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नर्मदा नदी से अन्य क्षेत्रों को पानी दिया जाना संभव नहीं : उद्योग मंत्री
जालोर। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि सांचौर में नर्मदा नदी के पानी से जिन क्षेत्रों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है, उनके अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी दिया जाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सिंचित क्षेत्र में यदि गोचर अथवा ओरण भूमि शामिल है तो उसके स्थान पर कुछ अन्य क्षेत्रों को सम्मिलित किए जाने पर विचार किया जा सकता है।
शेखावत ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर जल संसाधन मंत्री की ओर से हस्तक्षेप करते हुए बताया कि 1969 में गठित नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के तहत केवल 0.5 एमएम पानी राज्य को मिलता है। उसमें से भी सीमा पर आते-आते सीपेज आदि की समस्याओं के चलते मात्र 0.484 एमएम पानी ही उपलब्ध हो पाता है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि कुल प्राप्त जल में से 0.1064 एमएम पेयजल के लिए उपयोग में लिया जाता है तथा 0.3776 एमएम पानी से लगभग 2.5 लाख हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है। उन्होंने कहा कि इस उपयोग के बाद अतिरिक्त पानी की उपलब्धता नहीं रहती है। अतः सिंचाई के लिए अन्य क्षेत्रों को पानी उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
शेखावत ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर जल संसाधन मंत्री की ओर से हस्तक्षेप करते हुए बताया कि 1969 में गठित नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के तहत केवल 0.5 एमएम पानी राज्य को मिलता है। उसमें से भी सीमा पर आते-आते सीपेज आदि की समस्याओं के चलते मात्र 0.484 एमएम पानी ही उपलब्ध हो पाता है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि कुल प्राप्त जल में से 0.1064 एमएम पेयजल के लिए उपयोग में लिया जाता है तथा 0.3776 एमएम पानी से लगभग 2.5 लाख हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है। उन्होंने कहा कि इस उपयोग के बाद अतिरिक्त पानी की उपलब्धता नहीं रहती है। अतः सिंचाई के लिए अन्य क्षेत्रों को पानी उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
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