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ई मित्र केंद्रों को लेकर 8 जिलों के कलेक्टरों को जांच के दिए निर्देश
जयपुर। प्रमुख शासन सचिव सहकारिता नरेश पाल गंगवार ने कहा कि 8 जिलों बारां, चूरू, जैसलमेर, नागौर, जोधपुर, उदयपुर, दौसा एवं श्रीगंगानगर के 118 ई-मित्र केन्द्रों द्वारा आधार आधारित बायोमैट्रिक सत्यापन के स्थान पर ओ.टी.पी. के आधार पर 10 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत पंजीयन किये गये है जो पंजीकरण की सत्यतता पर संदेह उत्पन्न करते है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से पंजीयन होना ई-मित्रों को दिये गये निर्देशों की अवहेलना की श्रेणी में आते है।
गंगवार शनिवार को समर्थन मूल्य पर दलहन एवं तिलहन की खरीद के लिए किये गये पंजीकरण की समीक्षा कर रहे थे। गंगवार ने तत्काल ही 8 जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर निर्देश दिये कि ओ.टी.पी. के आधार पर हुए पंजीयनों की एस.डी.एम. व तहसीलदार स्तर के अधिकारी से खरीद शुरू होने से पूर्व जांच करवाकर राजफैड मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाये।
उल्लेखनीय है कि मूंग, उडद व सोयाबीन की 1 नवम्बर तथा मूंगफली की 7 नवम्बर से खरीद प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के बाद यह सुनिश्चित हो सकेगा कि ओ.टी.पी. से हुए पंजीयन में किसान अपने अगूंठे के आधार पर पंजीयन करवाने में सक्षम थे अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि जांच में सही पाये गये किसानों को ही तुलाई की दिनांक आवंटित की जायेगी एवं जो पंजीयन सही नहीं होंगे उन्हें निरस्त किया जाएगा।
गंगवार ने संबंधित जिला कलेक्टर को यह भी निर्देश दिये कि जिन ई-मित्रों द्वारा नियम विरूद्ध पंजीयन किया गया है उनके खिलाफ नियमानुसार आवश्यक कठोर कार्रवाई अमल में लायी जाए साथ ही यदि किसानों की भी इसमें संलिप्ता पायी जाती है तो उनके खिलाफ भी आवश्यक कार्यवाई की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि समर्थन मूल्य खरीद में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए तथा वास्तविक किसानों से खरीद हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।
प्रबन्ध निदेशक, राजफैड सुषमा अरोडा ने कहा कि राजफैड के स्तर से ऑनलाइ्र्रन पोर्टल के द्वारा हो रहे पंजीयन की विस्तृत जांच की गई। जांच में पाया गया कि 118 ई-मित्र केन्द्रों के द्वारा ओ.टी.पी. के आधार पर अधिक पंजीयन होने से संदेह हुआ है। उन्होंने कहा कि राजफैड प्रत्येक स्तर पर यह सुनिश्चित कर रहा है कि खरीद में पूर्ण पारदर्शिता एवं जवाबदेही बनी रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि खरीद में अनियमितताओं को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
गंगवार शनिवार को समर्थन मूल्य पर दलहन एवं तिलहन की खरीद के लिए किये गये पंजीकरण की समीक्षा कर रहे थे। गंगवार ने तत्काल ही 8 जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर निर्देश दिये कि ओ.टी.पी. के आधार पर हुए पंजीयनों की एस.डी.एम. व तहसीलदार स्तर के अधिकारी से खरीद शुरू होने से पूर्व जांच करवाकर राजफैड मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाये।
उल्लेखनीय है कि मूंग, उडद व सोयाबीन की 1 नवम्बर तथा मूंगफली की 7 नवम्बर से खरीद प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के बाद यह सुनिश्चित हो सकेगा कि ओ.टी.पी. से हुए पंजीयन में किसान अपने अगूंठे के आधार पर पंजीयन करवाने में सक्षम थे अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि जांच में सही पाये गये किसानों को ही तुलाई की दिनांक आवंटित की जायेगी एवं जो पंजीयन सही नहीं होंगे उन्हें निरस्त किया जाएगा।
गंगवार ने संबंधित जिला कलेक्टर को यह भी निर्देश दिये कि जिन ई-मित्रों द्वारा नियम विरूद्ध पंजीयन किया गया है उनके खिलाफ नियमानुसार आवश्यक कठोर कार्रवाई अमल में लायी जाए साथ ही यदि किसानों की भी इसमें संलिप्ता पायी जाती है तो उनके खिलाफ भी आवश्यक कार्यवाई की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि समर्थन मूल्य खरीद में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए तथा वास्तविक किसानों से खरीद हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।
प्रबन्ध निदेशक, राजफैड सुषमा अरोडा ने कहा कि राजफैड के स्तर से ऑनलाइ्र्रन पोर्टल के द्वारा हो रहे पंजीयन की विस्तृत जांच की गई। जांच में पाया गया कि 118 ई-मित्र केन्द्रों के द्वारा ओ.टी.पी. के आधार पर अधिक पंजीयन होने से संदेह हुआ है। उन्होंने कहा कि राजफैड प्रत्येक स्तर पर यह सुनिश्चित कर रहा है कि खरीद में पूर्ण पारदर्शिता एवं जवाबदेही बनी रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि खरीद में अनियमितताओं को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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