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अधिसूचित कॉलोनियों में विकास कार्य शुरू करने के निर्देश
चंडीगढ़ । हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने सभी नगर पालिकाओं को नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले नगर क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित कालोनियों में विकास कार्यों को शुरू करने के निर्देश दिये है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि एक बार कालोनियों को नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले नगर क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया है, तो संबंधित प्राधिकरणों द्वारा जल आपूर्ति, सीवरेज, सड़कों और स्ट्रीट लाइट्स सहित विकास कार्यों को किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्लाट के पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की मंजूरी या बिल्डिंग प्लान इत्यादि के लिए सुनिश्चित किया जाए कि आवेदक द्वारा विकास शुल्क जमा किया गया है।
उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा इस बारे में संबंधित उपायुक्तों, नगरनिगम आयुक्तों, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारियों और नगरपालिका के सचिवों को एक पत्र जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा मैनेजमेंट ऑफ सिविक एमिनिटिज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर युनिसिपल एरियाज (स्पेशल प्रोविजनस) एक्ट, 2016 के अंतर्गत 535 विभिन्न कॉलोनियों की अधिसूचना को मंजूरी प्रदान की थी, जिससे इन कालोनियों में अब मु य आवश्यक सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी। इन 535 विभिन्न कॉलोनियों में से नगर निगमों में 254, नगर परिषदों में 100 और नगर पालिकाओं में 181 कालोनियां पड़ती हैं।
गुरुग्राम में 32 कालोनियां, फरीदाबाद में 9, करनाल में 23 और पानीपत में 29 (कुल 93) कालोनियों को पहले से ही नागरिक सुविधाएं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले नगर क्षेत्रों के रूप में घोषित किया जा चुका है। राज्य की 200 से अधिक कालोनियों का अभी भी अध्ययन चल रहा है और जल्द ही निकट भविष्य में नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्र के रूप में घोषित होने की संभावना है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि एक बार कालोनियों को नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले नगर क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया है, तो संबंधित प्राधिकरणों द्वारा जल आपूर्ति, सीवरेज, सड़कों और स्ट्रीट लाइट्स सहित विकास कार्यों को किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्लाट के पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की मंजूरी या बिल्डिंग प्लान इत्यादि के लिए सुनिश्चित किया जाए कि आवेदक द्वारा विकास शुल्क जमा किया गया है।
उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा इस बारे में संबंधित उपायुक्तों, नगरनिगम आयुक्तों, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारियों और नगरपालिका के सचिवों को एक पत्र जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा मैनेजमेंट ऑफ सिविक एमिनिटिज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर युनिसिपल एरियाज (स्पेशल प्रोविजनस) एक्ट, 2016 के अंतर्गत 535 विभिन्न कॉलोनियों की अधिसूचना को मंजूरी प्रदान की थी, जिससे इन कालोनियों में अब मु य आवश्यक सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी। इन 535 विभिन्न कॉलोनियों में से नगर निगमों में 254, नगर परिषदों में 100 और नगर पालिकाओं में 181 कालोनियां पड़ती हैं।
गुरुग्राम में 32 कालोनियां, फरीदाबाद में 9, करनाल में 23 और पानीपत में 29 (कुल 93) कालोनियों को पहले से ही नागरिक सुविधाएं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले नगर क्षेत्रों के रूप में घोषित किया जा चुका है। राज्य की 200 से अधिक कालोनियों का अभी भी अध्ययन चल रहा है और जल्द ही निकट भविष्य में नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्र के रूप में घोषित होने की संभावना है।
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