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जयपुर के इस रेलवे स्टेशन को संभालती है महिलाएं, UN ने की तारीफ
गांधीनगर। जयपुर से दिल्ली के रास्ते में एक गांधी नगर नाम से साफ सुथरा रेलवे स्टेशन है। वैसे तो यह स्टेशन देश के बाकी रेलवे स्टेशन जैसा ही है, लेकिन इन दिनों एक खास वजह से विदेशों में भी चर्चाओं मेें छाया हुआ है।
दरअसल यह मुख्य लाइन का पहला स्टेशन है, जिसे केवल महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में इसे एक मील का पत्थर बताया है। टोंक रोड पर जयपुर-दिल्ली लाइन पर स्थित इस स्टेशन से दिनभर में ढेरों रेलगाडिय़ां गुजरती हैं और यहां आने वाले और यहां से जाने वाले लोग हरी झंडी दिखाने वाले गार्ड से लेकर टिकट चैकर और सफाई कर्मियों के रूप में महिलाओं को देखकर हैरान भी होते हैं और खुश भी।
टिकट खिड़कियों पर भी रेलवे की सफेद लकदक पोशाक पर गहरे नीले रंग का कोट पहने महिलाएं पूरी मुस्तैदी से अपना काम करती दिखाई देती हैं। संयुक्त राष्ट्र ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो के साथ इस स्टेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए लिखा है कि यहां 40 से अधिक महिला कर्मचारी हैं, जो पुरूषों से अधिक कारगर ढंग से अपनी जिम्मेदारियां निभाती हैं। इनका कहना है कि गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर से लेकर पुलिस स्टेशन को महिलाएं बखूबी तरीके से स्टेशन को सभांलती है।
महिलाओं द्वारा स्टेशन का कामकाज संभालने के बाद यहां की सफाई व्यवस्था बेहतर हुई है। बिना टिकट रेल में चढऩे की कोशिश करने वालों की संख्या कम हुई है और कतारें छोटी हो गई हैं। इसके अनुसार यहां तैनात महिला कर्मियों ने एक महीने में 520 लोगों को बिना टिकट ट्रेन में चढऩे की कोशिश करते हुए पकड़ा, जबकि इसके पिछले बरस उसी माह में उनके पुरुष समकक्षों ने इस तरह के केवल 64 लोगों को पकड़ा था। यही वजह है कि पिछले वर्ष फरवरी में यह स्टेशन रेलवे के महिला स्टाफ के हवाले करने के बाद से यहां की आमदनी बढ़ गई है।
महिलाओं को पुरूषों से बेहतर कर्मी करार देते हुए वीडियो में कहा गया है कि एक ऐसे देश में जहां रोजगार में महिलाओं की भागीदारी मात्र 27 प्रतिशत है, महिलाओं द्वारा इस तरह से एक पूरे रेलवे स्टेशन को संभालना अपने आप में एक मील का पत्थर है। इसमें सवाल किया गया है कि क्या अन्य देश भी इसका अनुसरण करेंगे। उत्तर पश्चिम रेलवे के तहत जयपुर- दिल्ली रेल मार्ग पर स्थित गांधी नगर स्टेशन से हर रोज 50 से ज्यादा ट्रेन गुजरती हैं और सात हजार से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही से इस स्टेशन पर रौनक रहती हैं। यहां तैनात महिला कर्मियों को स्टेशन के तमाम कामकाज करने का पूरा प्रशिक्षण दिया गया है।
दरअसल यह मुख्य लाइन का पहला स्टेशन है, जिसे केवल महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में इसे एक मील का पत्थर बताया है। टोंक रोड पर जयपुर-दिल्ली लाइन पर स्थित इस स्टेशन से दिनभर में ढेरों रेलगाडिय़ां गुजरती हैं और यहां आने वाले और यहां से जाने वाले लोग हरी झंडी दिखाने वाले गार्ड से लेकर टिकट चैकर और सफाई कर्मियों के रूप में महिलाओं को देखकर हैरान भी होते हैं और खुश भी।
टिकट खिड़कियों पर भी रेलवे की सफेद लकदक पोशाक पर गहरे नीले रंग का कोट पहने महिलाएं पूरी मुस्तैदी से अपना काम करती दिखाई देती हैं। संयुक्त राष्ट्र ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो के साथ इस स्टेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए लिखा है कि यहां 40 से अधिक महिला कर्मचारी हैं, जो पुरूषों से अधिक कारगर ढंग से अपनी जिम्मेदारियां निभाती हैं। इनका कहना है कि गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर से लेकर पुलिस स्टेशन को महिलाएं बखूबी तरीके से स्टेशन को सभांलती है।
महिलाओं द्वारा स्टेशन का कामकाज संभालने के बाद यहां की सफाई व्यवस्था बेहतर हुई है। बिना टिकट रेल में चढऩे की कोशिश करने वालों की संख्या कम हुई है और कतारें छोटी हो गई हैं। इसके अनुसार यहां तैनात महिला कर्मियों ने एक महीने में 520 लोगों को बिना टिकट ट्रेन में चढऩे की कोशिश करते हुए पकड़ा, जबकि इसके पिछले बरस उसी माह में उनके पुरुष समकक्षों ने इस तरह के केवल 64 लोगों को पकड़ा था। यही वजह है कि पिछले वर्ष फरवरी में यह स्टेशन रेलवे के महिला स्टाफ के हवाले करने के बाद से यहां की आमदनी बढ़ गई है।
महिलाओं को पुरूषों से बेहतर कर्मी करार देते हुए वीडियो में कहा गया है कि एक ऐसे देश में जहां रोजगार में महिलाओं की भागीदारी मात्र 27 प्रतिशत है, महिलाओं द्वारा इस तरह से एक पूरे रेलवे स्टेशन को संभालना अपने आप में एक मील का पत्थर है। इसमें सवाल किया गया है कि क्या अन्य देश भी इसका अनुसरण करेंगे। उत्तर पश्चिम रेलवे के तहत जयपुर- दिल्ली रेल मार्ग पर स्थित गांधी नगर स्टेशन से हर रोज 50 से ज्यादा ट्रेन गुजरती हैं और सात हजार से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही से इस स्टेशन पर रौनक रहती हैं। यहां तैनात महिला कर्मियों को स्टेशन के तमाम कामकाज करने का पूरा प्रशिक्षण दिया गया है।
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