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43 साल पहले दिए गए घाव हमेशा रहेंगे याद : मुख्यमंत्री
जोधपुर/जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि आज से 43 साल पहले 25 जून, 1975 को संविधान की मर्यादाओं को ताक पर रख कर देश में लोकतंत्र की हत्या की गई और गैर-कानूनी रूप से आपातकाल लगाकर लोकतंत्र के समर्थकों को जेलों में ठूंस दिया गया। आपातकाल का यह घाव हमेशा याद रखा जाएगा। आपातकाल के उस दौर में कई महीनों तक जेल में रहने वाले हमारे लोकतंत्र सेनानियों को मैं नमन करती हूं।
राजे शुक्रवार को जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज सभागार में लोकतंत्र सेनानियों के समागम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत, नानाजी देशमुख एवं विजयाराजे सिंधिया का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल के उस दौर में इन नेताओं ने जेल की तकलीफें सहन करते हुए लोकतंत्र को जिंदा रखने का काम किया। उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र सेनानियों ने उस वक्त जितने अत्याचार सहे थे, उन्हें देखते हुए आज उनको जितना सम्मान दिया जाए, उतना कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कायम रखते हुए उनके लिए पेंशन योजना लागू की। राजस्थान मीसा एवं डीआईआर बंदियों को पेंशन नियम 2018 में संशोधन कर इस योजना का नाम राजस्थान लोकतंत्र सेनानी निधि नियम 2018 किया। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड नहीं मिलने के कारण सेनानी पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे, इसलिए हमने नियमों में बदलाव किया।
लोकतंत्र सेनानियों के हित में सरल किए जाएंगे नियम
राजे शुक्रवार को जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज सभागार में लोकतंत्र सेनानियों के समागम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत, नानाजी देशमुख एवं विजयाराजे सिंधिया का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल के उस दौर में इन नेताओं ने जेल की तकलीफें सहन करते हुए लोकतंत्र को जिंदा रखने का काम किया। उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र सेनानियों ने उस वक्त जितने अत्याचार सहे थे, उन्हें देखते हुए आज उनको जितना सम्मान दिया जाए, उतना कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कायम रखते हुए उनके लिए पेंशन योजना लागू की। राजस्थान मीसा एवं डीआईआर बंदियों को पेंशन नियम 2018 में संशोधन कर इस योजना का नाम राजस्थान लोकतंत्र सेनानी निधि नियम 2018 किया। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड नहीं मिलने के कारण सेनानी पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे, इसलिए हमने नियमों में बदलाव किया।
लोकतंत्र सेनानियों के हित में सरल किए जाएंगे नियम
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