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झारखंड : JVM प्रमुख मरांडी के रास्ते जुदा होते देख विधायक भी पकड़ेंगे अलग राह!
रांची। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के प्रमुख बाबूलाल मरांडी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाने की स्थिति में झाविमो के शेष दो विधायकों के अलग-अलग रास्ते पर जाने के कयास लगाए जाने लगे हैं। झाविमो के विधायक बंधु टिर्की और प्रदीप यादव इसके संकेत भी दे चुके हैं। हालांकि झाविमो के सूत्रों का कहना है कि मरांडी अपने दोनों विधायकों को साथ रखने की कोशिश में जुटे हैं।
बाबूलाल मरांडी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाने की राह आसान नहीं दिखती। सूत्रों का कहना है कि मरांडी अगर भाजपा के साथ जाते हैं तो उनके विधायक भी अलग राह चुनने के लिए तैयार बैठे हैं। दीगर बात है कि झाविमो के कार्यकर्ता और संगठन में रहे नेता मरांडी पर अपना विश्वास जता रहे हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य को बाबूलाल मरांडी की जरूरत है और ऐसे में उनका जो भी फैसला होगा वे उनके साथ होंगे।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के विधायक बंधु टिर्की और प्रदीप यादव बाबूलाल मरांडी का साथ छोड़ कांग्रेस में जाने की तैयारी में जुट गए हैं। बंधु टिर्की पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि वे किसी भी हाल में भाजपा में नहीं जाएंगे। वे कांग्रेस में जाने से इंकार भी नहीं करते।
टिर्की आईएएनएस से कहते हैं कि पार्टी कार्यकारिणी समिति भंग है और अगर अध्यक्ष इसका पुनर्गठन करते हैं तो वे इसका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि अटकलों पर कोई जवाब नहीं दिया जा सकता। अगर पार्टी प्रमुख कहीं जाएंगे तब वे भी कुछ सोचेंगे। उन्होंने हालांकि इशारे में जरूर कहा कि अगर धुआं है तो विलय की आग भी कहीं जल रही होगी।
बाबूलाल मरांडी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाने की राह आसान नहीं दिखती। सूत्रों का कहना है कि मरांडी अगर भाजपा के साथ जाते हैं तो उनके विधायक भी अलग राह चुनने के लिए तैयार बैठे हैं। दीगर बात है कि झाविमो के कार्यकर्ता और संगठन में रहे नेता मरांडी पर अपना विश्वास जता रहे हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य को बाबूलाल मरांडी की जरूरत है और ऐसे में उनका जो भी फैसला होगा वे उनके साथ होंगे।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के विधायक बंधु टिर्की और प्रदीप यादव बाबूलाल मरांडी का साथ छोड़ कांग्रेस में जाने की तैयारी में जुट गए हैं। बंधु टिर्की पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि वे किसी भी हाल में भाजपा में नहीं जाएंगे। वे कांग्रेस में जाने से इंकार भी नहीं करते।
टिर्की आईएएनएस से कहते हैं कि पार्टी कार्यकारिणी समिति भंग है और अगर अध्यक्ष इसका पुनर्गठन करते हैं तो वे इसका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि अटकलों पर कोई जवाब नहीं दिया जा सकता। अगर पार्टी प्रमुख कहीं जाएंगे तब वे भी कुछ सोचेंगे। उन्होंने हालांकि इशारे में जरूर कहा कि अगर धुआं है तो विलय की आग भी कहीं जल रही होगी।
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