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भारत के सबसे बुजुर्ग मतदाता नेगी ने हिमाचल में किया मतदान
शिमला । हिमाचल प्रदेश में मंडी
संसदीय उपचुनाव में 104 साल के भारत के सबसे उम्रदराज मतदाता माने जाने
वाले श्याम सरन नेगी ने शनिवार को मतदान किया।
नेगी ने 1951-52 के आम चुनावों में भी भाग लिया था, जो देश का पहला आम चुनाव था।
नेगी ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद राज्य की राजधानी से करीब 275 किलोमीटर दूर कल्पा में कहा, 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद से मैंने अपने जीवन में कभी भी वोट डालने का मौका नहीं गंवाया और मैं इस बार भी मतदान करके खुश हूं।
पहले की तरह ही 100 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्ग ने युवा मतदाताओं से अपने प्रतिनिधियों को सत्ता में लाने के लिए लोकतांत्रिक अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध किया।
किन्नौर जिले के कल्पा में अधिकारियों ने वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पहुंचने पर नेगी का रेड कार्पेट स्वागत किया।
लोकतंत्र में ²ढ़ विश्वास रखने वाले नेगी कभी भी किसी भी स्तर के चुनाव में अपना वोट डालने में विफल नहीं रहे हैं, चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो, विधानसभा का हो या फिर पंचायत चुनाव हो।
एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक नेगी 1951 में चुनावी ड्यूटी पर थे और उन्होंने चीनी निर्वाचन क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसे बाद में किन्नौर नाम दिया गया।
नेगी अपने परिवार के सदस्यों के साथ मतदान केंद्र पहुंचे। उन्होंने वोट देने के बाद अपनी स्याही वाली झुरीर्दार उंगली को फहराया और लोगों को अधिक से अधिक मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया।
--आईएएनएस
नेगी ने 1951-52 के आम चुनावों में भी भाग लिया था, जो देश का पहला आम चुनाव था।
नेगी ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद राज्य की राजधानी से करीब 275 किलोमीटर दूर कल्पा में कहा, 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद से मैंने अपने जीवन में कभी भी वोट डालने का मौका नहीं गंवाया और मैं इस बार भी मतदान करके खुश हूं।
पहले की तरह ही 100 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्ग ने युवा मतदाताओं से अपने प्रतिनिधियों को सत्ता में लाने के लिए लोकतांत्रिक अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध किया।
किन्नौर जिले के कल्पा में अधिकारियों ने वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पहुंचने पर नेगी का रेड कार्पेट स्वागत किया।
लोकतंत्र में ²ढ़ विश्वास रखने वाले नेगी कभी भी किसी भी स्तर के चुनाव में अपना वोट डालने में विफल नहीं रहे हैं, चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो, विधानसभा का हो या फिर पंचायत चुनाव हो।
एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक नेगी 1951 में चुनावी ड्यूटी पर थे और उन्होंने चीनी निर्वाचन क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसे बाद में किन्नौर नाम दिया गया।
नेगी अपने परिवार के सदस्यों के साथ मतदान केंद्र पहुंचे। उन्होंने वोट देने के बाद अपनी स्याही वाली झुरीर्दार उंगली को फहराया और लोगों को अधिक से अधिक मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया।
--आईएएनएस
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