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कांग्रेस के भ्रष्टाचार-लोक कल्याण जैसे मुद्दे नहीं चले, पढ़ें पूरा विश्लेषण
राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को जनवरी में पार्टी
महासचिव नियुक्त किया लेकिन यह चुनाव के इतने नजदीक हुआ कि वे उत्तर प्रदेश
में पार्टी के लिए कोई निर्णायक असर नहीं डाल सकीं। एग्जिट पोल के नतीजों
के सामने आने के बाद राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया,
कांग्रेस को निश्चित ही मर जाना चाहिए। अगर यह आइडिया आफ इंडिया को बचाने
के लिए इस चुनाव में भाजपा को नहीं रोक सकी, तो इस पार्टी की भारतीय इतिहास
में कोई सकारात्मक भूमिका नहीं है।
आज यह देश में एक विकल्प के निर्माण की राह की सबसे बड़ी बाधा बन चुकी है। बाद में एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, मेरा यह कहना कि इस पार्टी की भारतीय इतिहास में कोई सकारात्मक भूमिका नहीं है, से शायद कोई भ्रम पैदा हुआ हो। मैं स्वतंत्रता से पहले और इसके तुरंत बाद कांग्रेस की महान भूमिका से इनकार नहीं कर सकता। मैं जो कहना चाह रहा हूं वह यह है कि पार्टी की अब इतिहास में निभाने के लिए कोई सकारात्मक भूमिका नहीं बची है।
कांग्रेस नेता पी.सी.चाको ने कहा कि पार्टी के प्रदर्शन पर कोई टिप्पणी करने से पहले 23 मई को चुनाव नतीजे आने का इंतजार करना चाहिए। चाको से पूछा गया कि क्या कांग्रेस ने राफेल मामले पर कुछ ज्यादा ही भरोसा तो नहीं कर लिया और अगर नतीजे एग्जिट पोल जैसे रहे तो इसका अर्थ यह तो नहीं होगा कि महागठबंधन में पार्टी के नहीं होने से ऐसा हुआ? चाको ने जवाब में कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भाजपा की कम से कम सौ सीटें कम होनी चाहिए थीं लेकिन ऐसा लग रहा है कि पार्टी ने अपनी सीटें बचा ली हैं।
हमें ऐसा होने की संभावना नहीं लगी थी। कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि पार्टी को पूरी उम्मीद है कि कांग्रेसनीत संप्रग, राजग से आगे रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव की मूल बात वह खामोश मतदाता है जिसने या तो खुद को व्यक्त नहीं किया है या बने बनाए प्रचलित जवाब को ही दोहरा दिया है। हाशिये पर पड़े समुदायों और अल्पसंख्यक समाज में भय और असुरक्षा की भावना बेहद चिंताजनक स्तर पर है।
भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि सभी एग्जिट पोल बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री भाजपानीत राजग सरकार का फिर नेतृत्व करने जा रहे हैं। इससे साफ है कि मतदाताओं ने उनके नेतृत्व, बीते पांच साल के प्रदर्शन और भविष्य के विजन पर मुहर लगाई है। रविवार को जारी हुए विभिन्न एग्जिट पोल से यह नतीजा निकल रहा है कि हालांकि कांग्रेस 2014 के 44 सीट के आंकड़े से ऊपर तो जा सकती है लेकिन सौ का आंकड़ा पार नहीं कर सकेगी।
न्यूज 18-आईपीएसओएस के एग्जिट पोल का तो कहना है कि कांग्रेस केवल 46 सीट ही पाएगी। अगर ऐसा हुआ तो पार्टी एक बार फिर लोकसभा में विपक्षी नेता का दर्जा हासिल नहीं कर सकेगी। टाइम्स नाऊ-वीएमआर पोल का कहना है कि कांग्रेस को 78 सीट मिल सकती हैं जबकि इंडिया टीवी पोल का अनुमान 76 सीट का है। न्यूजएक्स-नेता ने पार्टी को 107 सीटें मिलने का अनुमान जताया है।
(IANS)
आज यह देश में एक विकल्प के निर्माण की राह की सबसे बड़ी बाधा बन चुकी है। बाद में एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, मेरा यह कहना कि इस पार्टी की भारतीय इतिहास में कोई सकारात्मक भूमिका नहीं है, से शायद कोई भ्रम पैदा हुआ हो। मैं स्वतंत्रता से पहले और इसके तुरंत बाद कांग्रेस की महान भूमिका से इनकार नहीं कर सकता। मैं जो कहना चाह रहा हूं वह यह है कि पार्टी की अब इतिहास में निभाने के लिए कोई सकारात्मक भूमिका नहीं बची है।
कांग्रेस नेता पी.सी.चाको ने कहा कि पार्टी के प्रदर्शन पर कोई टिप्पणी करने से पहले 23 मई को चुनाव नतीजे आने का इंतजार करना चाहिए। चाको से पूछा गया कि क्या कांग्रेस ने राफेल मामले पर कुछ ज्यादा ही भरोसा तो नहीं कर लिया और अगर नतीजे एग्जिट पोल जैसे रहे तो इसका अर्थ यह तो नहीं होगा कि महागठबंधन में पार्टी के नहीं होने से ऐसा हुआ? चाको ने जवाब में कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भाजपा की कम से कम सौ सीटें कम होनी चाहिए थीं लेकिन ऐसा लग रहा है कि पार्टी ने अपनी सीटें बचा ली हैं।
हमें ऐसा होने की संभावना नहीं लगी थी। कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि पार्टी को पूरी उम्मीद है कि कांग्रेसनीत संप्रग, राजग से आगे रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव की मूल बात वह खामोश मतदाता है जिसने या तो खुद को व्यक्त नहीं किया है या बने बनाए प्रचलित जवाब को ही दोहरा दिया है। हाशिये पर पड़े समुदायों और अल्पसंख्यक समाज में भय और असुरक्षा की भावना बेहद चिंताजनक स्तर पर है।
भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि सभी एग्जिट पोल बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री भाजपानीत राजग सरकार का फिर नेतृत्व करने जा रहे हैं। इससे साफ है कि मतदाताओं ने उनके नेतृत्व, बीते पांच साल के प्रदर्शन और भविष्य के विजन पर मुहर लगाई है। रविवार को जारी हुए विभिन्न एग्जिट पोल से यह नतीजा निकल रहा है कि हालांकि कांग्रेस 2014 के 44 सीट के आंकड़े से ऊपर तो जा सकती है लेकिन सौ का आंकड़ा पार नहीं कर सकेगी।
न्यूज 18-आईपीएसओएस के एग्जिट पोल का तो कहना है कि कांग्रेस केवल 46 सीट ही पाएगी। अगर ऐसा हुआ तो पार्टी एक बार फिर लोकसभा में विपक्षी नेता का दर्जा हासिल नहीं कर सकेगी। टाइम्स नाऊ-वीएमआर पोल का कहना है कि कांग्रेस को 78 सीट मिल सकती हैं जबकि इंडिया टीवी पोल का अनुमान 76 सीट का है। न्यूजएक्स-नेता ने पार्टी को 107 सीटें मिलने का अनुमान जताया है।
(IANS)
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