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JLF 2019 - विज्ञान, खगोल विद्या, खगोल भौतिकी, कृत्रिम बौद्धिकता पर भी रहेगा फोकस
जयपुर । जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2019 के संस्करण का मुख्य फोकस विज्ञान, अनुवांशिकी, खगोल विद्या और खगोल भौतिकी, कृत्रिम बौद्धिकता (एआई) और संभावित भविष्य पर भी होगा।
फेस्टिवल का उदघाटन भाषण आज की दुनिया में विज्ञान की भूमिका पर नोबल पुरस्कार विजेता वैंकी रामाकृष्ण देंगे, जो जीन मशीन एंड द साइंस ऑफ कल्चर सत्र में भी विज्ञान के अपने सफर, और विज्ञान के मानवीय पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें गलतियों, अहम्, प्रतियोगिता और संगठन का भी जिक्र होगा। भारतीय मूल के, ब्रिटिश-अमेरिकी जीवविज्ञानी, रामाकृष्ण वर्तमान में रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं। आपकी हालिया प्रकाशित किताब है, जीन मशीनः द रेस टू डिसाइफर द सीक्रेट ऑफ द रिबोसम। इस किताब में अणुओं की खोज के माध्यम से जीन-रीडिंग मॉलिक्यूल के रहस्यों से पर्दा हटाने का प्रयास किया गया है।
एक और दिलचस्प सत्र, जीन्सः ब्लू प्रिंट, नॉट डेस्टिनी में, स्वास्थ्य चिकित्सक, वैज्ञानिक, सामाजिक उद्यमी और कहानीकार शरद पॉल हमें बताएंगे कि कैसे हम अपने विकासपरक इतिहास और कल्याणकारी भविष्य के बीच के संपर्क को समझकर अपनी सेहत की कमान अपने हाथ में ले सकते हैं। चिकित्सीय रहस्यों, मरीजों की कहानियों और विज्ञान के जबरदस्त मेल के साथ, डॉ. पॉल स्वास्थ्य, स्मरणशक्ति और दीर्घआयु की समग्रता के प्रति अपने नजरिये से श्रोताओं को अवगत करायेंगे।
एक अन्य सत्र एंशियंट डीएनएः हू वी आर एंड हाउ वी गॉट हेयर में लेखक और पत्रकार टोनी जोसफ, हमारे समय के दो सबसे प्रभावशाली मानवशास्त्रियों और अनुवांशिकों, डेनियल लेबरमेन और डेविड रेच से चर्चा करेंगे। डीएनए हमारे अस्तित्व का सार है, जो जोर देता है कि हम कौन हैं और अपने बच्चों को क्या देकर जायेंगे। रेच बताते हैं कि हू वी आर एंड हाउ वी गॉट हेयर, तो लेबरमेन द स्टोरी ऑफ द ह्यूमन बॉडीः इवोल्यूशन, हेल्थ एंड डिसीज, पर बात करते हैं। साथ में, वो चर्चा करते हैं कि किस प्रकार से पूरी जीवित जनसंख्या हमारे पूर्वजों का मिश्रण है और अक्सर ऐसी आनुवांशिकी संरचना के वाहक होते हैं, जो कभी आदिमानव में पाई जाती थी।
एक और दिलचस्प और मनोरंजक सत्र होगा, मैपिंग द हैवंस, जिसका संचालन वीना वेणुगोपाल करेंगी, और जानी-मानी, खगोलविद् और येल में प्रोफेसर प्रियम्वदा नटराजन हमारे ब्रहमांड की प्रकृति पर नजर डालेंगी। वो अपने तरीके से हमें तारों की सैर कराएंगी।
जबकि विज्ञान पूरी तरह से अपनी प्रकृति में व्यावहारिक है, पर ये अक्सर हमारी कल्पना से प्रेरणा लेता है। और हमारी कहानियों से ज्यादा कल्पना कहां मिल सकती है? कवयित्री और उपन्यासकार प्रिया सरुकाई छाबरिया और लेखिका और सिविल सर्वेंट साधना शंकर से स्वतंत्र अंतर्राश्ट्रीय पब्लिशिंग एजेंट जया भट्टाचार्जी रोज, पोस्ट हयूमनः साईःफाई रीडिंग्स सत्र में जानी-मानी दोनों लेखिकाओं के साथ फिक्शन के भविष्य पर चर्चा करेंगी।
कल्पना की बात करें तो, विषेशज्ञों का मानना है कि 2062 तक, हम ऐसी मशीनें बना लेंगे जो हमारी ही तरह बौद्धिक होंगी। डाटा जर्नलिज्म के प्रोफेसर मेरेडिथ ब्रोसार्ड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रोफेसर टॉबी वाल्श के साथ कवयित्री और साहित्यिक पत्रकार अनुपमा राजू इस दिलचस्प विषय पर चर्चा करेंगी। द फ्यूचर इज नाउ, सत्र में तीनों कृत्रिम बौद्धिकता के भविष्य, यह कैसे विकसित होगा और हमारे पास, अपना नियंत्रण अपने हाथों में सुनिश्चित करने के, क्या विकल्प होंगे, पर चर्चा करेंगे। ब्रोसार्ड की किताब है, आर्टिफिशियल अनइंटेलिजेंसः हाउ कम्प्यूटर्स मिसअंडरस्टैंड द वर्ल्ड, और वाल्श ने अन्य अनेक किताबों के साथ, 2062 द वर्ल्ड दैट एआई मेड एंड एंड्रोइड ड्रीम्सः द पास्ट, प्रेजेंट एंड फ्यूचर ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।
