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Eid Ul Azha 2018 : क्यों मनाई जाती हैं ‘बकरीद’, ये है रहस्यमय इतिहास
इस्लाम धर्म का ‘ईद-उल-अजहा’ खास त्यौहार माना जाता है और इसे पूरी दुनिया
में मनाया जाता है। इसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस दिन
धार्मिक मर्यादाओं के अनुसार बकरे की कुर्बानी दी जाती है। इस साल बकरीद 22
अगस्त को मनाई जाएगी। वर्ष भर में इस्लाम धर्म में दो ऐसे त्यौहार आते
हैं, जो सभी में हर्षोल्लास भर देते हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार को
ईद-उल-अजहा के अवकाश में बदलाव करने की घोषणा की और कहा कि नई दिल्ली स्थित
केंद्र सरकार के कार्यालय 23 अगस्त के बजाय 22 अगस्त को बंद रहेंगे।
इस्लाम धर्म में एक साल में दो तरह की ईद मनाई जाती है- ईद-उल-अजहा और ईद-उल-फितर।
आपने शायद ईद-उल-अजहा के अलावा ईद-उल-फितरके बारे में भी सुन रखा होगा। यह त्यौहार ईद-उल-अजहा से पहले ही आता है, जिसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। जिन्हें इस्लाम धर्म से जुड़े त्यौहारों का ज्ञान नहीं है, वे इन दोनों त्यौहारों के बीच के अंतर को समझ नहीं पाते हैं।
क्या हैं दोनों ईद में अंतर :-
हम आज आपको काफी बारीकी से इन दोनों त्यौहारों के अंतर के साथ इन्हें मनाने की वजह, इसके पीछे की कहानी एवं किस तरह से इसे मनाया जाता है, यह सब कुछ विस्तार में बताएंगे।
इस्लाम धर्म में एक साल में दो तरह की ईद मनाई जाती है- ईद-उल-अजहा और ईद-उल-फितर।
आपने शायद ईद-उल-अजहा के अलावा ईद-उल-फितरके बारे में भी सुन रखा होगा। यह त्यौहार ईद-उल-अजहा से पहले ही आता है, जिसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। जिन्हें इस्लाम धर्म से जुड़े त्यौहारों का ज्ञान नहीं है, वे इन दोनों त्यौहारों के बीच के अंतर को समझ नहीं पाते हैं।
क्या हैं दोनों ईद में अंतर :-
हम आज आपको काफी बारीकी से इन दोनों त्यौहारों के अंतर के साथ इन्हें मनाने की वजह, इसके पीछे की कहानी एवं किस तरह से इसे मनाया जाता है, यह सब कुछ विस्तार में बताएंगे।
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