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हिमाचल में 2 फीसदी से भी कम किसानों ने कराया फसल बीमा : सीएजी
शिमला। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की एक रपट में बताया गया है पिछले तीन सालों में हिमाचल प्रदेश के दो फीसदी से भी कम किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाया, जबकि प्रदेश की 90 फीसदी आबादी गांवों में बसती है।
इसी प्रकार 2014-2017 के बीच प्रदेश के करीब 14 फीसदी किसानों ने मौसम से जुड़े बीमा का विकल्प चुना।
राष्ट्रीय कृषि बीमा के तहत 2014-2016 के दौरान खरीफ फसल बीमा 1.71 से 1.72 फीसदी किसानों ने कराया था, जबकि रबी फसलों का बीमा 1.01 फीसदी से लेकर 1.68 फीसदी किसानों ने करवाया था। ये आंकड़े इस बात का तस्दीक करते हैं कि फसल बीमा का कवरेज बहुत कम है।
हालांकि फरवरी 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कवरेज में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके तहत खरीफ फसलों का बीमा 11.61 फीसदी और रबी फसलों का बीमा 12.24 फीसदी किसानों ने करवाया है।
सीएजी ने अपनी रपट में कहा कि प्रदेश के कृषि निदेशक ने फसल बीमा के तहत किसानों का कवरेज कम होने के कारणों का जिक्र नहीं किया है।
फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन में कमी बताते हुए सीएजी ने कहा कि क्षेत्र बीमा के तहत आने वाले क्षेत्र और फसलों की अधिसूचना जारी करने में विलंब हुआ है। साथ ही क्षति का आकलन करने में फसलों की कटाई का अप्रभावी प्रयोग रहा है और बगैर जांच के बीमा कंपनियों को किस्त का भुगतान किया गया है।
--आईएएनएस
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