फेस्टिवल का उदघाटन भाषण आज की दुनिया में विज्ञान की भूमिका पर नोबल पुरस्कार विजेता वैंकी रामाकृष्ण देंगे, जो जीन मशीन एंड द साइंस ऑफ कल्चर सत्र में भी विज्ञान के अपने सफर, और विज्ञान के मानवीय पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें गलतियों, अहम्, प्रतियोगिता और संगठन का भी जिक्र होगा। भारतीय मूल के, ब्रिटिश-अमेरिकी जीवविज्ञानी, रामाकृष्ण वर्तमान में रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं। आपकी हालिया प्रकाशित किताब है, जीन मशीनः द रेस टू डिसाइफर द सीक्रेट ऑफ द रिबोसम। इस किताब में अणुओं की खोज के माध्यम से जीन-रीडिंग मॉलिक्यूल के रहस्यों से पर्दा हटाने का प्रयास किया गया है।
एक और दिलचस्प सत्र, जीन्सः ब्लू प्रिंट, नॉट डेस्टिनी में, स्वास्थ्य चिकित्सक, वैज्ञानिक, सामाजिक उद्यमी और कहानीकार शरद पॉल हमें बताएंगे कि कैसे हम अपने विकासपरक इतिहास और कल्याणकारी भविष्य के बीच के संपर्क को समझकर अपनी सेहत की कमान अपने हाथ में ले सकते हैं। चिकित्सीय रहस्यों, मरीजों की कहानियों और विज्ञान के जबरदस्त मेल के साथ, डॉ. पॉल स्वास्थ्य, स्मरणशक्ति और दीर्घआयु की समग्रता के प्रति अपने नजरिये से श्रोताओं को अवगत करायेंगे।
एक अन्य सत्र एंशियंट डीएनएः हू वी आर एंड हाउ वी गॉट हेयर में लेखक और पत्रकार टोनी जोसफ, हमारे समय के दो सबसे प्रभावशाली मानवशास्त्रियों और अनुवांशिकों, डेनियल लेबरमेन और डेविड रेच से चर्चा करेंगे। डीएनए हमारे अस्तित्व का सार है, जो जोर देता है कि हम कौन हैं और अपने बच्चों को क्या देकर जायेंगे। रेच बताते हैं कि हू वी आर एंड हाउ वी गॉट हेयर, तो लेबरमेन द स्टोरी ऑफ द ह्यूमन बॉडीः इवोल्यूशन, हेल्थ एंड डिसीज, पर बात करते हैं। साथ में, वो चर्चा करते हैं कि किस प्रकार से पूरी जीवित जनसंख्या हमारे पूर्वजों का मिश्रण है और अक्सर ऐसी आनुवांशिकी संरचना के वाहक होते हैं, जो कभी आदिमानव में पाई जाती थी।
एक और दिलचस्प और मनोरंजक सत्र होगा, मैपिंग द हैवंस, जिसका संचालन वीना वेणुगोपाल करेंगी, और जानी-मानी, खगोलविद् और येल में प्रोफेसर प्रियम्वदा नटराजन हमारे ब्रहमांड की प्रकृति पर नजर डालेंगी। वो अपने तरीके से हमें तारों की सैर कराएंगी।
जबकि विज्ञान पूरी तरह से अपनी प्रकृति में व्यावहारिक है, पर ये अक्सर हमारी कल्पना से प्रेरणा लेता है। और हमारी कहानियों से ज्यादा कल्पना कहां मिल सकती है? कवयित्री और उपन्यासकार प्रिया सरुकाई छाबरिया और लेखिका और सिविल सर्वेंट साधना शंकर से स्वतंत्र अंतर्राश्ट्रीय पब्लिशिंग एजेंट जया भट्टाचार्जी रोज, पोस्ट हयूमनः साईःफाई रीडिंग्स सत्र में जानी-मानी दोनों लेखिकाओं के साथ फिक्शन के भविष्य पर चर्चा करेंगी।
कल्पना की बात करें तो, विषेशज्ञों का मानना है कि 2062 तक, हम ऐसी मशीनें बना लेंगे जो हमारी ही तरह बौद्धिक होंगी। डाटा जर्नलिज्म के प्रोफेसर मेरेडिथ ब्रोसार्ड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रोफेसर टॉबी वाल्श के साथ कवयित्री और साहित्यिक पत्रकार अनुपमा राजू इस दिलचस्प विषय पर चर्चा करेंगी। द फ्यूचर इज नाउ, सत्र में तीनों कृत्रिम बौद्धिकता के भविष्य, यह कैसे विकसित होगा और हमारे पास, अपना नियंत्रण अपने हाथों में सुनिश्चित करने के, क्या विकल्प होंगे, पर चर्चा करेंगे। ब्रोसार्ड की किताब है, आर्टिफिशियल अनइंटेलिजेंसः हाउ कम्प्यूटर्स मिसअंडरस्टैंड द वर्ल्ड, और वाल्श ने अन्य अनेक किताबों के साथ, 2062 द वर्ल्ड दैट एआई मेड एंड एंड्रोइड ड्रीम्सः द पास्ट, प्रेजेंट एंड फ्यूचर ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।
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