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मल्टी स्टेट काॅपरेटिव सोसायटीज पर शिकंजा कसने के लिए स्पेशल यूनिट बनाने के निर्देश
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धोखाधड़ी कर लोगों का पैसा हड़पने वाली मल्टी स्टेट काॅपरेटिव सोसायटीज पर शिकंजा कसने के लिए एक स्पेशल यूनिट गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था की प्रभावी माॅनीटरिंग एवं अपराधों की रोकथाम के लिए लगाए गए रेंज प्रभारी अतिरिक्त महानिदेशकों को हर दो माह में कम से कम दो दिन रेंज का दौरा करने और रात्रि विश्राम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक तीन माह में इसकी समीक्षा होगी।
गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में रेंज प्रभारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एडीजी स्तर के अधिकारियों को रेंज की माॅनीटरिंग का जिम्मा सौंपने के पीछे हमारा उद्देश्य है कि कानून-व्यवस्था की बेहतर निगरानी हो। जमीनी स्तर का वास्तविक फीडबैक सरकार तक पहुंच सके और उसके अनुरूप पुलिसिंग को बेहतर बनाने के निर्णय लिए जा सकें। इससे पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी अपराधों एवं इनसे आमजन को होने वाली समस्याओं से सीधे रूबरू हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान पुलिस अपराध नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक एवं संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए खुद को तैयार करे। पुलिसकर्मियों में संवेदनशीलता के साथ ही प्रोफेशनल एप्रोच विकसित हो। उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस के सुदृढ़ीकरण एवं उन्हें संसाधन मुहैया कराने में कोई कमी नहीं रखेगी।
धोखाधड़ी रोकेगी बचत एवं निवेश फ्राॅड कन्ट्रोल यूनिट
गहलोत ने विगत दिनों मल्टी स्टेट काॅपरेटिव सोसायटीज के माध्यम से लोगों की बचत हड़पने तथा उनके साथ धोखाधड़ी करने के मामलों को गंभीरता से लिया। उन्होंने ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए ‘बचत एवं निवेश फ्राॅड कन्ट्रोल यूनिट‘ गठित करने के निर्देश दिए। यह यूनिट एसओजी के पर्यवेक्षण में काम करेगी।
माफिया के खिलाफ करें सख्ती
गहलोत ने कहा कि शराब, भूमि, खनन, ड्रग सहित विभिन्न प्रकार के माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जिससे आमजन में पुलिस के प्रति सकारात्मक संदेश जाए। उन्होंने कहा कि जिलों में संगठित अपराधों की रोकथाम तथा माफिया पर लगाम कसने के लिए गठित जिला विशेष टीम (डीएसटी) में शामिल पुलिसकर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाए। साथ ही उन्हें जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
पश्चिमी राजस्थान के लिए बनाएं कार्ययोजना
गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी, तेल एवं गैस के उत्खनन, सोलर एवं विंड एनर्जी परियोजनाओं के कारण पश्चिमी राजस्थान में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। इसके चलते वहां कई तरह के अपराध एवं माफिया पनपने लगे हैं। इन पर शुरूआती स्तर पर ही लगाम कसी जाए। इसके लिए पुलिस अधिकारी एक कार्ययोजना बनाएं ताकि इस क्षेत्र में होने वाले निवेश एवं उद्योगों पर विपरीत असर नहीं पड़े।
गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में रेंज प्रभारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एडीजी स्तर के अधिकारियों को रेंज की माॅनीटरिंग का जिम्मा सौंपने के पीछे हमारा उद्देश्य है कि कानून-व्यवस्था की बेहतर निगरानी हो। जमीनी स्तर का वास्तविक फीडबैक सरकार तक पहुंच सके और उसके अनुरूप पुलिसिंग को बेहतर बनाने के निर्णय लिए जा सकें। इससे पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी अपराधों एवं इनसे आमजन को होने वाली समस्याओं से सीधे रूबरू हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान पुलिस अपराध नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक एवं संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए खुद को तैयार करे। पुलिसकर्मियों में संवेदनशीलता के साथ ही प्रोफेशनल एप्रोच विकसित हो। उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस के सुदृढ़ीकरण एवं उन्हें संसाधन मुहैया कराने में कोई कमी नहीं रखेगी।
धोखाधड़ी रोकेगी बचत एवं निवेश फ्राॅड कन्ट्रोल यूनिट
गहलोत ने विगत दिनों मल्टी स्टेट काॅपरेटिव सोसायटीज के माध्यम से लोगों की बचत हड़पने तथा उनके साथ धोखाधड़ी करने के मामलों को गंभीरता से लिया। उन्होंने ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए ‘बचत एवं निवेश फ्राॅड कन्ट्रोल यूनिट‘ गठित करने के निर्देश दिए। यह यूनिट एसओजी के पर्यवेक्षण में काम करेगी।
माफिया के खिलाफ करें सख्ती
गहलोत ने कहा कि शराब, भूमि, खनन, ड्रग सहित विभिन्न प्रकार के माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जिससे आमजन में पुलिस के प्रति सकारात्मक संदेश जाए। उन्होंने कहा कि जिलों में संगठित अपराधों की रोकथाम तथा माफिया पर लगाम कसने के लिए गठित जिला विशेष टीम (डीएसटी) में शामिल पुलिसकर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाए। साथ ही उन्हें जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
पश्चिमी राजस्थान के लिए बनाएं कार्ययोजना
गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी, तेल एवं गैस के उत्खनन, सोलर एवं विंड एनर्जी परियोजनाओं के कारण पश्चिमी राजस्थान में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। इसके चलते वहां कई तरह के अपराध एवं माफिया पनपने लगे हैं। इन पर शुरूआती स्तर पर ही लगाम कसी जाए। इसके लिए पुलिस अधिकारी एक कार्ययोजना बनाएं ताकि इस क्षेत्र में होने वाले निवेश एवं उद्योगों पर विपरीत असर नहीं पड़े।
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