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भाजपा नेता राम माधव ने कहा, केरल सरकार को और नहीं टालना चाहिए सबरीमाला मुद्दा
नई दिल्ली। भाजपा नेता राम माधव ने गुरुवार को सबरीमाला मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि चूंकि कोर्ट ने मामले पर लिए गए पिछले साल के आदेश को नहीं हटाया है, इसलिए सभी उम्र की महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं, केरल सरकार को इस मामले को नहीं टालना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव माधव ने ट्वीट किया कि आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी महत्वपूर्ण था। सबरीमाला पर बीते साल निचली पीठ के फैसले को उन्होंने नहीं बदला है। ऐसे में केरल को भी अब इस मुद्दे को नहीं टालना चाहिए। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि राफेल मामले पर आया आदेश भी कई प्रतिष्ठित लोगों की गैरजिम्मेदारी को सबके सामने लाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 3:2 के फैसले में सबरीमाला मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश मुद्दे को सात न्यायाधीशों की बड़ी बेंच को भेज दिया है। इस मामले को एक बड़ी पीठ के हवाले करने को लेकर जस्टिस आर. एफ. नरीमन और डी.वाई. चंद्रचूड़ असहमत थे, जबकि भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस इंदु मल्होत्रा और एएम खानविलकर इसके पक्ष में थे।
हालांकि, 28 सितंबर 2018 को इस मामले पर आए फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। उसके अनुसार, मंदिर में 10 और 50 वर्ष के मध्य आयु वर्ग वाली महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी गई थी।
सबरीमाला फैसले के बाद भाजपा ने उठाया अजान का मुद्दा
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव माधव ने ट्वीट किया कि आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी महत्वपूर्ण था। सबरीमाला पर बीते साल निचली पीठ के फैसले को उन्होंने नहीं बदला है। ऐसे में केरल को भी अब इस मुद्दे को नहीं टालना चाहिए। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि राफेल मामले पर आया आदेश भी कई प्रतिष्ठित लोगों की गैरजिम्मेदारी को सबके सामने लाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 3:2 के फैसले में सबरीमाला मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश मुद्दे को सात न्यायाधीशों की बड़ी बेंच को भेज दिया है। इस मामले को एक बड़ी पीठ के हवाले करने को लेकर जस्टिस आर. एफ. नरीमन और डी.वाई. चंद्रचूड़ असहमत थे, जबकि भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस इंदु मल्होत्रा और एएम खानविलकर इसके पक्ष में थे।
हालांकि, 28 सितंबर 2018 को इस मामले पर आए फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। उसके अनुसार, मंदिर में 10 और 50 वर्ष के मध्य आयु वर्ग वाली महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी गई थी।
सबरीमाला फैसले के बाद भाजपा ने उठाया अजान का मुद्दा
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