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पीजी से कमर्शियल बिजली शुल्क वसूलने का फैसला लिया वापस

khaskhabar.com : सोमवार, 06 अगस्त 2018 10:40 AM (IST)
पीजी से कमर्शियल बिजली शुल्क वसूलने का फैसला लिया वापस
कोटा। शहर के पीजी से अब काॅमर्शियल बिल की वसूली नहीं की जाएगी। बिजली कंपनी स्मार्ट मीटर भी नहीं लगाएगी। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद जिन उपभोक्ताओं के अधिक बिल आए हैं, उन्हें पिछले छह माह का एवरेज बिल दिया जाएगा। हॉस्टल से काॅमर्शियल बिल वसूली की नीति तय करने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में टीम बनेगी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर बाद में इसे लागू करने का फैसला लिया जाएगा। जयपुर डिस्कॉंम के एमडी आरजी गुप्ता की अध्यक्षता में रविवार को कलेक्टर रोहित गोयल, सांसद ओम बिरला, शहर के चारों भाजपा विधायकों और केईडीएल के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में ये फैसले लिये गये। बता दें कि डिस्कॉम 5 कमरों से ज्यादा वाले पीजी से काॅमर्शियल बिल वसूलने की तैयारी में था। विधायकों व महापौर ने इस फैसले का विरोध किया था।

बैठक में सांसद बिरला, विधायक भवानीसिंह राजावत, प्रहलाद गुंजल, संदीप शर्मा, चंद्रकांता मेघवाल, महापौर महेश विजय तथा यूआईटी अध्यक्ष राम कुमार मेहता ने शहर की जनता में केईडीएल को लेकर बढ़ रहे असंतोष को खुलकर उठाया गया। कलेक्टर गोयल ने भी जनता की समस्याओं का जिक्र किया। इसके बाद गुप्ता ने एक-एक मुद्दे पर चर्चा करके उसका निदान किया।
बैठक में आरजी गुप्ता ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने की केन्द्र सरकार की नीति है। जब तक आम नागरिक इनसे सहमत नहीं होता, तब तक इसे नहीं लगाया जाएगा। जो भी मीटर लगाए जाएंगे या जो लग चुके हैं, उपभोक्ता की शिकायत पर इन मीटरों की जांच डिस्कॉंम की लेबोरेटरी में की जाएगी। जो उपभोक्ता चाहेगा, उसके स्मार्ट मीटर के साथ दूसरा मीटर भी लगाया जाएगा। दोनों मीटर की रीडिंग में अंतर आता है तो वहां से स्मार्ट मीटर हटा लिया जाएगा। मीटर तभी लगेगा, जब उपभोक्ता चाहेगा।

5 से अधिक कमरों वाले पीजी पर काॅमर्शियल बिल देने का सभी विधायकों व महापौर ने विरोध कर इसे बंद करने के लिए दबाव बनाया। गुप्ता ने इस आदेश को निरस्त कर दिया। कितने कमरों के हॉस्टल को इस दायरे में लाया जाए, इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित होगी। कमेटी नीति तय कर नियामक आयोग को भेजेगी। सभी विधायक व सांसदों ने कहा कि व्यावसायिक प्लॉट पर बने हॉस्टल से ही कॉमर्शियल बिल लिया जाए।

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