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'पद्मावती' के खिलाफ क्षत्रिय समाज ने किया प्रदर्शन
बहराइच। फिल्म 'पद्मावती' के निर्माता संजय लीला भंसाली के विरुद्ध बहराइच के क्षत्रिय समाज में उबाल बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को क्षत्रिय समाज के लोगों ने नेता यशपाल सिंह की अगुवाई में शहर के पानी टंकी तिराहे से कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला और धरना स्थल पर प्रदर्शन किया।
नेता यशपाल सिंह ने विवादित दृश्य न हटाए जाने पर संजय लीला भंसाली की 'गर्दन कलम करने' की चेतावनी दी है। समाज के लोगों सीएम योगी को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपकर फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगवाने की मांग की है।
समाज के अगुवा यशपाल सिंह के नेतृत्व में तमाम लोग मंगलवार को शहर के सिविल लाइन क्षेत्र में पानी टंकी तिराहे पर इकट्ठा हुए। यहां से सभी मार्च व नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट स्थित धरना स्थल पहुंचे, जहां सभा हुई।
यशपाल सिंह ने कहा कि व्यावसायिक लाभ के लिए फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ की गई है। कभी 'जोधा अकबर', 'बाजी राव मस्तानी' तो अब रानी पद्मावती के बलिदान को ही नहीं, नारी समाज की गरिमा को तार-तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि आक्रमणकारी अलाउद्दीन ने चित्तौड़ पर हमला किया। राजा रतन सिंह के वीरगति को प्राप्त होने पर रानी पद्मावती ने अपनी सोलह हजार साथियों के साथ अग्नि समाधि ली थी। मगर फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी को नायक के रूप में पेश किया गया है। रानी को घूमर नृत्य करते दिखाना भी इतिहास से छेड़छाड़ है। यह स्वीकार्य नहीं है।
--आईएएनएस
नेता यशपाल सिंह ने विवादित दृश्य न हटाए जाने पर संजय लीला भंसाली की 'गर्दन कलम करने' की चेतावनी दी है। समाज के लोगों सीएम योगी को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपकर फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगवाने की मांग की है।
समाज के अगुवा यशपाल सिंह के नेतृत्व में तमाम लोग मंगलवार को शहर के सिविल लाइन क्षेत्र में पानी टंकी तिराहे पर इकट्ठा हुए। यहां से सभी मार्च व नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट स्थित धरना स्थल पहुंचे, जहां सभा हुई।
यशपाल सिंह ने कहा कि व्यावसायिक लाभ के लिए फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ की गई है। कभी 'जोधा अकबर', 'बाजी राव मस्तानी' तो अब रानी पद्मावती के बलिदान को ही नहीं, नारी समाज की गरिमा को तार-तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि आक्रमणकारी अलाउद्दीन ने चित्तौड़ पर हमला किया। राजा रतन सिंह के वीरगति को प्राप्त होने पर रानी पद्मावती ने अपनी सोलह हजार साथियों के साथ अग्नि समाधि ली थी। मगर फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी को नायक के रूप में पेश किया गया है। रानी को घूमर नृत्य करते दिखाना भी इतिहास से छेड़छाड़ है। यह स्वीकार्य नहीं है।
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