Advertisement
फैसले से पहले आसाराम के वकील का दावा, 50 करोड़ की नाजायज मांग से जुड़ा है मामला
जोधपुर। नाबालिग से रेप के मामले में जोधपुर की कोर्ट बुधवार को आसाराम के खिलाफ फैसला सुनाएगी। आसाराम पर फैसला आने से पहले जोधपुर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने 378 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया है। राजस्थान पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 151 और धारा 107 के तहत इन लोगों को 28 अप्रैल तक के लिए इन लोगों को हिरासत में लिया है। फैसले से पहले आसाराम के वकील ने दावा किया है कि उनको साजिश के तहत फंसाया गया है। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए आसाराम बापू के वकील सज्जन राज सुराणा ने कहा है कि उनके मुवक्किल आसाराम बापू को साजिश के तहत फंसाया गया है।
सुराणा ने दावा किया कि पूरा मामला 50 करोड़ की नाजायज़ मांग से जुड़ा हुआ है। सुराणा ने कहा कि सबसे अहम सवाल ये है कि पीडि़ता ने पुलिस में शिकायत में इतना वक्त क्यों लगाया? एफआईआर जोधपुर, जयपुर और शाहजापुर कहीं भी हो सकती थी, लेकिन दिल्ली में ही क्यों करवाई गई। सुराणा ने पीडिता की सही उम्र को लेकर भी सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि पीडि़ता के स्कूली दस्तावेज में अलग उम्र है और दूसरे दस्तावेज़ों में अलग है। आसाराम के अनुयायी भी कह रहे हैं कि बापू को फसाया गया था और वह निर्दोष हैं।
राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, निचली अदालत मामले में जोधपुर केंद्रीय कारागार परिसर में अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हुई थी और अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही थी। आसाराम को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। पीडि़ता आसाराम के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम में अध्ययन करती थी। पीडि़ता का आरोप है कि आसाराम ने जोधपुर के पास मनाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाकर उससे 15 अगस्त, 2013 को दुष्कर्म किया था।
गृह मंत्रालय ने तीन राज्यों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश
आसाराम के खिलाफ निचली अदालत के फैसले से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को राजस्थान, गुजरात व हरियाणा को किसी भी अवांछित घटना को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की सलाह दी है। मंत्रालय संबंधित राज्यों के साथ संपर्क में भी है और केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने इस मुद्दे को लेकर शीर्ष स्तर के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है।
छावनी में तब्दील हुआ जोधपुर, आसाराम ने समर्थकों से की ये अपील
आसाराम के समर्थकों से कानून-व्यवस्था को खतरे की आशंका को लेकर राजस्थान के जोधपुर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। जोधपुर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। होटलों और धर्मशालाओं की सघन जांच की जा रही है। आसाराम के आश्रम को खाली करा लिया गया है। निजी वाहनों और बसों को सघन जांच के बाद ही जोधपुर में प्रवेश करने दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर भी कड़ी जांच की जा रही है। दिल्ली से राजस्थान तक फैसले के बाद कोई अव्यवस्था नहीं फैले इसके लिए दोनों राज्यों की सरकारों ने पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। वहीं, आसाराम ने अपने समर्थकों से जोधपुर न आने की अपील की है।
पीडि़त परिवार की सुरक्षा बढ़ाई
उत्तर प्रदेश में पीडि़त परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शाहजहांपुर के क्षेत्राधिकारी (सीओ) केबी सिंह ने बताया, हमने पीडि़त और उनके परिवार को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई है। फैसले को लेकर पुलिस अलर्ट पर है।
सुराणा ने दावा किया कि पूरा मामला 50 करोड़ की नाजायज़ मांग से जुड़ा हुआ है। सुराणा ने कहा कि सबसे अहम सवाल ये है कि पीडि़ता ने पुलिस में शिकायत में इतना वक्त क्यों लगाया? एफआईआर जोधपुर, जयपुर और शाहजापुर कहीं भी हो सकती थी, लेकिन दिल्ली में ही क्यों करवाई गई। सुराणा ने पीडिता की सही उम्र को लेकर भी सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि पीडि़ता के स्कूली दस्तावेज में अलग उम्र है और दूसरे दस्तावेज़ों में अलग है। आसाराम के अनुयायी भी कह रहे हैं कि बापू को फसाया गया था और वह निर्दोष हैं।
राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, निचली अदालत मामले में जोधपुर केंद्रीय कारागार परिसर में अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हुई थी और अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही थी। आसाराम को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। पीडि़ता आसाराम के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम में अध्ययन करती थी। पीडि़ता का आरोप है कि आसाराम ने जोधपुर के पास मनाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाकर उससे 15 अगस्त, 2013 को दुष्कर्म किया था।
गृह मंत्रालय ने तीन राज्यों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश
आसाराम के खिलाफ निचली अदालत के फैसले से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को राजस्थान, गुजरात व हरियाणा को किसी भी अवांछित घटना को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की सलाह दी है। मंत्रालय संबंधित राज्यों के साथ संपर्क में भी है और केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने इस मुद्दे को लेकर शीर्ष स्तर के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है।
छावनी में तब्दील हुआ जोधपुर, आसाराम ने समर्थकों से की ये अपील
आसाराम के समर्थकों से कानून-व्यवस्था को खतरे की आशंका को लेकर राजस्थान के जोधपुर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। जोधपुर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। होटलों और धर्मशालाओं की सघन जांच की जा रही है। आसाराम के आश्रम को खाली करा लिया गया है। निजी वाहनों और बसों को सघन जांच के बाद ही जोधपुर में प्रवेश करने दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर भी कड़ी जांच की जा रही है। दिल्ली से राजस्थान तक फैसले के बाद कोई अव्यवस्था नहीं फैले इसके लिए दोनों राज्यों की सरकारों ने पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। वहीं, आसाराम ने अपने समर्थकों से जोधपुर न आने की अपील की है।
पीडि़त परिवार की सुरक्षा बढ़ाई
उत्तर प्रदेश में पीडि़त परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शाहजहांपुर के क्षेत्राधिकारी (सीओ) केबी सिंह ने बताया, हमने पीडि़त और उनके परिवार को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई है। फैसले को लेकर पुलिस अलर्ट पर है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
जोधपुर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement