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इस किले के बदले जिन्ना ने साइन किया था कोरा कागज
जोधपुर। अंग्रेजों ने तो स्वतंत्रता के बाद भी भारत के टुकड़े-टुकड़े करने का षडयंत्र रच रखा था। लेकिन, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने स्वतंत्रता के बाद देशी रियासतों को भारत में विलय के लिए राजी किया। ऐसी ही कुछ कहानी है जोधपुर की।
पाकिस्तान से जो मांगते, मिलता
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जोधपुर
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