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झारखंड को पीएम-केयर्स फंड के तहत मिलेंगे 4,630 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
रांची। झारखंड में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मामलों में कमी आने के बाद राज्य सरकार ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। पीएम-केयर्स फंड के तहत मिलेंगे 4,630 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिलेंगे। दूसरी लहर में, ऑक्सीजन संकट एक प्रमुख मुद्दा था इसलिए इस बार ऑक्सीजन की व्यवस्था करने पर पर्याप्त ध्यान दिया गया है, जिसके तहत झारखंड में 38 पीएसए संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, राज्य को 4,630 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिलेंगे।
सभी जिलों के सदर अस्पतालों के अलावा इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का उपयोग सीएचसी, पीएचसी और स्वास्थ्य उपकेंद्रों में भी किया जाएगा, जिसके लिए ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र प्रशिक्षण भी दे रहा है, ताकि मशीनों का सही इस्तेमाल किया जा सके।
केंद्र ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (डउटकर) विकसित किया है। संबंधित नोडल अधिकारी को प्रतिदिन की जानकारी पोर्टल पर अपडेट करनी होगी तथा बिजली एवं अन्य आवश्यकताओं की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी भी अधिकारी की होगी।
झारखंड में, पीएम-केयर्स फंड के तहत 38 पीएसए प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे और उम्मीद है कि अगले दो महीनों में सभी प्लांट चालू हो जाएंगे। इनमें से प्रत्येक संयंत्र में दो तकनीकी व्यक्तियों की नियुक्ति की जाएगी, साथ ही एक नोडल अधिकारी भी प्रतिनियुक्त किया जाएगा और वह पूर्ण समन्वय के लिए जिम्मेदार होगा। (आईएएनएस)
सभी जिलों के सदर अस्पतालों के अलावा इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का उपयोग सीएचसी, पीएचसी और स्वास्थ्य उपकेंद्रों में भी किया जाएगा, जिसके लिए ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र प्रशिक्षण भी दे रहा है, ताकि मशीनों का सही इस्तेमाल किया जा सके।
केंद्र ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (डउटकर) विकसित किया है। संबंधित नोडल अधिकारी को प्रतिदिन की जानकारी पोर्टल पर अपडेट करनी होगी तथा बिजली एवं अन्य आवश्यकताओं की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी भी अधिकारी की होगी।
झारखंड में, पीएम-केयर्स फंड के तहत 38 पीएसए प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे और उम्मीद है कि अगले दो महीनों में सभी प्लांट चालू हो जाएंगे। इनमें से प्रत्येक संयंत्र में दो तकनीकी व्यक्तियों की नियुक्ति की जाएगी, साथ ही एक नोडल अधिकारी भी प्रतिनियुक्त किया जाएगा और वह पूर्ण समन्वय के लिए जिम्मेदार होगा। (आईएएनएस)
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