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यूएनजीए में अल्पसंख्यकों के हक को लेकर भारत-पाक के बीच हुई तीखी बहस

khaskhabar.com : सोमवार, 25 जनवरी 2021 6:39 PM (IST)
यूएनजीए में अल्पसंख्यकों के हक को लेकर भारत-पाक के बीच हुई तीखी बहस
इस्लामाबाद| पाकिस्तान और भारत के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में उनके यहां नष्ट होते अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ तीखी बहस हुई।
धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाए जाने और इसकी निंदा करते हुए पाकिस्तान की ओर से सह-प्रायोजित एक प्रस्ताव भी पेश किया गया।
प्रस्ताव में पाकिस्तान का तर्क भारत में बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भ में था।
खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले में एक हिंदू धर्मस्थल को जलाए जाने के पाकिस्तान के खिलाफ भारत के दावे को इस्लामाबाद ने गैरकानूनी दावा करार दिया और कहा कि भारत को कहीं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए चिंता जताने के बजाय अपने खुद के घर पर ध्यान देना चाहिए।
यूएनजीए में पाकिस्तानी प्रतिनिधि जुल्कारनैन चीमा ने कहा, "यह पहली बार नहीं है, जब भारत ने कहीं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए चिंता जताने की कोशिश की है, जबकि वह खुद लगातार अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन कर रहा है।"
वहीं दूसरी ओर, भारत के प्रतिनिधि ने इस्लामाबाद के प्रस्ताव के सह-प्रायोजक (को-स्पॉन्सर) होने पर गंभीर सवाल उठाए।
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, "यह विडंबना है कि पाकिस्तान प्रस्ताव के सह-प्रायोजकों में से एक है। करक मंदिर पर हमला कानून प्रवर्तन एजेंसियों के स्पष्ट समर्थन से किया गया है।"
पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने जवाब दिया कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों के संबंध में भारत और पाकिस्तान के बीच स्पष्ट अंतर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करक घटना के आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और मंदिर की मरम्मत के लिए आदेश जारी किए गए हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायपालिका के उच्चतम स्तर से तत्काल मामले का संज्ञान लिया गया और वरिष्ठ राजनीतिक नेतृत्व ने इस घटना की निंदा की है।
पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कहा कि भारत में मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव का कार्य राष्ट्र की मिलीभगत से हो रहा है।
पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी), 2002 के गुजरात जनसंहार, 2020 के दिल्ली जनसंहार का उदाहरण देते हुए अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही उन्होंने भारत में लव जिहाद और गोहत्या जैसे मुद्दे पर भी अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करने को लेकर भारत की आलोचना की।
पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने दावा किया कि भारत में निर्दोष कश्मीरियों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं और आरएसएस-भाजपा का शासन में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन किए जाने की काफी घटनाएं हो चुकी हैं।
यूएन में इस्लामाबाद के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने यूएनजीए में स्वीकृत प्रस्ताव के लिए संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान धार्मिक स्थलों पर हिंसक हमलों की निंदा करने में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा।"
--आईएएनएस

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