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45 हजार कर्मचारियों ने एकमत होकर दी चेतावनी, आखिर क्या... यहां पढ़ें
जयपुर। राजधानी में प्रदेशभर से आए करीब 45 हजार कर्मचारी सरकार को लगातार चेतावनी दे रहे हैं। इसके अलावा इन मंत्रालयिक कर्मचारियों के द्वारा काम नहीं किए जाने से सरकार की मुख्य फ्लैगशिप योजनाओं, जनता से जुड़े प्राथमिक कार्यों, मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों के कार्यों सहित करोड़ों का राजस्व कार्य बाधित हो रहा है। इसके बाद भी राज्य सरकार की नींद नहीं टूट रही है। महापड़ाव स्थल पर उपस्थित लगभग 45 हजार मंत्रालयिक कर्मचारियों ने एकमत से
चेतावनी देते हुए कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारी आदेश पारित होने से पूर्व
महापड़ाव समाप्त नहीं करेगा।
आपको बता दें कि प्रदेशभर के मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी 9 सूत्री मांगों के लिए राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर 20 सितंबर से सामूहिक अवकाश एवं महापड़ाव पर चल रहे हैं। महापड़ाव स्थल पर मंगलवार को लगभग 6 हजार आक्रोशित महिला मंत्रालयिक कर्मचारियों की अगुवाई में लगभग 45 हजार मंत्रालयिक कर्मचारियों ने मंत्रालयिक महिला शक्ति दिवस मनाया। इसमें महिला मंत्रालयिक कर्मियों ने प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना को रक्षासूत्र बांधकर ग्रेड पे 3600, सचिवालय के समान वेतनमान, वेतन कटौती निरस्त सहित 9 सूत्री मांगों को पूरा करवाने का संकल्प दिलवाया और विश्वास दिलाया कि आदेश जारी होने तक महिला कार्मिक भी महापड़ाव में डटे रहेंगे। मंत्रालयिक कर्मचारियों ने हजारों की संख्या में शिप्रापथ थाने के सामने, महापड़ाव स्थल पर सुंदरकांड पाठ कर मांगों के संबंध में भी प्रार्थना की।
प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना ने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के आंदोलन से जनता को हो रही परेशानी के लिए राज्य सरकार का लचर रवैया जिम्मेवार है, क्योंकि मंत्रालयिक महासंघ लगातार सरकार से संवाद स्थापित कर अपनी जायज मांगों पर आदेश जारी किए जाने की मांग करता रहा है। सक्सेना ने बताया कि महापड़ाव शुरू होने के बाद भी महासंघ की मांग अनुसार शिक्षा विभाग के पदों में की गई कटौती निरस्त किए जाने के मुख्यमंत्री के निर्णय का महासंघ स्वागत करता है और अपेक्षा करता है कि शीघ्र ही शेष सभी मांगों पर आदेश जारी किए जाएंगे।
राजस्थान के 33 जिलों से आ रहे हैं कर्मचारी
महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि राजस्थान के सभी 33 जिलों से भारी संख्या में मंत्रालयिक कर्मचारियों का महापड़ाव में आना लगातार जारी है। इसी क्रम में महापड़ाव में बुधवार को हजारों मंत्रालयिक कर्मचारियों द्वारा देशभक्ति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
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आपको बता दें कि प्रदेशभर के मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी 9 सूत्री मांगों के लिए राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर 20 सितंबर से सामूहिक अवकाश एवं महापड़ाव पर चल रहे हैं। महापड़ाव स्थल पर मंगलवार को लगभग 6 हजार आक्रोशित महिला मंत्रालयिक कर्मचारियों की अगुवाई में लगभग 45 हजार मंत्रालयिक कर्मचारियों ने मंत्रालयिक महिला शक्ति दिवस मनाया। इसमें महिला मंत्रालयिक कर्मियों ने प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना को रक्षासूत्र बांधकर ग्रेड पे 3600, सचिवालय के समान वेतनमान, वेतन कटौती निरस्त सहित 9 सूत्री मांगों को पूरा करवाने का संकल्प दिलवाया और विश्वास दिलाया कि आदेश जारी होने तक महिला कार्मिक भी महापड़ाव में डटे रहेंगे। मंत्रालयिक कर्मचारियों ने हजारों की संख्या में शिप्रापथ थाने के सामने, महापड़ाव स्थल पर सुंदरकांड पाठ कर मांगों के संबंध में भी प्रार्थना की।
प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना ने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के आंदोलन से जनता को हो रही परेशानी के लिए राज्य सरकार का लचर रवैया जिम्मेवार है, क्योंकि मंत्रालयिक महासंघ लगातार सरकार से संवाद स्थापित कर अपनी जायज मांगों पर आदेश जारी किए जाने की मांग करता रहा है। सक्सेना ने बताया कि महापड़ाव शुरू होने के बाद भी महासंघ की मांग अनुसार शिक्षा विभाग के पदों में की गई कटौती निरस्त किए जाने के मुख्यमंत्री के निर्णय का महासंघ स्वागत करता है और अपेक्षा करता है कि शीघ्र ही शेष सभी मांगों पर आदेश जारी किए जाएंगे।
राजस्थान के 33 जिलों से आ रहे हैं कर्मचारी
महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि राजस्थान के सभी 33 जिलों से भारी संख्या में मंत्रालयिक कर्मचारियों का महापड़ाव में आना लगातार जारी है। इसी क्रम में महापड़ाव में बुधवार को हजारों मंत्रालयिक कर्मचारियों द्वारा देशभक्ति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
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