Is Khap system the basic governance of India-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 29, 2024 2:55 pm
Location
Advertisement

क्या खाप व्यवस्था भारत की मूल शासन व्यवस्था है...

khaskhabar.com : शनिवार, 03 नवम्बर 2018 8:35 PM (IST)
क्या खाप व्यवस्था भारत की मूल शासन व्यवस्था है...
चंडीगढ़ । हरियाणा के वित्त एवं राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि खाप व्यवस्था भारत की मूल शासन व्यवस्था है। बदलते दौर के अनुरूप खाप पंचायतों को समावेशी सोच के साथ सबको जोड़ते हुए आगे बढऩा चाहिए जिससे समाज को इनका पूरा लाभ मिल सके। वित्त मंत्री शनिवार को जिला हिसार के गांव सिसाय कालीरामण में आयोजित अखिल भारतीय कालीरामण खाप के 5वें स्थापना दिवस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कालीरामण खाप के 60 से अधिक प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित भी किया। खाप के राष्ट्रीय प्रधान वीरेंद्र संडवा, संयोजक रामस्वरूप कैथल व पूर्व सरपंच अजीत सिंह ने पगड़ी पहनाकर वित्तमंत्री का अभिनंदन किया। वित्त मंत्री ने गांव की चौपाल के लिए 5 लाख तथा खाप भवन के लिए 11 लाख रुपये देने की घोषणा की।वित्त मंत्री ने कहा कि त्रेता युग में विभिन्न खापों वाले किसान समूहों ने राजा जनक को अपना राजा चुना था जो स्वयं हल चलाते थे। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में भी खाप व्यवस्था के महत्व का वर्णन मिलता है। खाप के रूप में हमारे बुजुर्गों ने समाज को बहुत सुंदर व्यवस्था दी थी। समाज के समझदार लोग जब मिल-जुलकर बैठकर चिंतन करेंगे तो समाज की भलाई में कुछ अच्छा ही सोचेंगे। इस सोच के साथ गठित हुई खाप पंचायतों ने समाज में सुधार की पहल करते हुए समाज को नई दिशा दिखाई।उन्होंने कहा कि आज नई पीढ़ी को सही रास्ता दिखाने की जरूरत है, इसके लिए बुजुर्गों को पहल करनी चाहिए। बड़े-बुजुर्ग अपने अनुभवों को युवाओं के साथ सांझा करते हुए यह चिंतन करें कि युवा पीढ़ी के सामने कैसे आदर्श स्थापित किए जाएं। उन्होंने कहा कि मैंने जो सामाजिक ज्ञान बुजुर्गों से पाया वह हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय में भी नहीं मिला। इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित करके हम अन्य बच्चों के समक्ष नए आदर्श स्थापित कर सकते हैं जिनसे वे प्रेरणा ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहलवान चंदगी राम की यह कालीरामण खाप समाज के सुधार में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। उन्होंने कालीरावण गौत्र के उन प्रसिद्ध बेटे-बेटियों व अन्य व्यक्तियों के बारे में भी बताया जो देश ही नहीं विदेशों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं।वित्त मंत्री ने कहा कि खापों को नियम व कानून ऐसे बनाने चाहिए जिनसे समाज जुड़े, क्योंकि जब तक गुलदस्ते में हर प्रकार के फूल नहीं होंगे वह सुंदर नहीं दिखेगा। हमें समाज की सभी 36 बिरादरियों को एकसूत्र में पिरोकर आदर्श समाज के निर्माण का सूत्रधार बनना होगा। उन्होंने समाज में जात-बिरादरी का जहर घोलने वाले लोगों से सतर्क रहने के लिए भी लोगों को आगाह किया। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि प्रदेश की लगभग 60 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है जिसके माध्यम से उनका केवल 15 प्रतिशत आमदनी पर अधिकार है जबकि उद्योग, व्यापार व सेवा क्षेत्र से जुड़े 40 प्रतिशत लोगों का 85 प्रतिशत आमदनी पर अधिकार है। उन्होंने खेती से जुड़े लोगों को सलाह दी कि यदि उनके दो बेटे हैं तो एक को वे खेती में लगाएं तथा दूसरे को किसी नौकरी या व्यापार से जोड़ें ताकि परिवार की आय को बढ़ाकर उसे समृद्ध बनाया जा सके। उन्होंने ग्रामीणों को शिक्षा, सभ्यता, संस्कार, सत्संग, समन्वय, सहकार, सहयोग, संगठित व सत्कर्म के सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू करते हुए आदर्श समाज के निर्माण में सहयोग का आह्वïान किया।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Haryana Facebook Page:
Advertisement
Advertisement