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हिमाचल प्रदेश में आधुनिक तकनीक के प्रयोग से किसानो की क्षमता बढ़ा रहा है जाइका
शिमला। खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार भारत दूध, दाल और जूट का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसी के साथ भारत में विश्व में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा चावल, गेहूं, गन्ना, मूंगफली, फल और कपास का उत्पादन होता है। कृषि अपने सहायक क्षेत्रों के साथ भारत के लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन है। देश की 70 फीसदी ग्रामीण आबादी अभी भी अपनी रोजी- रोटी के लिए कृषि पर निर्भर हैए जिनमें से 82 फीसदी छोटे और सीमांत किसान हैं। हालांकि जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था विविध क्षेत्रों में फैलकर विकसित हो रही है कृषि का भी जीडीपी में योगदान बढ़ाने की जरूरत है। जेआईसीए ओडीए लोन और टेक्निकल कॉरपोरेशन के रूप में विभिन्न परियोजनाओं को समर्थन देकर भारत की कृषि क्षमता प्रभावी रूप से बढ़ा रहा है।
हिमाचल में परियोजना का लक्ष्य लघु सिंचाई सुविधाएं विकसित करना है। यहां खेतों तक सड़कों का निर्माण और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इस परियोजना के कारण करीब 1000 हेक्टेयर का बुआई क्षेत्र सब्जियां उगाने की जगह में तब्दील हो गया है। यहां कुछ किसानों ने बताया कि सब्जियां उगाने से उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। यह योजना बनाई गई है कि 800 से ज्यादा महिला किसान माइक्रो ड्रिप इरिगेशन टेक्नोलॉजी ;एमडीआई को अपनाएंगी।
एक महिला किसान मुन्नी ने इस सिस्टम को लगाने के 6 महीने बाद कहा कि मैंने एमडीआई सिस्टम लगाया है और बागवानी की ट्रेनिंग ली है इसलिए मैं कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा और अच्छी क्वॉलिटी की सब्जियां उगाने के काबिल हो सकी हूं। अब मैं उन्हें बाजार में गैर मौसमी सब्जियों के रूप मे महंगे दाम पर बेच भी सकती हूं। मैंने एमडीआई सिस्टम लगाने के लिए 10 हजार रुपये का लोन लिया था। अब मुझे महसूस होता है कि यह लोन मैं उससे भी कम समय में चुका दूंगी जितनी मैंने पहले योजना बनाई थी।
कृषि में खाद्य फसलों के स्थिर उत्पादन की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए जेआईसीए हिमाचल प्रदेश फसल विविधता संवर्धन परियोजना और माइक्रो ड्रिप सिंचाई परियोजना से झारखंड में बागवानी को बढ़ावा देने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जेआईसीए ने फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए कई तकनीकों को अपनाया है जिससे किसानों की आमदनी में काफी बढ़ोतरी हुई है। जेआईसीए की कृषि और सिंचाई परियोजनाएं 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के विजन से मेल खाती हैं।
जेआईसीए विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन मुहैया कराने के अलावा स्थिर कृषि और सिंचाई विकास के लिए क्षमता निर्माण की परियोजना में भी तकनीकी मदद दे रहा है। जेआईसीए ने कृषि के विभिन्न पहलुओं जैसे फसलों के विकास योजनाए सिंचाई और ओएंडएम किसान संगठनों की मदद के लिए जापान के कृषि विशेषज्ञों को भारत भेजा है। जापान के ये कृषि विशषेज्ञ खाद्य फसलों की बुआई के साथ नकदी फसलों को बोने की तकनीक खेत की देखभाल फसलों की मार्केटिंग जमीन के इस्तेमाल संसाधनों के प्रबंधन और सामाजिक पहलुओं में भी किसानों की मदद करेंगे। इस परियोजना से महिलाओं को भी आर्थिक रूप से ताकतवर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए महिलाओं को जापान में ट्रेनिंग दी गई है। कई और जगहों पर भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर जेआईसीए इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि कात्सुओ मात्सुमोतो ने कहा जेआईसीए ताकवतर कृषि क्षेत्र की अहमियत को समझता है जिससे भारत को स्थिर विकास लक्ष्यों की प्राप्ति होगी भुखमरी की समस्या खत्म होगी खाद्य सुरक्षा आएगी और स्थिर कृषि के विकास को बढ़ावा मिलेगा। भारत के प्रति जेआईसीए के विजन को सपोर्ट करते हुए परियोजनाओं को मौजूदा भारतीय कृषि व्यवस्था के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इस आधुनिक तकनीक से किसानों की उपज और आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।
