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अपने घायल पिता को 1200 km साइकिल पर बैठा कर लाने वाली ज्योति कुमारी ने अभी रेस के लिये किया मना
दरभंगा :लॉकडाउन में दरभंगा की रहने वाली 15 वर्षीय ज्योति ने अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठा कर गुरुग्राम, हरियाणा से 7 दिनों में दरभंगा तक 1200 किलोमीटर का सफर तय किया। ज्योति के इस साहसिक कदम को देखते हुए भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ने उन्हें ट्रायल के लिए दिल्ली बुलाया है।
लेकिन अभी ज्योति कुमारी रेस के लिए तैयार नहीं है। ज्योति ने कहा मुझे साइकिल में रेस लगाने के लिए फोन आया, मैंने कहा कि मैं अभी तो रेस नहीं लगा सकती हूं क्योंकि मेरे पैर और हाथ सब दर्द कर रहे हैं। उन्होंने एक महीने बाद ट्रायल के लिए आने को कहा है।
गौरतलब है की ज्योति कुमारी की खबर इवांका ट्रंप तक पहुंच गईं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने शुक्रवार को ज्योति कुमारी की खबर शेयर करते हुए तारीफ की। उन्होंने कहा कि धीरज और प्रेम के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीय लोगों और साइकिल फेडरेशन का ध्यान खींचा है।
इवांका ट्रंप के ट्वीट के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि ज्योति की गरीबी और मायूसी को ऐसे महिमांडित किया जा रहा है, जैसे कि उसने 1200 किलोमीटर तक रोमांच के लिए साइकिल चलाई हो।
इवांका ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, "15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठाकर 7 दिनों में 1,200 किमी सफर तय करके गांव पहुंची। धीरज और प्यार के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीयों और साइकलिंग फेडरेशन का ध्यान खींचा है।"
इवांका ट्रंप के इस ट्वीट पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, "उसकी गरीबी और हताशा को ऐसे महिमामंडित किया जा रहा है जैसे कि ज्योति ने रोमांच के लिए 1,200 किलोमीटर साइकिल से सफर किया। सरकार ने उसे असफल कर दिया।"
बता दें कि ज्योति कुमारी और उनके पिता हरियाणा के गुरुग्राम में रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान ज्योति के पिता मोहन पासवान एक दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिससे वह घर जाने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में बेटी ज्योति 10 मई को गुरुग्राम से पिता को साइकिल पर बैठाकर 12 सौ किमी दूर बिहार के दरभंगा रवाना हुईं। वह 16 मई को घर पहुंचीं। ज्योति कुमारी की इस तकलीफ और साहस के बारे में जानकर लोग हैरान हो गए। यहां तक कि इवांका ट्रंप भी प्रभावित होकर ज्योति कुमारी से जुड़ी एक खबर शेयर कर तारीफ करने को मजबूर हो गईं
लेकिन अभी ज्योति कुमारी रेस के लिए तैयार नहीं है। ज्योति ने कहा मुझे साइकिल में रेस लगाने के लिए फोन आया, मैंने कहा कि मैं अभी तो रेस नहीं लगा सकती हूं क्योंकि मेरे पैर और हाथ सब दर्द कर रहे हैं। उन्होंने एक महीने बाद ट्रायल के लिए आने को कहा है।
गौरतलब है की ज्योति कुमारी की खबर इवांका ट्रंप तक पहुंच गईं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने शुक्रवार को ज्योति कुमारी की खबर शेयर करते हुए तारीफ की। उन्होंने कहा कि धीरज और प्रेम के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीय लोगों और साइकिल फेडरेशन का ध्यान खींचा है।
इवांका ट्रंप के ट्वीट के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि ज्योति की गरीबी और मायूसी को ऐसे महिमांडित किया जा रहा है, जैसे कि उसने 1200 किलोमीटर तक रोमांच के लिए साइकिल चलाई हो।
इवांका ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, "15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठाकर 7 दिनों में 1,200 किमी सफर तय करके गांव पहुंची। धीरज और प्यार के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीयों और साइकलिंग फेडरेशन का ध्यान खींचा है।"
इवांका ट्रंप के इस ट्वीट पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, "उसकी गरीबी और हताशा को ऐसे महिमामंडित किया जा रहा है जैसे कि ज्योति ने रोमांच के लिए 1,200 किलोमीटर साइकिल से सफर किया। सरकार ने उसे असफल कर दिया।"
बता दें कि ज्योति कुमारी और उनके पिता हरियाणा के गुरुग्राम में रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान ज्योति के पिता मोहन पासवान एक दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिससे वह घर जाने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में बेटी ज्योति 10 मई को गुरुग्राम से पिता को साइकिल पर बैठाकर 12 सौ किमी दूर बिहार के दरभंगा रवाना हुईं। वह 16 मई को घर पहुंचीं। ज्योति कुमारी की इस तकलीफ और साहस के बारे में जानकर लोग हैरान हो गए। यहां तक कि इवांका ट्रंप भी प्रभावित होकर ज्योति कुमारी से जुड़ी एक खबर शेयर कर तारीफ करने को मजबूर हो गईं
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