंकड़े बताते हैं कि राजग सरकार बनाने के लिए जरूरी सीट संख्या से पीछे रह जाएगा। इसका मतलब यह है कि सरकार बनाने के लिए उन क्षेत्रीय क्षत्रपों की मदद की जरूरत पड़ेगी, जो राजग में नहीं हैं।
सटोरियों के अनुसार, राजग (एनडीए) लगभग 240 सीटें (10 कम या ज्यादा) और संप्रग (यूपीए) 145 (10 कम या ज्यादा) सीटें हासिल कर सकता है। क्षेत्रीय क्षत्रपों में उत्तर प्रदेश का महागठबंधन, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति अच्छी स्थिति में हो सकते हैं।
दिल्ली के हापुड़, राजस्थान के फलौदी, मध्यप्रदेश के इंदौर, बंगाल के कोलकाता, उत्तर प्रदेश के आगरा, गुजरात के भावनगर, महाराष्ट्र के मुंबई और नागपुर में मौजूद सट्टा बाजार अभी भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग पर दांव लगा रहे हैं कि यह सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरेगा और संपग्र से काफी आगे होगा।
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