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कन्हैया कुमार को चार्जशीट के बाद लगा एक और झटका, यहां पढ़िए
पटना। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है। इस बारे में निर्णय लेफ्ट से बातचीत करने के बाद लिया जाएगा। हालांकि आरजेडी पहले से ही कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाने के पक्ष में नहीं था। इसके कई कारणों में से एक यह भी रहा है कि कन्हैया कुमार बेगूसराय से चुनाव लडऩा चाहते हैं और आरजेडी का कहना है कि वहां उनसे मजबूत उम्मीदवार उनके पास पहले से ही है।
आपको बताते जाए कि बिहार के लेनिनग्राद कहे जाने वाले कन्हैया कुमार को बेगूसराय का भावी सांसद के रूप में देखा जाने लगा था। कन्हैया कुमार ने बेगूसराय क्षेत्र में अपनी मेहनत करना प्रारंभ कर दी , लेकिन महागठबंधन में लगता है कि उनकी दाल अब गलने वाली नहीं है। क्योंकि चार्जशीट के बाद वे कन्हैया कुमार देशद्रोह का मामला घरबैठे भाजपा को नहीं देना चाहते हैं। इससे भाजपा को फायदा मिल सकता है और महागठबंधन को जवाब देना भी महंगा पड़ सकता है।
अब लगने लगा है कि कन्हैया कुमार की चार्जशीट दाखिल होने के बाद टिकट मिलना मुश्किल में पड़ गया है। महागठबंधन यह नहीं चाहती कि ऐसे सवालों का जवाब उन्हें देना पड़े जिससे भाजपा को फायदा पहुंचे जाए। सीपीआई अभी कन्हैया कुमार के टिकट की दावेदारी को लेकर चुप है।
आपको बताते जाए कि बिहार के लेनिनग्राद कहे जाने वाले कन्हैया कुमार को बेगूसराय का भावी सांसद के रूप में देखा जाने लगा था। कन्हैया कुमार ने बेगूसराय क्षेत्र में अपनी मेहनत करना प्रारंभ कर दी , लेकिन महागठबंधन में लगता है कि उनकी दाल अब गलने वाली नहीं है। क्योंकि चार्जशीट के बाद वे कन्हैया कुमार देशद्रोह का मामला घरबैठे भाजपा को नहीं देना चाहते हैं। इससे भाजपा को फायदा मिल सकता है और महागठबंधन को जवाब देना भी महंगा पड़ सकता है।
अब लगने लगा है कि कन्हैया कुमार की चार्जशीट दाखिल होने के बाद टिकट मिलना मुश्किल में पड़ गया है। महागठबंधन यह नहीं चाहती कि ऐसे सवालों का जवाब उन्हें देना पड़े जिससे भाजपा को फायदा पहुंचे जाए। सीपीआई अभी कन्हैया कुमार के टिकट की दावेदारी को लेकर चुप है।
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