हिमाचल में परियोजना का लक्ष्य लघु सिंचाई सुविधाएं विकसित करना है। यहां खेतों तक सड़कों का निर्माण और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इस परियोजना के कारण करीब 1000 हेक्टेयर का बुआई क्षेत्र सब्जियां उगाने की जगह में तब्दील हो गया है। यहां कुछ किसानों ने बताया कि सब्जियां उगाने से उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। यह योजना बनाई गई है कि 800 से ज्यादा महिला किसान माइक्रो ड्रिप इरिगेशन टेक्नोलॉजी ;एमडीआई को अपनाएंगी।
एक महिला किसान मुन्नी ने इस सिस्टम को लगाने के 6 महीने बाद कहा कि मैंने एमडीआई सिस्टम लगाया है और बागवानी की ट्रेनिंग ली है इसलिए मैं कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा और अच्छी क्वॉलिटी की सब्जियां उगाने के काबिल हो सकी हूं। अब मैं उन्हें बाजार में गैर मौसमी सब्जियों के रूप मे महंगे दाम पर बेच भी सकती हूं। मैंने एमडीआई सिस्टम लगाने के लिए 10 हजार रुपये का लोन लिया था। अब मुझे महसूस होता है कि यह लोन मैं उससे भी कम समय में चुका दूंगी जितनी मैंने पहले योजना बनाई थी।
कृषि में खाद्य फसलों के स्थिर उत्पादन की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए जेआईसीए हिमाचल प्रदेश फसल विविधता संवर्धन परियोजना और माइक्रो ड्रिप सिंचाई परियोजना से झारखंड में बागवानी को बढ़ावा देने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जेआईसीए ने फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए कई तकनीकों को अपनाया है जिससे किसानों की आमदनी में काफी बढ़ोतरी हुई है। जेआईसीए की कृषि और सिंचाई परियोजनाएं 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के विजन से मेल खाती हैं।
जेआईसीए विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन मुहैया कराने के अलावा स्थिर कृषि और सिंचाई विकास के लिए क्षमता निर्माण की परियोजना में भी तकनीकी मदद दे रहा है। जेआईसीए ने कृषि के विभिन्न पहलुओं जैसे फसलों के विकास योजनाए सिंचाई और ओएंडएम किसान संगठनों की मदद के लिए जापान के कृषि विशेषज्ञों को भारत भेजा है। जापान के ये कृषि विशषेज्ञ खाद्य फसलों की बुआई के साथ नकदी फसलों को बोने की तकनीक खेत की देखभाल फसलों की मार्केटिंग जमीन के इस्तेमाल संसाधनों के प्रबंधन और सामाजिक पहलुओं में भी किसानों की मदद करेंगे। इस परियोजना से महिलाओं को भी आर्थिक रूप से ताकतवर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए महिलाओं को जापान में ट्रेनिंग दी गई है। कई और जगहों पर भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर जेआईसीए इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि कात्सुओ मात्सुमोतो ने कहा जेआईसीए ताकवतर कृषि क्षेत्र की अहमियत को समझता है जिससे भारत को स्थिर विकास लक्ष्यों की प्राप्ति होगी भुखमरी की समस्या खत्म होगी खाद्य सुरक्षा आएगी और स्थिर कृषि के विकास को बढ़ावा मिलेगा। भारत के प्रति जेआईसीए के विजन को सपोर्ट करते हुए परियोजनाओं को मौजूदा भारतीय कृषि व्यवस्था के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इस आधुनिक तकनीक से किसानों की उपज और आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।
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