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कश्मीर पूरे पाकिस्तान का मुद्दाः कुरैशी
इस्लामाबाद। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि "कश्मीर का मसला किसी राजनीतिक दल का नहीं बल्कि पूरे पाकिस्तान का मसला है। "उन्होंने कहा कि "इस मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार और विपक्ष का रुख समान है लेकिन भारत में इस मामले में सरकार और विपक्ष का रुख एक-दूसरे से अलग है।" पाकिस्तान की संसद में कश्मीर मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली में विदेश मंत्री ने विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों के जवाब में यह बात कही। बुधवार को हुई चर्चा में मुस्लिम लीग (नवाज) के सांसद अहसन इकबाल ने सरकार की कश्मीर नीति पर सवाल उठाया।
उन्होंने सरकार से पूछा कि "प्रधानमंत्री इमरान खान सदन को यह बताएं कि कश्मीर पर क्या कदम उठाए गए, देश के कितने मंत्री दुनिया में कश्मीर मुद्दे को उठा रहे हैं, इस्लामी दुनिया का देश (पाकिस्तान) बेबस क्यों है और हम भारत पर दबाव क्यों नहीं डाल पा रहे हैं।"
जवाब में कुरैशी ने कहा कि "कश्मीर मामले में पूरा पाकिस्तान एकजुट है। आपस में कोई मतभेद नहीं है। यह किसी दल का नहीं बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। इस मुद्दे को दुनिया में उजागर करने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। जो भी कदम सरकार ने उठाए हैं, उन्हें संसद को बताने में कोई कोताही नहीं की गई है।"
कुरैशी ने कश्मीर मामले में विपक्षी दलों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि "इस मुद्दे को उठाने में विपक्ष के हर सुझाव का वह स्वागत करेंगे।"
उन्होंने कहा कि "कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को भारत द्वारा वापस लेने के बाद इस मामले का अब अंतर्राष्ट्रीयकरण हो चुका है और ’दुनिया ने भारत के रुख का समर्थन नहीं किया है।"
(आईएएनएस)
उन्होंने सरकार से पूछा कि "प्रधानमंत्री इमरान खान सदन को यह बताएं कि कश्मीर पर क्या कदम उठाए गए, देश के कितने मंत्री दुनिया में कश्मीर मुद्दे को उठा रहे हैं, इस्लामी दुनिया का देश (पाकिस्तान) बेबस क्यों है और हम भारत पर दबाव क्यों नहीं डाल पा रहे हैं।"
जवाब में कुरैशी ने कहा कि "कश्मीर मामले में पूरा पाकिस्तान एकजुट है। आपस में कोई मतभेद नहीं है। यह किसी दल का नहीं बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। इस मुद्दे को दुनिया में उजागर करने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। जो भी कदम सरकार ने उठाए हैं, उन्हें संसद को बताने में कोई कोताही नहीं की गई है।"
कुरैशी ने कश्मीर मामले में विपक्षी दलों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि "इस मुद्दे को उठाने में विपक्ष के हर सुझाव का वह स्वागत करेंगे।"
उन्होंने कहा कि "कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को भारत द्वारा वापस लेने के बाद इस मामले का अब अंतर्राष्ट्रीयकरण हो चुका है और ’दुनिया ने भारत के रुख का समर्थन नहीं किया है।"
(आईएएनएस)
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