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सुप्रीम कोर्ट अपने पास मंगाएगा कठुआ का मामला, ताकि निष्पक्ष सुनवाई हो
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि वह कठुआ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले को जम्मू एवं कश्मीर से अपने पास मंगाएगा, ताकि निष्पक्ष सुनवाई हो सके। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि उनकी वास्तविक चिंता मामले की निष्पक्ष सुनवाई को लेकर है।
जज लोया मामले में ‘निष्पक्षता’ दिखा चुकी पीठ ने कहा कि पीडि़ता के परिवार और आरोपियों के लिए सुनवाई निष्पक्ष होनी चाहिए। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने शुरू में शीर्ष अदालत के समक्ष एक सीलबंद रिपोर्ट दाखिल की और जम्मू के उच्च न्यायालय बार संघ एवं कठुआ जिला न्यायालय बार संघ से मामले में सीबीआई जांच की मांग का समर्थन किया। बीसीआई ने यह भी कहा कि बार संघ ने कभी भी अपराध शाखा को मामले में आरोपपत्र दायर करने और न ही पीडि़ता परिवार के वकील को प्रतिनिधित्व करने में बाधा पहुंचाई है।
वरिष्ठ वकील पी.वी. दिनेश ने हालांकि बीसीआई पैनल के तर्क पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उनका काम केवल इतना था कि वह इस बात का पता लगाए कि स्थानीय वकीलों ने सुनवाई की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई है या नहीं, लेकिन इसके बजाय पैनल ने राज्य की अपराध शाखा द्वारा की गई जांच पर ही सवाल उठा दिए। दिनेश ने ही शीर्ष अदालत के समक्ष कथित रूप से वकीलों द्वारा बाधा पहुंचाने की बात उठाई थी।
जज लोया मामले में ‘निष्पक्षता’ दिखा चुकी पीठ ने कहा कि पीडि़ता के परिवार और आरोपियों के लिए सुनवाई निष्पक्ष होनी चाहिए। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने शुरू में शीर्ष अदालत के समक्ष एक सीलबंद रिपोर्ट दाखिल की और जम्मू के उच्च न्यायालय बार संघ एवं कठुआ जिला न्यायालय बार संघ से मामले में सीबीआई जांच की मांग का समर्थन किया। बीसीआई ने यह भी कहा कि बार संघ ने कभी भी अपराध शाखा को मामले में आरोपपत्र दायर करने और न ही पीडि़ता परिवार के वकील को प्रतिनिधित्व करने में बाधा पहुंचाई है।
वरिष्ठ वकील पी.वी. दिनेश ने हालांकि बीसीआई पैनल के तर्क पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उनका काम केवल इतना था कि वह इस बात का पता लगाए कि स्थानीय वकीलों ने सुनवाई की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई है या नहीं, लेकिन इसके बजाय पैनल ने राज्य की अपराध शाखा द्वारा की गई जांच पर ही सवाल उठा दिए। दिनेश ने ही शीर्ष अदालत के समक्ष कथित रूप से वकीलों द्वारा बाधा पहुंचाने की बात उठाई थी।
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