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पेयजल की गुणवत्ता से समझौता जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ : पायलट
श्रीगंगानगर/हनुमानगढ़/जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर सहित आठ जिलों को जलापूर्ति देने वाली इंदिरा गांधी नहर में वर्तमान में दूषित जल प्रवाहित होने से इन जिलों के लोगों के गंभीर बीमारियों की चपेट में आने पर चिंता जताई है।
पायलट ने कहा कि व्यास नदी में फैक्ट्रियों का जहरीला पानी छोड़े जाने से बड़ी संख्या में जीव-जंतुओं के मरने से नागरिकों में स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि आम लोगों द्वारा सरकार को इस बारे में अवगत करवाने के बावजूद न तो स्थानीय प्रशासन और न ही सरकार के नुमाइंदे जनता के स्वास्थ्य की सुध ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर में वर्तमान में बदबूदार, मटमैला व काले रंग का पानी प्रवाहित हो रहा है और यह पानी बिना शोधन किए ही डिग्गियों में स्टोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पानी के सेवन से गंगानगर-हनुमानगढ़ जिलों में नागरिक जल जनित बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूषित पानी के सेवन से लोगों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की भी आशंका बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर का पानी राजस्थान के हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, चूरू, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल के लिए भी उपयोग किया जाता है, इसलिए सरकार की इस मुद्दे पर अनदेखी जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
पायलट ने कहा कि व्यास नदी में फैक्ट्रियों का जहरीला पानी छोड़े जाने से बड़ी संख्या में जीव-जंतुओं के मरने से नागरिकों में स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि आम लोगों द्वारा सरकार को इस बारे में अवगत करवाने के बावजूद न तो स्थानीय प्रशासन और न ही सरकार के नुमाइंदे जनता के स्वास्थ्य की सुध ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर में वर्तमान में बदबूदार, मटमैला व काले रंग का पानी प्रवाहित हो रहा है और यह पानी बिना शोधन किए ही डिग्गियों में स्टोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पानी के सेवन से गंगानगर-हनुमानगढ़ जिलों में नागरिक जल जनित बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूषित पानी के सेवन से लोगों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की भी आशंका बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर का पानी राजस्थान के हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, चूरू, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल के लिए भी उपयोग किया जाता है, इसलिए सरकार की इस मुद्दे पर अनदेखी जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
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