Advertisement
तो ठप हो सकती है प्रदेश की पूरी बिजली व्यवस्था ... कैसे देखें वीडियो
जयपुर। विद्युत विभाग में कार्यरत बिजली कर्मचारी (अभियंता एवं कर्मचारियों) की पांच सूत्री मांग को लेकर सोमवार से शुरू हुआ अनिश्चितकालीन महापड़ाव मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। महापड़ाव के दूसरे दिन कर्मचारियों ने अर्द्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया और मांगें नहीं माने जाने तक सभी कर्मचारियों ने भूख हड़ताल करने सहित उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी।
पांच सूत्री मांगों को लेकर चल आंदोलन एवं राज्य सरकार द्वारा बार-बार दिए जा रहे आश्वासन के बावजूद मांगों का निदान नहीं करने के विरोध में राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच के बैनर तले 17 सितंबर से शुरू हुआ महापड़ाव मंगलवार को भी जारी रहा। महापड़ाव को दूसरे दिन जलदाय विभाग, जयपुर मेट्रो, जयपुर जेडीए, नगर निगम जयपुर, राजस्थान कर्मचारी महासंघ ने समर्थन दिया। उनके अभियंता एवं कर्मचारी भी महापड़ाव में शामिल हुए। मंगलवार को निगम प्रशासन द्वारा वार्ता के लिए नहीं बुलाने एवं ग्रेड पे के आदेश जारी नहीं होने से आक्रोशित कर्मचारियों ने महापड़ाव स्थल पर ही अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। साथ ही निगम प्रशासन एवं राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही मांगों पर जल्द आदेश जारी नहीं होने की स्थिति में महापड़ाव में उपस्थित सभी कर्मचारियों ने भूख हड़ताल करने सहित उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी।
राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एशोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया गया तो प्रदेश की बिजली व्यवस्था चौपट हो सकती है। उधर राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एशोसिएशन के प्रदेश महामंत्री शंकर लाल सैनी ने कहा है कि आज अगर सरकार नहीं चेती तो बुधवार को यहां सभी 21 हजार कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे। आपको बता दें कि अब तक 11 हजार कर्मचारियों के भूख हड़ताल पर बैठने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना हुआ है।
मंगलवार को राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच की ओर से आयोजित इस महापड़ाव में इंटक के प्रदेशाध्यक्ष बजरंगलाल मीणा, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर, बेजोड़ के महासचिव राकेश वर्मा, पीयर्स के घनश्याम गुर्जर, एटक के केशव व्यास, आरआरवीकेएफ इंटक के एस.पी. शर्मा, केएमएस के रामकुमार व्यास, युसुफ कुरैशी सहित संगठनों के प्रदेशभर से नेता महापड़ाव में पहुंच चुके थे।
दूसरे दिन नहीं हुई वार्ता
पांच सूत्री मांगों को लेकर चल आंदोलन एवं राज्य सरकार द्वारा बार-बार दिए जा रहे आश्वासन के बावजूद मांगों का निदान नहीं करने के विरोध में राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच के बैनर तले 17 सितंबर से शुरू हुआ महापड़ाव मंगलवार को भी जारी रहा। महापड़ाव को दूसरे दिन जलदाय विभाग, जयपुर मेट्रो, जयपुर जेडीए, नगर निगम जयपुर, राजस्थान कर्मचारी महासंघ ने समर्थन दिया। उनके अभियंता एवं कर्मचारी भी महापड़ाव में शामिल हुए। मंगलवार को निगम प्रशासन द्वारा वार्ता के लिए नहीं बुलाने एवं ग्रेड पे के आदेश जारी नहीं होने से आक्रोशित कर्मचारियों ने महापड़ाव स्थल पर ही अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। साथ ही निगम प्रशासन एवं राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही मांगों पर जल्द आदेश जारी नहीं होने की स्थिति में महापड़ाव में उपस्थित सभी कर्मचारियों ने भूख हड़ताल करने सहित उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी।
राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एशोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया गया तो प्रदेश की बिजली व्यवस्था चौपट हो सकती है। उधर राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एशोसिएशन के प्रदेश महामंत्री शंकर लाल सैनी ने कहा है कि आज अगर सरकार नहीं चेती तो बुधवार को यहां सभी 21 हजार कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे। आपको बता दें कि अब तक 11 हजार कर्मचारियों के भूख हड़ताल पर बैठने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना हुआ है।
मंगलवार को राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच की ओर से आयोजित इस महापड़ाव में इंटक के प्रदेशाध्यक्ष बजरंगलाल मीणा, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर, बेजोड़ के महासचिव राकेश वर्मा, पीयर्स के घनश्याम गुर्जर, एटक के केशव व्यास, आरआरवीकेएफ इंटक के एस.पी. शर्मा, केएमएस के रामकुमार व्यास, युसुफ कुरैशी सहित संगठनों के प्रदेशभर से नेता महापड़ाव में पहुंच चुके थे।
दूसरे दिन नहीं हुई वार्ता
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
जयपुर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement