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लेक्चरार बेटी का विवाह से पूर्व घोड़ी पर बैठाकर निकाला बनवारा
रेवाड़ी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाले मोदीजी के सपने को साकार कर दिखाया जिला रेवाड़ी
के गाँव दड़ौली फतेहपुरी निवासी एक परिवार ने जिन्होंने अपनी लेक्चरर बेटी
पूजा की होने वाली 28 तारीख की शादी से पहले उसे घोड़ी पर दूल्हे की तरह
बैठाकर गांव में ढोल ढमाको के साथ उसका बनवारा [घुड़चढ़ी ] निकाला /पूजा और
उसके परिजनों का कहना है बेटीयाँ बेटों से काम नहीं अब बेटी और बेटे में
फर्क करने वालो को अपनी सोच बदलनी होगी। दरअसल गांव दड़ौली फतेहपुरी की रहने वाली पूजा जो पेशे से लेक्चरर है और
उसकी शादी 28 फरवरी को होनी है लेकिन पूजा के पिता और भाई नहीं होने के
कारन उसकी मां ही यह सारी जिम्मेदारी संभाल रही है और उसीकी इच्छा अनुसार
पूजा शादी से पहले उसे घोड़ी पर दूल्हे की तरह बैठाकर गांव में ढोल ढमाको के
साथ उसका बनवारा [घुड़चढ़ी ] निकाला गया। पूजा की माने तो आज लोगो की सोच बन
गई है कि बेटियां माता पिता पर एक बोझ की तरह होती है लेकिन अब लोगो की इस
दकियानूसी सोच को बदलना होगा और यही सोचकर उसकी मां ने उसका विवाह से
पूर्व बेटो की तरह बनवारा निकाला जो ऐसे लोगो के लिए एक सबक है। पूजा ने
समाज की अन्य बेटियों को सन्देश देते हुए कहा कि वो खुद को बेटों से कम और
कमजोर न समझें। अब देश की हर बेटी को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाले मोदीजी के
सपने को साकार करना ही होगा। अपने बनवारे को लेकर पूजा और उसका परिवार
ख़ुशी से फूला नहीं समां रहा और पूरे जिले में इस अनोखी शादी की चर्चा आग की
तरह फ़ैल गई है। पूजा की मां अनुसार वह एक आंगनवाड़ी वर्कर है पति और बेटा दोनों इस
दुनियां में नहीं हैं इनकी सोच है कि आज बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं।
जो लोग बेटियों को जन्म देने से पहले ही कोख में मार देते है उन लोगो के
लिए पूजा का बनवारा एक सबक और अनूठी मिसाल है। लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी
तभी बेटियो को उनका सही दर्ज मिल सकेगा। आज वो बहुत खुश है और इनकी ख़ुशी
का कोई ठिकाना नहीं है। पूजा के चाचा भी इस बनवारे को लेकर काफी खुश है इनका भी यही कहना है कि
पूजा किसी बेटे से कम नहीं है इसी सोच के साथ उसका घोड़ी पर बैठाकर बनवारा
निकाला गया।
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