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खट्टर सरकार : दादा रणजीत सिंह सबसे बड़ी उम्र और पोता दुष्यंत चौटाला सबसे छोटी उम्र का मंत्री
निशा शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंत्रिमंडल का गठन करते हुए कई नए रिकॉर्ड कायम किए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि मंत्रिमंडल में दादा और पोता, दोनों शामिल हैं। मंत्रिमंडल में वरिष्ठता के हिसाब से पोता सीनियर है और दादा जूनियर हैं। यह भी संयोग ही है कि दादा मंत्रिमंडल में सबसे उम्र दराज कैबिनेट मंत्री हैं, जबकि पोते सबसे कम उम्र के उप मुख्यमंत्री हैं। पोते की उम्र जहां 31 साल से थोड़ी ज्यादा है, वहीं दादा 31 साल से ज्यादा समय के बाद जीत कर दूसरी बार विधानसभा में पहुंचे हैं।
यह मामला पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल के परिवार से जुड़ा है। खट्टर सरकार पार्ट-2 में देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह को बिजली मंत्री बनाया गया है। रणजीत सिंह इससे पहले 1987 में देवीलाल सरकार में कृषि मंत्री होते थे। इस बार वे सिरसा जिले के रानियां क्षेत्र से आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर जीत कर विधानसभा में पहुंचे हैं। बहुमत से पांच कदम पीछे रह गई भाजपा को रणजीत सिंह ने सबसे पहले समर्थन देने का ऐलान किया था। इसके बदले में अब उन्हें कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी दे दी गई है।
रिश्ते में रणजीत सिंह के पोते दुष्यंत चौटाला पहले ही खट्टर सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं। दुष्यंत की जननायक जनता पार्टी ने इस बार दस सीटें जीत कर भाजपा को समर्थन दिया है। गठबंधन सरकार बनने पर दुष्यंत को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। दुष्यंत पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पोते हैं, जबकि रणजीत सिंह उनके सगे छोटे हैं। राजनीतिक तौर पर ओमप्रकाश चौटाला और रणजीत सिंह की राहें अलग-अलग रही हैं, लेकिन राजनीति में कभी कुछ भी संभव है। यही वजह है कि अब दादा-पोते एक ही सरकार में मंत्री हैं।
चंडीगढ़। हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंत्रिमंडल का गठन करते हुए कई नए रिकॉर्ड कायम किए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि मंत्रिमंडल में दादा और पोता, दोनों शामिल हैं। मंत्रिमंडल में वरिष्ठता के हिसाब से पोता सीनियर है और दादा जूनियर हैं। यह भी संयोग ही है कि दादा मंत्रिमंडल में सबसे उम्र दराज कैबिनेट मंत्री हैं, जबकि पोते सबसे कम उम्र के उप मुख्यमंत्री हैं। पोते की उम्र जहां 31 साल से थोड़ी ज्यादा है, वहीं दादा 31 साल से ज्यादा समय के बाद जीत कर दूसरी बार विधानसभा में पहुंचे हैं।
यह मामला पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल के परिवार से जुड़ा है। खट्टर सरकार पार्ट-2 में देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह को बिजली मंत्री बनाया गया है। रणजीत सिंह इससे पहले 1987 में देवीलाल सरकार में कृषि मंत्री होते थे। इस बार वे सिरसा जिले के रानियां क्षेत्र से आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर जीत कर विधानसभा में पहुंचे हैं। बहुमत से पांच कदम पीछे रह गई भाजपा को रणजीत सिंह ने सबसे पहले समर्थन देने का ऐलान किया था। इसके बदले में अब उन्हें कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी दे दी गई है।
रिश्ते में रणजीत सिंह के पोते दुष्यंत चौटाला पहले ही खट्टर सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं। दुष्यंत की जननायक जनता पार्टी ने इस बार दस सीटें जीत कर भाजपा को समर्थन दिया है। गठबंधन सरकार बनने पर दुष्यंत को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। दुष्यंत पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पोते हैं, जबकि रणजीत सिंह उनके सगे छोटे हैं। राजनीतिक तौर पर ओमप्रकाश चौटाला और रणजीत सिंह की राहें अलग-अलग रही हैं, लेकिन राजनीति में कभी कुछ भी संभव है। यही वजह है कि अब दादा-पोते एक ही सरकार में मंत्री हैं।
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