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लोकसभा चुनाव करीब आते ही मोदी को याद आए कबीर : मायावती
संत कबीर नगर /लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने संत कबीर नगर (मगहर) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ‘संत कबीर अकादमी’ का शिलान्यास किए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि लोकसभा का चुनाव नजदीक आ चुका है तो मोदी संत कबीर की याद आ रही है। यह वोट बैंक की उनकी स्वार्थी राजनीति नहीं तो और क्या है?
बसपा प्रमुख ने कहा कि मोदी का यह शिलान्यास कार्यक्रम प्रदेश के पूर्वांचल की जनता के साथ छलावा व उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है। पूर्वांचल क्षेत्र के विकास की प्यासी व भूखी करोड़ों गरीब जनता से किए उन बड़े-बड़े लोक लुभावन वादों व उनके अच्छे दिन लाने के सपनों का क्या हुआ जो मोदी ने पिछले चुनाव के समय किए थे।
मायावती ने आईपीएन को भेजे अपने बयान में कहा कि पूर्वांचल के विकास के मामले में प्रधानमंत्री मोदी व यूपी की योगी सरकार ने अभी तक जो भी काम किए हैं वे ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर ही लगते हैं जबकि वायदा किया गया था कि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार बन जाने पर विकास की गंगा बहा दी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने कहा था कि यहां के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, युवाओं के लिए आसमान से तारे तोडक़र लाए जाएंगे, बेरोजगारों का पलायन रोका जाएगा। क्या ऐसा थोड़ा भी हो पाया है? बल्कि इसके विपरीत जनसामान्य के लिए कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित व विकास के हर मामले में हालात और भी ज्यादा बदतर व असामान्य होते चले जा रहे हैं, जिससे जनता का जीवन दुखमय बना हुआ है।’’
संत कबीर को सम्मान दिए जाने के क्रम में उनके नाम पर बसपा द्वारा ‘संत कबीर नगर’ के नाम से नया जिला बनाने को स्मरण कराते हुए मायावती ने कहा कि पूर्वांचल का समग्र विकास अलग पूर्वांचल राज्य बनाए बिना संभव नहीं है। इस संबंध में बसपा सरकार द्वारा विधानसभा से पारित प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास लंबित पड़ा हुआ है। मोदी सरकार को अब और बिना देरी किए इस दिशा में ठोस कार्यवाही करनी चाहिए।
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘केवल अकादमी आदि बनाने के लॉलीपॉप से पूर्वांचल की करोड़ों गरीब जनता व मेहनतकश लोगों का हित, कल्याण व विकास शताब्दियों तक संभव नहीं हो पाएगा और ना ही संत कबीर के जीवन आदर्शों व उपदेशों को चुनावी स्वार्थ में दिखावटी तौर पर अपनाने से समाज का कोई हित व कल्याण होगा, बल्कि भाजपा-आरएसएस वालों को इसके विपरीत आचरण करने से हर हाल में रोकना होगा, जो इस सरकार में कहीं से भी होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।’’
मायावती ने कहा कि 24 करोड़ रुपये की संत कबीर अकादमी के मात्र शिलान्यास के प्रचार-प्रसार, इस कार्यक्रम के आयोजन व तैयारी पर लगभग उतनी ही रकम भाजपा सरकार द्वारा खर्च कर दी गई है, जो ‘काम कम और बातें ज्यादा’ का एक जनविरोधी नमूना है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर अपनी वाणी और कर्मों से भी अमर हैं। वे लोगों के दिलों में वास करते हैं। भाजपा को उनके नाम पर सस्ती लोकप्रियता वाली राजनीति करने से बाज आना चाहिए। जनता इनके ऐसे स्वार्थ की राजनीति को खूब अच्छी तरह से समझने लगी है। वह और ज्यादा धोखा खाने को तैयार नहीं है।
--आईएएनएस
बसपा प्रमुख ने कहा कि मोदी का यह शिलान्यास कार्यक्रम प्रदेश के पूर्वांचल की जनता के साथ छलावा व उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है। पूर्वांचल क्षेत्र के विकास की प्यासी व भूखी करोड़ों गरीब जनता से किए उन बड़े-बड़े लोक लुभावन वादों व उनके अच्छे दिन लाने के सपनों का क्या हुआ जो मोदी ने पिछले चुनाव के समय किए थे।
मायावती ने आईपीएन को भेजे अपने बयान में कहा कि पूर्वांचल के विकास के मामले में प्रधानमंत्री मोदी व यूपी की योगी सरकार ने अभी तक जो भी काम किए हैं वे ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर ही लगते हैं जबकि वायदा किया गया था कि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार बन जाने पर विकास की गंगा बहा दी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने कहा था कि यहां के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, युवाओं के लिए आसमान से तारे तोडक़र लाए जाएंगे, बेरोजगारों का पलायन रोका जाएगा। क्या ऐसा थोड़ा भी हो पाया है? बल्कि इसके विपरीत जनसामान्य के लिए कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित व विकास के हर मामले में हालात और भी ज्यादा बदतर व असामान्य होते चले जा रहे हैं, जिससे जनता का जीवन दुखमय बना हुआ है।’’
संत कबीर को सम्मान दिए जाने के क्रम में उनके नाम पर बसपा द्वारा ‘संत कबीर नगर’ के नाम से नया जिला बनाने को स्मरण कराते हुए मायावती ने कहा कि पूर्वांचल का समग्र विकास अलग पूर्वांचल राज्य बनाए बिना संभव नहीं है। इस संबंध में बसपा सरकार द्वारा विधानसभा से पारित प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास लंबित पड़ा हुआ है। मोदी सरकार को अब और बिना देरी किए इस दिशा में ठोस कार्यवाही करनी चाहिए।
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘केवल अकादमी आदि बनाने के लॉलीपॉप से पूर्वांचल की करोड़ों गरीब जनता व मेहनतकश लोगों का हित, कल्याण व विकास शताब्दियों तक संभव नहीं हो पाएगा और ना ही संत कबीर के जीवन आदर्शों व उपदेशों को चुनावी स्वार्थ में दिखावटी तौर पर अपनाने से समाज का कोई हित व कल्याण होगा, बल्कि भाजपा-आरएसएस वालों को इसके विपरीत आचरण करने से हर हाल में रोकना होगा, जो इस सरकार में कहीं से भी होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।’’
मायावती ने कहा कि 24 करोड़ रुपये की संत कबीर अकादमी के मात्र शिलान्यास के प्रचार-प्रसार, इस कार्यक्रम के आयोजन व तैयारी पर लगभग उतनी ही रकम भाजपा सरकार द्वारा खर्च कर दी गई है, जो ‘काम कम और बातें ज्यादा’ का एक जनविरोधी नमूना है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर अपनी वाणी और कर्मों से भी अमर हैं। वे लोगों के दिलों में वास करते हैं। भाजपा को उनके नाम पर सस्ती लोकप्रियता वाली राजनीति करने से बाज आना चाहिए। जनता इनके ऐसे स्वार्थ की राजनीति को खूब अच्छी तरह से समझने लगी है। वह और ज्यादा धोखा खाने को तैयार नहीं है।
--आईएएनएस
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