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छोटे पड़े बैंक परिसर, सडक़ों तक लगी कतार

khaskhabar.com : शनिवार, 12 नवम्बर 2016 4:45 PM (IST)
छोटे पड़े बैंक परिसर, सडक़ों तक लगी कतार
हनुमानगढ़। प्रधानमंत्री द्वारा कालेधन को लेकर लिये गये बड़े फैसले से चहुंओर खलबली मची हुई है। एक हजार व पांच सौ के नोटों की बंदी के बाद बैंकों में तडक़े छह बजे से ही हजारों की संख्या में भीड़ जमा हो रही है। भीड़ का आलम यह था कि बैंक परिसर छोटे पड़ गए, जिससे सडक़ों पर दोहरी व तीहरी लाइनें लगी रही। काफी बैंकों में कैश कम होने के कारण उपभोक्ताओं को तीसरे दिन भी निराश ही लौटना पड़ा। शनिवार को अवकाश के बावजूद खुली बैंक शाखाओं में तीसरे दिन पूर्व की अपेक्षा अधिक भीड़ रही। जब तक बैंक अपने नियमित समय से खुली तब तक दो सौ मीटर तक लाइन लग गयी थी। बैंकों पर उमड़ रही इस अपार भीड़ को लेकर प्रशासन के हाथ-पैर फूले हुए हैं। पुलिस से भी दिन भर नोंक-झोंक होती रही। महिलाएं सुबह से ही बिना खाना बनाये लाइन में लगी थी लेकिन कईयों का शाम तक भी नम्बर नहीं आ पाया।
जंक्शन में संगरिया मार्ग पर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की की शाखा में पुराने नोट बदलवाने आई नवां की मीना, सतीपुरा की अंजली का कहना था कि सुबह से बच्चे भूखे हैं। हम लोग देर सुबह से लाइन में लगे हैं। घर में इतने खुले पैसे नहीं हैं कि बाजार से सब्जी और रोजमर्रा का सामान ले सकें। उधर, जिला मुख्यालय पर कई बैंकों में 500 व 2000 के नोट शनिवार तक भी नहीं पहुंचे। जिससे लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। लाइन में लगने के बावजूद लोग शाम तक बैरंग लौटते रहे। पुराने नोट जमा कराने और नए नोट लेने के लिए बुजुर्गांे के सामने परेशानी खड़ी हो गई। बैंकों के बाहर देरी तक खड़ा रहने के बाद उन्हें बैठना पड़ा। कतार में कई बार धक्का-मुक्की भी हुई। तीसरे दिन भी बैंकों में पुलिस ने मोर्चा संभाले रखा। कुछ बैंकों ने कैश कम बता समय से पहले शाखाएं बन्द कर दी, जिससे आमजन को तकलीफ हुई। उधर, सरकार की घोषणा के बावजूद शहर में दूसरे दिन भी ज्यादातर एटीएम के शटर नहीं खुले। सरकार ने जब 500 व 1000 रुपए के नोट बन्द करने की घोषणा की, उसके अगले दिन से बाजारों में ये नोट चलने बन्द हो गए। तभी से हर आदमी की तेज भाग दौड़ वाली जिन्दगी थम सी गई। हर कोई घर खर्च चलाने की रकम जुटाने के लिए बैंकों में लाइन में लगा नजर आया। पिछले तीन दिन से बैंकों में सुबह छह बजे से ही भीड़ जुटना शुरू हो जाती है। फिर बैंक बन्द होने के समय तक लोगों का आना-जाना बना रहता है। हालांकि, इन लाइनों में रिक्शा चलाने वालों से लेकर अधिकतर मध्यम वर्ग के लोग ही नजर आ रहे हैं। इधर, बाजार शनिवार को भी सुस्त रहे। नोट नहीं होने से अधिकतर जने जरूरत की चीजें भी नहीं खरीद पाए। एक हजार और पांच सौ रुपए के नोट का प्रचलन पूरी तरह बंद रहा। किसी भी जगह पर नोट नहीं लिए गए। सरकार के आदेश पर रविवार को भी बैंक शाखाएं खुली रहेंगी। उधर, विद्युत उपभोक्ताओं के लिए कुछ राहत की खबर है। विद्युत विभाग ने 500 व 1000 रूपए के पुराने नोटों पर विद्युत बिल भरने की तिथि बढ़ाते हुए 14 नवम्बर कर दिया है।



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