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मलेशिया को फाइटर जेट बेचने के लिए भारत की पेशकश, छह अन्य देशों ने दिखाई दिलचस्पी

दिल्ली । भारत ने मलेशिया को 18 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) 'तेजस' बेचने की पेशकश की है। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने भी एलसीए विमानों में दिलचस्पी दिखाई है।
भारत सरकार ने पिछले साल राज्य के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को स्थानीय रूप से उत्पादित तेजस जेट्स के लिए 2023 के आसपास डिलीवरी के लिए 6 बिलियन डॉलर का अनुबंध दिया था।
रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने पिछले साल अक्टूबर में रॉयल मलेशियाई वायु सेना के 18 जेट विमानों के प्रस्ताव के अनुरोध का जवाब दिया था, जिसमें तेजस के दो सीटों वाले संस्करण को बेचने की पेशकश की गई थी।
भारत के कनिष्ठ रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित उत्तर में संसद सदस्यों को बताया कि अन्य देशों ने एलसीए विमानों में रुचि दिखाई है: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस।
उन्होंने कहा कि देश एक स्टील्थ फाइटर जेट के निर्माण पर भी काम कर रहा है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए समयसीमा देने से इनकार कर दिया।
ब्रिटेन ने अप्रैल में कहा था कि वह भारत के अपने लड़ाकू विमान बनाने के लक्ष्य का समर्थन करेगा। भारत के पास वर्तमान में रूसी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों का मिश्रण है
भारत 2025 तक सोवियत काल के अपने सभी रूसी लड़ाकू जेट मिग-21 को जमीन पर उतारने पर विचार कर रहा है
--आईएएनएस
भारत सरकार ने पिछले साल राज्य के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को स्थानीय रूप से उत्पादित तेजस जेट्स के लिए 2023 के आसपास डिलीवरी के लिए 6 बिलियन डॉलर का अनुबंध दिया था।
रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने पिछले साल अक्टूबर में रॉयल मलेशियाई वायु सेना के 18 जेट विमानों के प्रस्ताव के अनुरोध का जवाब दिया था, जिसमें तेजस के दो सीटों वाले संस्करण को बेचने की पेशकश की गई थी।
भारत के कनिष्ठ रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित उत्तर में संसद सदस्यों को बताया कि अन्य देशों ने एलसीए विमानों में रुचि दिखाई है: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस।
उन्होंने कहा कि देश एक स्टील्थ फाइटर जेट के निर्माण पर भी काम कर रहा है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए समयसीमा देने से इनकार कर दिया।
ब्रिटेन ने अप्रैल में कहा था कि वह भारत के अपने लड़ाकू विमान बनाने के लक्ष्य का समर्थन करेगा। भारत के पास वर्तमान में रूसी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों का मिश्रण है
भारत 2025 तक सोवियत काल के अपने सभी रूसी लड़ाकू जेट मिग-21 को जमीन पर उतारने पर विचार कर रहा है
--आईएएनएस
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