Advertisement
राजस्थान मंडप में हल्के वजन एवं गर्माहट के लिये पसंद की जा रही हैं जयपुरी रजाईयां
जयपुर। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 39वें अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला के राजस्थान मंडप में जयपुरी रजाईयों कोे आगन्तुकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है और उनके हल्के वजन, कोमलता एवं गर्माहट की खासियत के लिये भरपूर सराहना की जा रही है। मंडप में राजस्थानी रजाईयों की व्यापक एवं भरपूर रेंज उपलब्ध हैं।
राजस्थान मंडप में स्टॉल संख्या 14 व 15 पर जयपुरी रजाईयों के फैंडस रूई मैटरर्स नामक स्टॉल संचालक अब्दुल ताहिर ने बताया कि जयपुरी रजाईयां बनाना बुनकरों का वंशानुगत व्यवसाय है और इसे वे पिछली कई पीढ़ीयों से करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर के जुलाहा सर्दी के मौसम में घरेलू उपयोग में आने वाले सभी प्रकार के उत्पादों को बनाते हैं, लेकिन रजईयां बनाने में उन्हें विशेष योग्यता प्राप्त है। सर्दियों में दैनिक उपयोग के लिये रजाई की उच्च गुणवत्ता का उत्पादन उनकी विशेष पहचान है।
ताहिर ने बताया कि रजाईयों को बनाने के लिए बेहतरीन सामग्री का उपयोग किया जाता है, वजन में हल्की होने के बावजूद ये बहुत ही गर्म और आरामदायक होती है। इनको बनाने में उच्च श्रेणी की शुद्ध एवंगुणवत्तापूर्णकपास का प्रयोग किया जाता है। साथ ही आधुनिक फैशनेबल एवं राजस्थानी डिजाइनों में इन्हें बनाया जा रहा है जिसे ग्राहकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। उन्होंने बताया कि ग्राहकों के लिये अलग-अलग आकृति और आकार में रजाईयां उपलब्घ हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा फाईवर और बनारसी जरी बॉर्डर पर सुंदर पुष्प डिजाईन और गहरे रंगों की रजाईयां भी बनाई जाती हैं। मंडप में जयपुरी सिल्क के बहुत ही गुणवत्ता के कॅवर भी उपलब्ध है जो कि दर्शकों को काफी पसंद आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्टॉल पर रजाईयां 850 से 3500 तक की रेंज में उपलब्ध है श्री ताहिर ने बताया कि राजस्थान की शुद्ध कपास से पारंपरिक सांगानेरी हैंड ब्लॉक प्रिंट में विश्व प्रसिद्ध जयपुरी डबल बेड की रजाईयां भी बनाई जा रही हैं जो कि दर्शकों द्वारा काफी पसंद की जाती हैं। जयपुरी रजाई अपने कम वजन, कोमलता और गर्मी के लिये विशेषरूप से जानी जाती हैं।
ताहिर ने बताया कि जयपुरी रजाई बनाने की इस विशेष कला के लिये जयपुर के कई बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि हमें अपने ग्राहकों को अधिकतमक संतुष्टि और उनकी सभी जरूरतों को पूरा करने में बहुत ही खुशी मिलती है।
राजस्थान मंडप में स्टॉल संख्या 14 व 15 पर जयपुरी रजाईयों के फैंडस रूई मैटरर्स नामक स्टॉल संचालक अब्दुल ताहिर ने बताया कि जयपुरी रजाईयां बनाना बुनकरों का वंशानुगत व्यवसाय है और इसे वे पिछली कई पीढ़ीयों से करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर के जुलाहा सर्दी के मौसम में घरेलू उपयोग में आने वाले सभी प्रकार के उत्पादों को बनाते हैं, लेकिन रजईयां बनाने में उन्हें विशेष योग्यता प्राप्त है। सर्दियों में दैनिक उपयोग के लिये रजाई की उच्च गुणवत्ता का उत्पादन उनकी विशेष पहचान है।
ताहिर ने बताया कि रजाईयों को बनाने के लिए बेहतरीन सामग्री का उपयोग किया जाता है, वजन में हल्की होने के बावजूद ये बहुत ही गर्म और आरामदायक होती है। इनको बनाने में उच्च श्रेणी की शुद्ध एवंगुणवत्तापूर्णकपास का प्रयोग किया जाता है। साथ ही आधुनिक फैशनेबल एवं राजस्थानी डिजाइनों में इन्हें बनाया जा रहा है जिसे ग्राहकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। उन्होंने बताया कि ग्राहकों के लिये अलग-अलग आकृति और आकार में रजाईयां उपलब्घ हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा फाईवर और बनारसी जरी बॉर्डर पर सुंदर पुष्प डिजाईन और गहरे रंगों की रजाईयां भी बनाई जाती हैं। मंडप में जयपुरी सिल्क के बहुत ही गुणवत्ता के कॅवर भी उपलब्ध है जो कि दर्शकों को काफी पसंद आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्टॉल पर रजाईयां 850 से 3500 तक की रेंज में उपलब्ध है श्री ताहिर ने बताया कि राजस्थान की शुद्ध कपास से पारंपरिक सांगानेरी हैंड ब्लॉक प्रिंट में विश्व प्रसिद्ध जयपुरी डबल बेड की रजाईयां भी बनाई जा रही हैं जो कि दर्शकों द्वारा काफी पसंद की जाती हैं। जयपुरी रजाई अपने कम वजन, कोमलता और गर्मी के लिये विशेषरूप से जानी जाती हैं।
ताहिर ने बताया कि जयपुरी रजाई बनाने की इस विशेष कला के लिये जयपुर के कई बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि हमें अपने ग्राहकों को अधिकतमक संतुष्टि और उनकी सभी जरूरतों को पूरा करने में बहुत ही खुशी मिलती है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
जयपुर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement