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कुंडा विधायक राजा भैया के पिता नजरबंद, विरोध में दुकाने बंद

khaskhabar.com : मंगलवार, 10 सितम्बर 2019 2:49 PM (IST)
कुंडा विधायक राजा भैया के पिता नजरबंद, विरोध में दुकाने बंद
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह मुहर्रम पर हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करने के साथ ही भंडारा की जिद पर अड़े हैं। जिला प्रशासन ने उनको उनके महल में नजरबंद किया है। इसके विरोध में कुंडा की दुकाने बंद कर दी गई हैं। प्रशासन की सख्ती के बाद कुंडा बाजार बंद करने के पोस्टर सामने आए हैं। पोस्टर में मंगलवार को कुंडा बंद करने का आह्वान किया गया है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। कुंडा में सुबह खुलने वाली कई दुकाने बंद हैं। सुबह 10 बजे तक अधिकतर दुकाने बंद थीं। भंडारे पर रोक लगाने के विरोध में आज बाजार में पोस्टर लगाये गए थे।

राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को उनके भदरी महल में नजरबंद किया गया है। जिला प्रशासन ने इस बारे आदेश जारी कर दिया है। उदय प्रताप सिंह सोमवार शाम पांच बजे से मंगलवार रात 9 बजे तक महल में नजरबंद रहेंगे। प्रशासन ने भंडारे की अनुमति नहीं दी है।

कुंडा के उपजिलाधिकारी मोहन लाल गुप्ता ने बताया कि "इस दौरान पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू रहेगी। सुरक्षा के मद्देनजर क्षेत्र में पुलिस बल तैनात की गई है। शांति व्यवस्था बरकार रखने के लिए राजा उदय प्रताप सिंह के महल के बाहर पुलिस का सख्त पहरा है और उन्हें आज रात 9 बजे तक महल में ही रहना होगा।"

शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम और हनुमान मंदिर स्थल स्थित भंडारा स्थल पर भी भारी पुलिस बल तैनात है। जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारा कराने की अनुमति नहीं दी है। उनके महल में रहने के बाद भी अधिकारी पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखे हैं।

गौरतलब है कि शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम के दिन उदय प्रताप सिंह प्रयागराज-लखनऊ हाईवे के किनारे स्थित हनुमान मंदिर पर भंडारा करते हैं। पिछले दो साल से प्रशासन ने भंडारे के आयोजन पर रोक लगा रखी है। इस बार भी उन्होंने नौ से 12 सितंबर तक हनुमान चालीसा का पाठ करने व 10 सितंबर को भंडारा करने की अनुमति जिला प्रशासन से मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने अनुमति देने से इन्कार कर दिया।

30 अगस्त को उदय प्रताप सिंह ने हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की। हाई कोर्ट के आख्या मांगने पर जिलाधिकारी ने यह रिपोर्ट भेजी कि मुहर्रम पर भंडारे के आयोजन की अनुमति देने से शांति व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा है, इसलिए अनुमति नहीं दी जा सकती है।

साल 2015 में ताजिया का जुलूस मुहर्रम के तीन दिन बाद निकाला गया था। 2016 में प्रशासन की सूझबूझ व सतर्कता से भंडारा व मुहर्रम का जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न हुआ था। 2017 व 2018 में दोनों समुदायों के बीच टकराव की स्थिति बनती देख भंडारा रोका गया।

--आईएएनएस

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