karauli news : milk of Donor mothers get spoiled, Not the whole arrangement in Mother Milk Bank karauli-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 19, 2024 9:26 pm
Location
Advertisement

डोनर माताओं से लेते हैं अमृत समान दूध, पर हो जाता है खराब

khaskhabar.com : बुधवार, 16 मई 2018 5:55 PM (IST)
डोनर माताओं से लेते हैं अमृत समान दूध, पर हो जाता है खराब
अवनीश पाराशर

करौली। कहते हैं मां का दूध अमृत होता है जो नवजात को सभी तरह की बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। काफी मुश्किलों से मिलने वाला दूध नवजात तक पहुंचने से पहले ही अगर खराब हो जाए तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? कई बार ऐसा हो जाता है करौली की मदर मिल्क बैंक में। पर्याप्त संसाधनों के अभाव में यह परेशानी कई बार सामने आ जाती है।

जिला मुख्यालय पर भी नवजात को मां का अमृत उपलब्ध कराने के लिए मदर मिल्क बैंक शुरू की गई। इस बैंक ने अपने स्थापना के चार माह में ही मां का दूध अधिक मात्रा में आने व खपत कम होने के कारण एक हजार यूनिट दूध अजमेर दान भी कर दिया, लेकिन पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के कारण मां के दूध को सही बनाए रखने की समस्या सामने खड़ी है। इसके पीछे बड़ा कारण यहां कल्चर मशीन का नहीं होना है। इस कारण काफी मात्रा में दूध खराब हो जाता है।
करौली के रणगमा तालाब के पास बने मदर एंड चाइल्ड चिकित्सालय में मदर मिल्क बैंक द्वारा स्थापना के 4 माह से कम समय में ही 6925 यूनिट एमएल दूध प्रोसेस कर 581 यूनिट मिल्क नवजातों को दिया जा चुका है, लेकिन करोड़ों खर्च करने के बाद भी खुद मदर मिल्क बैंक बैसाखियों के सहारे है।

आपको बता दें कि करौली में माताओं द्वारा डोनेट दूध को प्रोसेसिंग के बाद कल्चर के लिए जिले से बाहर भेजा जाता है। इसके कारण कुछ मिल्क कोल्ड चैन मेंटेन नहीं होने के कारण रास्ते में ही खराब हो जाता है। जागरूकता के अभाव में मिल्क डोनेट करने के लिए माताएं कम आती हैं और चिकित्सा विभाग की ओर से भी जागरूकता अभियान नहीं चलाया जा रहा है। साथ ही दूध को प्रोसेसिंग के बाद कल्चर टेस्ट के लिए भरतपुर भेजना पड़ता है। वहां से पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद इस दूध को 6 महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन टेस्ट के लिए बाहर भेजने के दौरान समय लगने के कारण दूध के खराब होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, जबकि प्रोसेसिंग के दिन ही मिल्क का कल्चर होना चाहिए और पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उसे स्टोर किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं हो पाने के कारण काफी मुश्किलों के बाद मिलने वाला मां का कीमती दूध किसी नवजात के लायक नहीं रह पाता।

उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला फायदा



ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

1/8
Advertisement
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
Advertisement
Advertisement