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प्राकृतिक खेती अपनाकर हिमाचल को रासायनिक खाद से रखें मुक्त : राष्ट्रपति कोविंद
शिमला। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने और भूमि को रासायनिक खादों से मुक्त रखने का आग्रह करते हुए शुक्रवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश द्वारा पिछले 50 वर्षों में लिखी गई विकास गाथा पर देश को गर्व है।
राज्य की स्वर्ण जयंती के अवसर पर यहां राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की पिछली सभी सरकारों ने इस विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों- स्वर्गीय वाई.एस. परमार, स्वर्गीय ठाकुर राम लाल, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल और स्वर्गीय वीरभद्र सिंह द्वारा दिए गए योगदानों को भी सराहा।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार द्वारा राज्य की विकास यात्रा को लोगों तक ले जाने के लिए की गई पहल बेहद सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं।
नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सतत विकास लक्ष्यों- इंडिया इंडेक्स 2020-21 में देश में दूसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कई मापदंडों पर देश में अग्रणी राज्य है।
राज्य की नदियों का पानी स्वच्छ और मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर होने की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने राज्य के किसानों से अधिक से अधिक प्राकृतिक खेती अपनाने और अपनी जमीन को रासायनिक खाद से मुक्त रखने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण के अनुकूल कृषि, बागवानी, पर्यटन, शिक्षा, रोजगार, विशेष रूप से स्वरोजगार आदि में सतत विकास की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, यह राज्य प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है। इसलिए हमें इसके प्राकृतिक सौन्दर्य और विरासतों को संरक्षित करते हुए विकास के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
पर्यावरण के संरक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के लोगों और सरकार के लिए गर्व की बात है कि 2014 में यहां की विधानसभा देश की पहली पेपरलेस विधानसभा बन गई।
यह प्रौद्योगिकी के कुशल उपयोग, पर्यावरण की रक्षा और आर्थिक संसाधनों को बचाने का एक अच्छा उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने सहित कई सराहनीय प्रयास किए हैं।
लोगों की प्रकृति के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शांतिप्रिय और बहादुर लोग, आवश्यकता पड़ने पर अन्याय, आतंक और देश के गौरव पर किसी भी हमले का बहादुरी से जवाब दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लगभग हर गांव के युवा भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करते हैं।
उन्होंने कहा कि 100 साल से अधिक उम्र के किन्नौर के राम शरण नेगी स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता थे और अब भारत के चुनाव आयोग के ब्रांड एंबेसडर हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और पूर्व विधानसभा अध्यक्षों ने भी सत्र में भाग लिया।
यह तीसरा मौका है जब राष्ट्रपति ने विधानसभा को संबोधित किया है। उनसे पहले ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी भी विशेष सत्र को संबोधित कर चुके हैं।
--आईएएनएस
राज्य की स्वर्ण जयंती के अवसर पर यहां राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की पिछली सभी सरकारों ने इस विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों- स्वर्गीय वाई.एस. परमार, स्वर्गीय ठाकुर राम लाल, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल और स्वर्गीय वीरभद्र सिंह द्वारा दिए गए योगदानों को भी सराहा।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार द्वारा राज्य की विकास यात्रा को लोगों तक ले जाने के लिए की गई पहल बेहद सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं।
नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सतत विकास लक्ष्यों- इंडिया इंडेक्स 2020-21 में देश में दूसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कई मापदंडों पर देश में अग्रणी राज्य है।
राज्य की नदियों का पानी स्वच्छ और मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर होने की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने राज्य के किसानों से अधिक से अधिक प्राकृतिक खेती अपनाने और अपनी जमीन को रासायनिक खाद से मुक्त रखने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण के अनुकूल कृषि, बागवानी, पर्यटन, शिक्षा, रोजगार, विशेष रूप से स्वरोजगार आदि में सतत विकास की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, यह राज्य प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है। इसलिए हमें इसके प्राकृतिक सौन्दर्य और विरासतों को संरक्षित करते हुए विकास के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
पर्यावरण के संरक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के लोगों और सरकार के लिए गर्व की बात है कि 2014 में यहां की विधानसभा देश की पहली पेपरलेस विधानसभा बन गई।
यह प्रौद्योगिकी के कुशल उपयोग, पर्यावरण की रक्षा और आर्थिक संसाधनों को बचाने का एक अच्छा उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने सहित कई सराहनीय प्रयास किए हैं।
लोगों की प्रकृति के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शांतिप्रिय और बहादुर लोग, आवश्यकता पड़ने पर अन्याय, आतंक और देश के गौरव पर किसी भी हमले का बहादुरी से जवाब दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लगभग हर गांव के युवा भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करते हैं।
उन्होंने कहा कि 100 साल से अधिक उम्र के किन्नौर के राम शरण नेगी स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता थे और अब भारत के चुनाव आयोग के ब्रांड एंबेसडर हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और पूर्व विधानसभा अध्यक्षों ने भी सत्र में भाग लिया।
यह तीसरा मौका है जब राष्ट्रपति ने विधानसभा को संबोधित किया है। उनसे पहले ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी भी विशेष सत्र को संबोधित कर चुके हैं।
--आईएएनएस
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