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उपायुक्त ने अधिकारियों को दिए निर्देश, अवैध खनन की हर गतिविधि पर रखें नजर
पंचकूला। उपायुक्त डाॅ. बलकार सिंह ने खनन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अवैध खनन की हर गतिविधि पर नजर रखें और ऐसे मामलों में शामिल लोगों के विरूद्ध सख्त कार्रवाही अमल में लाये। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा पंचकूला व कालका उपमंडल में संबंधित एसडीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित करके ऐसे मामलों की जानकारी मिलने पर सख्त कार्रवाही करने के निर्देश जारी किये गये है।
उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिये कि वे सूचना तंत्र को मजबूत करके अवैध खनन की हर छोटी बड़ी गतिविधियों पर नजर रखें और मामला ध्यान में आने पर तुरंत कानूनी कार्रवाही भी अमल में लाये। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह निर्देश भी दिये गये है कि जिस भी अधिकारी के क्षेत्र में अवैध खनन का मामला ध्यान में आयेगा, उसके विरूद्ध प्रशासनिक कार्रवाही अमल में लाई जायेगी।
डाॅ. बलकार सिंह ने बताया कि उपमंडल स्तर की टास्क फोर्स में एसडीएम को चेयरमैन बनाया गया है जबकि दोनों मंडलों में जिला खनन अधिकारी इसके सदस्य सचिव होंगे। उन्होंने बताया कि उपमंडल स्तर पर सहायक पुलिस आयुक्त, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार, उपमंडल में आने वाले थाना प्रभारी, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, खनन निरीक्षक और वन विभाग के संबंधित क्षेत्र के रेंज अधिकारी टास्क फोर्स के सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स की जिम्मेवारी तय की गई है कि अवैध खनन के मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो।
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों की सूचना जुटाने के लिये संबंधित क्षेत्र के कानूनगो, पटवारी, ग्राम सचिव, फोरेस्ट गार्ड, नंबरदार और चैंकीदार को सूचना तंत्र के तौर पर प्रयोग करने के लिये कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस तंत्र के अलावा भी यदि किसी अन्य माध्यम से टास्क फोर्स के चेयरमैन अथवा किसी सदस्य के पास अवैध खनन की सूचना पंहुचती है तो वह इसकी जानकारी सदस्यों को देकर सामुहिक रेड कर सकते है। इसके अलावा टास्क फोर्स में शामिल सदस्य स्थिति के अनुरूप अकेले भी कानूनी कार्रवाही अमल में ला सकते है।
उन्होंने कहा कि यह निर्देश भी दिये गये है कि टास्क फोर्स के चेयरमैन प्रतिमास बैठक आयोजित करके अवैध खनन रोकने के लिये की गई कार्रवाही की समीक्षा करेंगे और जिला स्तरीय टास्क फोर्स की मासिक बैठक में भी इन सभी सदस्यों से महीने के दौरान की गई रेड, दर्ज किये गये मामलों व अवैध खनन रोकने के लिये उठाये गये अन्य कदमों की जानकारी ली जायेगी। उन्होंने कहा कि अवैध खनन न केवल खनन कानूनों की उल्लंघना है बल्कि इससे पर्यावरण और राजस्व का भी नुकसान होता है।
उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिये कि वे सूचना तंत्र को मजबूत करके अवैध खनन की हर छोटी बड़ी गतिविधियों पर नजर रखें और मामला ध्यान में आने पर तुरंत कानूनी कार्रवाही भी अमल में लाये। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह निर्देश भी दिये गये है कि जिस भी अधिकारी के क्षेत्र में अवैध खनन का मामला ध्यान में आयेगा, उसके विरूद्ध प्रशासनिक कार्रवाही अमल में लाई जायेगी।
डाॅ. बलकार सिंह ने बताया कि उपमंडल स्तर की टास्क फोर्स में एसडीएम को चेयरमैन बनाया गया है जबकि दोनों मंडलों में जिला खनन अधिकारी इसके सदस्य सचिव होंगे। उन्होंने बताया कि उपमंडल स्तर पर सहायक पुलिस आयुक्त, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार, उपमंडल में आने वाले थाना प्रभारी, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, खनन निरीक्षक और वन विभाग के संबंधित क्षेत्र के रेंज अधिकारी टास्क फोर्स के सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स की जिम्मेवारी तय की गई है कि अवैध खनन के मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो।
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों की सूचना जुटाने के लिये संबंधित क्षेत्र के कानूनगो, पटवारी, ग्राम सचिव, फोरेस्ट गार्ड, नंबरदार और चैंकीदार को सूचना तंत्र के तौर पर प्रयोग करने के लिये कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस तंत्र के अलावा भी यदि किसी अन्य माध्यम से टास्क फोर्स के चेयरमैन अथवा किसी सदस्य के पास अवैध खनन की सूचना पंहुचती है तो वह इसकी जानकारी सदस्यों को देकर सामुहिक रेड कर सकते है। इसके अलावा टास्क फोर्स में शामिल सदस्य स्थिति के अनुरूप अकेले भी कानूनी कार्रवाही अमल में ला सकते है।
उन्होंने कहा कि यह निर्देश भी दिये गये है कि टास्क फोर्स के चेयरमैन प्रतिमास बैठक आयोजित करके अवैध खनन रोकने के लिये की गई कार्रवाही की समीक्षा करेंगे और जिला स्तरीय टास्क फोर्स की मासिक बैठक में भी इन सभी सदस्यों से महीने के दौरान की गई रेड, दर्ज किये गये मामलों व अवैध खनन रोकने के लिये उठाये गये अन्य कदमों की जानकारी ली जायेगी। उन्होंने कहा कि अवैध खनन न केवल खनन कानूनों की उल्लंघना है बल्कि इससे पर्यावरण और राजस्व का भी नुकसान होता है।
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